तमाड़ विद्रोह Tamar Vidroh

तमाड़ विद्रोह (1782-1821) / (Tamar Vidroh )

  • विद्रोह का प्रारंभ  – मुण्डा आदिवासियों 
  • प्रभावित क्षेत्र – तमाड़ ,रांची 
  • अंग्रेजों के विरूद्ध सबसे लम्बा, और सबसे खूनी आदिवासी विद्रोह था। 
  •  विद्रोह  छः चरणों में संचालित हुआ।

तमाड़ विद्रोह के विभिन्न चरणों का संक्षिप्त विवरण चरण 

अवधि

प्रमुख नेता(नेतृत्व)

दमनकर्ता

1

1782-83

ठाकुर भोलानाथ सिंह 

मेजर जेम्स क्रॉफर्ड

2

1789

विष्णु मानकी व मौजी मानकी

कैप्टन होगन (असफल)

लेफ्टिनेंट कुपर 

3

1794-1798

ठाकुर भोलानाथ सिंह

कैप्टन लिमण्ड व बेन 

4

1807-1808

दुखन शाही मुण्डा

कैप्टन रफसीज

5

1810-1812 

बख्तर शाह

ले० एच. ओडोनेल

6

1819-1821

रूदन मुण्डा व कुंटा मुण्डा

रफसेज व कोलविन

 

तृतीय चरण (1794-98) 

  •  प्रारंभ – 1794 ई. में 
  • नेतृत्व  – तमाड़ के ठाकुर भोलानाथ सिंह
  • अन्य – 
    • सिल्ली के ठाकुर विश्वनाथ सिंह
    • विशुनपुर के ठाकुर हीरानाथ सिंह 
    • बुंडू के ठाकुर शिवनाथ सिंह 
    • आदिवासी नेता रामशाही मुंडा
  • कारण
    • राहे के राजा नरेन्द्र शाही ने 1796 ई. में अंग्रेजों का साथ दिया था 
    • सोनाहतू गाँव में आदिवासियों द्वारा नरेन्द्र शाही का विरोध किया गया। 
  • दमनकर्ता –
    • कैप्टेन लिमण्ड – 1798 ई. में कई विद्रोहियों को गिरफ्तार कर लिया
    • कैप्टेन बेन द्वारा भोलानाथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया 

चतुर्थ चरण (1807-08) 

  •  नेतृत्व – दुखन शाही ,1807 ई. में
  •  दमनकर्ता –
    • कैप्टन रफसीज – 1808 ई. में दुखन शाही गिरफ्तार 

 

पांचवां चरण (1810-12) 

  • नेतृत्व – नावागढ़ क्षेत्र के जागीरदार बख्तर शाह ,1810 ई. में 
  • दमनकर्ता – लेफ्टिनेंट एच. ओडोनेल 
  • बख्तर शाह सरगुजा भाग गया 

 

छठा चरण (1819-21)

  •  नेतृत्व –  रूदन मुण्डा तथा कुंटा मुण्डा ,1819 ई. में 
  • अतिरिक्त 
  • दमनकर्ता – ई. रफसेज, ए. जे. कोलविन
    • तमाड़ के राजा गोविंद शाही द्वारा सहायता मिला 
  • रूदन मुण्डा गिरफ्तार – जुलाई, 1820 में
  • कुंटा मुण्डा गिरफ्तार  – मार्च, 1821 में