धारा (Current) और विभवांतर (Potential Difference) के बीच संबंध की खोज सर्वप्रथम जर्मनी के जार्ज साइमन ओम ने की ।
ओम का नियम (Ohm’s law) : “The current flowing in a conductor at constant temperature is proportional to the potential difference between the ends of the conductor.
ओम के नियम से V ∝ I ⇒ V =IR ; जहाँ R एक नियतांक (constant) है, जिसे चालक प्रतिरोध कहते हैं ।
प्रतिरोध (Resistance) :किसी चालक का वह गुण जो उसमें प्रवाहित धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है ।
प्रतिरोध का SI इकाई : ओम (Ω)
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-
किसी चालक का प्रतिरोध उसके पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है ।
ताप बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ता है, लेकिन ताप बढ़ने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध घटता है ।
लम्बाई बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है और लम्बाई घटने से चालक का प्रतिरोध घटता है ।
चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात् मोटाई बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध घटता है ।