भारत में औद्योगिक विकास
भारत में औद्योगिक विकास के कालखंड को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
- 1. स्वतंत्रता पूर्व भारत में औद्योगिक विकास
- 2. स्वतंत्रता पश्चात् भारत में औद्योगिक विकास
स्वतंत्रता पूर्व भारत में औद्योगिक विकास
- 1853 में चारकोल पर आधारित प्रथम लौह प्रगलन संयंत्र शुरू ,असफल रहा।
- 1854 में ‘कावसजी नानाभाई डाबर’ द्वारा बॉम्बे में सूती मिल की स्थापना की गई।
- 1855 में कोलकाता के पास ‘रिशरा’ में जूट मिल की स्थापना
स्वतंत्रता पश्चात् भारत में औद्योगिक विकास
- केंद्रीय उद्योग मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 6 अप्रैल, 1948 को देश की ‘प्रथम औद्योगिक नीति’ की घोषणा की गई।
- 30 अप्रैल, 1956 को देश में ‘दूसरी औद्योगिक नीति’ की घोषणा की गई।
- भारत सरकार द्वारा 24 जुलाई, 1991 को औद्योगिक क्षेत्र में उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण (Liberalisation, Privatisation and Globalisation-LPG) की नीति की घोषणा की गई।
धात्विक उद्योग
जैसे- लौहे-इस्पात उद्योग, एल्युमीनियम उद्योग, तांबा उद्योग आदि।
लौह-इस्पात उद्योग (Iron-Steel Industry)
- प्रमुख कच्चेमाल – लौह अयस्क, कोकिग कोयला, चूना पत्थर, मैंग्नीज़ आदि
भारत में लौह-इस्पात उद्योग का विकास-क्रम
- 1874 में पश्चिम बंगाल के कुल्टी में ‘बंगाल आयरन वर्क्स’ की स्थापना की गई। इसका नाम ‘बराकर आयरन वर्क्स’ रख दिया गया।
टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (TISCO)
- स्थापना -1907 में , जे.एन.टाटा ने , जमशेदपुर (साकची) में , झारखंड
- यह स्वर्णरेखा व खरकई नदी के संगम पर स्थापित किया गया है।
- TISCO को लौह अयस्क की प्राप्ति – गुरुमहिसानी, बादामपहाड़ पर (ओडिशा) व नोवामुंडी (सिंहभूम) से
- कोयला की प्राप्ति – झरिया व पश्चिमी बोकारो से
इण्डियन आयरन एंड स्टील कंपनी (IISCO)
- स्थापना – 1918 में, पश्चिम बंगाल के बर्नपुर में, दामोदर नदी के किनारे
- कोयले की प्राप्ति – रामगढ़, नूनडीह व झरिया की खदानों से
- लौह अयस्क की प्राप्ति – गुआ की खान, सिंहभूम (झारखंड)
- चूना पत्थर की प्राप्ति – पाराघाट से
- मैंगनीज़ की प्राप्ति – जामदा-बाँसपानी ,ओडिशा से
विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील लिमिटेड (VISL)
- स्थापना – 1923 में, कर्नाटक के शिमोगा जिले में, भद्रा नदी के तट पर
- लौह अयस्क की प्राप्ति – बाबा बूदान पहाड़ी क्षेत्र (केमानगुंडी खान) से
- जलविद्युत की प्राप्ति – जोग व शरावती परियोजनाओं से
- यह कोयला क्षेत्र से दूर स्थापित किया गया है।
हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (HSL), भिलाई (छत्तीसगढ़ )
- 1955 में पूर्व सोवियत संघ और भारत सरकार के बीच भिलाई में स्टील प्लांट की स्थापना के लिये समझौता
- 1950 से प्लांट में उत्पादन कार्य प्रारंभ हुआ।
- कोयला प्राप्ति – कोरबा, बोकारो व झरिया से
- लौह अयस्क की प्राप्ति – दल्ली राजहरा से
- मैंगनीज़ की प्राप्ति – बालाघाट व भंडारा से
- बंदरगाह की सुविधा – विशाखापत्तनम से
हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (HSL), राउरकेला (ओडिशा)
- जर्मनी के सहयोग से
- स्थापना – वर्ष 1959 में ,ओडिशा के शंख व कोइल नदियों के संगम पर,
- कोयला की प्राप्ति – झरिया व कोरबा से
- लौह अयस्क की प्राप्ति – बरसुआ से
- जलविद्युत की प्राप्ति – हीराकुड परियोजना से
हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (HSL), दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)
- स्थापना – 1959 में, पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में,
- ब्रिटेन के सहयोग से
- कोयला की प्राप्ति – रानीगंज, झरिया व बराकर की खान से
- लौह अयस्क की प्राप्ति – गुआ खान (सिंहभूम, झारखंड) से
- जलविद्युत की प्राप्ति – दामोदर नदी घाटी परियोजना से
बोकारो स्टील प्लांट (झारखण्ड )
- सोवियत संघ के सहयोग से
- स्थापना – 1964 में ,बोकारो में, दामोदर नदी के तट पर,
- कोयला की प्राप्ति – बोकारो व झरिया से
- लौह अयस्क की प्राप्ति – किरिबुरू से
- जलविद्युत की प्राप्ति – दामोदर नदी घाटी परियोजना से
विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र (आँध्रप्रदेश )
- सहयोगी – सोवियत संघ
- स्थापना – विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास
- यह भारत का पहला समुद्र तटीय इस्पात कारखाना है।
- लौह अयस्क की प्राप्ति – बैलाडिला की खान से
- कोयला की प्राप्ति – दामोदर घाटी से
सेलम इस्पात संयंत्र (तमिलनाडु)
- यह तमिलनाडु के सेलम लौह अयस्क उत्पादन क्षेत्र (शेवरॉय पहाड़ी) में स्थापित किया गया है।
- इसे नेवेली से लिग्नाइट कोयले की प्राप्ति होती है।
- यह संयंत्र 1982 से कार्यशील है।
- यहाँ ‘स्टेनलेस स्टील’ का निर्माण किया जाता है।
विजयनगर स्टील संयंत्र (कर्नाटक)
- स्थापित – कर्नाटक के बेल्लारी जिले के होस्पेट क्षेत्र में, तुंगभद्रा जलाशय के समीप,
- लौह अयस्क की प्राप्ति – बाबा बूदान पहाड़ी, चिकमंगलूर व होस्पेट क्षेत्र से,
- जलविद्युत की प्राप्ति– तुंगभद्रा परियोजना से
- कोयला की प्राप्ति – तेलंगाना के सिंगरेनी खान से
एल्युमीनियम उद्योग (Aluminium Industry)
- एल्युमीनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, जे.के. नगर (पश्चिम बंगाल)
- स्थापना – 1937 में
- द्वितीय पंचवर्षीय योजना के दौरान संयंत्रों की स्थापना
- हीराकुड (ओडिशा) में
- रेणुकूट (उत्तर प्रदेश) में
- तीसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान संयंत्रों की स्थापना
- मेटूर (तमिलनाडु) में
- चौथी पंचवर्षीय योजना के दौरान संयंत्रों की स्थापना
- कर्नाटक के बेलगाम में
हिंदुस्तान एल्युमीनियम कंपनी (HINDALCO)
- कारखाना – रेणुकूट-सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
- बॉक्साइट की प्राप्ति – झारखंड के लोहरदगा, राँची व पलामू जिलों तथा ओडिशा व छत्तीसगढ़ राज्यों से।
- ऊर्जा की प्राप्ति– रिहंद जलविद्युत परियोजना से।
- सहयोगी देश– संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO)
- (1) कोरबा – छत्तीसगढ़
- बॉक्साइट की प्राप्ति– अमरकंटक पहाड़ी से।
- ऊर्जा की प्राप्ति– NTPC के स्थानीय संयंत्र से।
- (2) रत्नागिरी-महाराष्ट्र
- बॉक्साइट की प्राप्ति– महाराष्ट्र के क्षेत्र से।
- ऊर्जा की प्राप्ति– कोयना जलविद्युत परियोजना (सतारा, महाराष्ट्र) से।
नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
सहयोगीदेश– फ्राँस
- (1) दामनजोड़ी – कोरापुट (ओडिशा)
- बॉक्साइट की प्राप्ति-कोरापुट से।
- (2) अंगुल – ओडिशा
- महानदी घाटी से कोयला एवं ब्राह्मणी नदी से जल प्राप्ति।
मद्रास एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (MALCO)
- कारखाना– मेटूर (तमिलनाडु)
- जलविद्युत – मेटूर परियोजना से
- बॉक्साइट – शेवरॉय पहाड़ी से प्राप्त।
- सहयोगी देश– इटली
वेदांता एल्युमीनियम लिमिटेड
तांबा उद्योग (Copper Industry)
सीसा उद्योग (Lead Industry)
- सीसा का उपयोग – काँच, बैटरी, रबर, प्रिंटिंग, बिजली के केबल आदि बनाने में
जस्ता उद्योग (Zinc Industry)
- जस्ता एक जंगरोधी धातु है
- उपयोग – इस्पात उद्योग में इस्पात को जंगरोधी बनाने हेतु
वस्त्र उद्योग (Textile Industry)
- देश में रोजगार उपलब्ध कराने में वस्त्र उद्योग, कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
- वस्त्र उद्योग- सूती, रेशमी, ऊनी एवं जूट आदि
- भारत का कोटनोपॉलिश(Cottonopolis) – मुंबई
- भारत का मेनचेस्टर – अहमदाबाद
- पूर्व का बोस्टन – अहमदाबाद
- दक्षिण भारत का मेनचेस्टर – कोयंबटूर
- उत्तर भारत का मैनचेस्टर – कानपुर
सूती वस्त्र उद्योग (Cotton Textile Industry)
- भारत में प्रथम आधुनिक सूती कपड़ा मिल – 1818 में कोलकाता के पास ‘फोर्ट ग्लोस्टर’ में, लगायी गई थी (असफल)
- 1854 में सफल प्रयास – ‘कावसजी डाबर’ द्वारा मुंबई में एक आधुनिक सूती वस्त्र उद्योग की नींव रखी गई।
- भारत में सर्वाधिक सूती वस्त्र मिलों वाला राज्य – तमिलनाडु
- भारत के सूती वस्त्र की राजधानी मुंबई है।
सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केंद्र
- महाराष्ट्र-मुंबई, शोलापुर, पुणे, नागपुर, जलगाँव, वर्धा, अकोला, कोल्हापुर, सांगली, सतारा आदि।
- गुजरात-अहमदाबाद, बड़ोदरा, सूरत, भरूच, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर, कलोल, नादियाड, मोरवी, वीरमगाँव आदि।
- तमिलनाडु-कोयंबटूर, चेन्नई, मदुरै, तिरुनलवेली, तूथूकुडि, सेलम, तंजावुर, रामनाथपुरम, विरुधनगर, उदुमलपेट, पोल्लाची आदि।
- उत्तर प्रदेश-कानपुर, मुरादाबाद, मोदीनगर, हाथरस, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, रामपुर, इटावा, गाज़ियाबाद, मेरठ, वाराणसी आदि।
- पश्चिम बंगाल-कोलकाता, हावड़ा, सोदेपुर, सेरामपुर, श्यामनगर, मुर्शिदाबाद, घुसुरी, सैकिया, पानीहाटी, मौरीग्राम, फुलेश्वर आदि।
- पंजाब-लुधियाना, अमृतसर, फगवाड़ा आदि।
रेशम वस्त्र उद्योग (Silk Textile Industry)
- विश्व में सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश – 1.चीन , 2.भारत
- रेशम की प्रमुख पाँच किस्म
- मलबरी
- मूगा – मूगा रेशम के उत्पादन में भारत का एकाधिकार
- इरी
- ट्रॉपिकल टसर
- ओक टसर प्राप्त है।
- आधुनिक भारत की पहली रेशम मिल की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सन् 1832 में ‘हावड़ा’ में की गई थी।
रेशम वस्त्र उद्योग के प्रमुख केंद्र
- कर्नाटकः मैसूर, चन्नपाटना, बंगलूरू, बेलगाँव, कोलार इत्यादि।
- आंध्र प्रदेश: धर्मावरम, नारायणपेट, रायादुर्गम, नीरूगटुपल्ली आदि।
- पश्चिम बंगालः विष्णुपुर, बस्वा, रघुनाथपुर, मुर्शिदाबाद इत्यादि।
- तमिलनाडुः सेलम, तंजावुर, कांचीपुरम, कुंबकोणम, अर्णी, तिरुचिरापल्ली, कोयंबटूर आदि।
- पंजाबः अमृतसर, गुरुदासपुर, होशियारपुर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला आदि।
अन्यः
- जम्मू-कश्मीर (अनंतनाग, श्रीनगर, बारामूला, रियासी)
- मध्य प्रदेश (इंदौर, भोपाल, ग्वालियर)
- उत्तर प्रदेश (वाराणसी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, शाहजहाँपुर)
- बिहार (भागलपुर, गया, पटना)
ऊनी वस्त्र उद्योग (Woollen Textile Industry)
- कुटीर उद्योग
- इसके अंतर्गत कंबल, कालीनें, शॉलें, नमदा, लोई आदि का निर्माण किया जाता था।
- भारत में पहली आधुनिक ऊनी वस्त्र मिल
- स्थापना – 1876 में ‘कानपुर’ में
- भारत में दूसरी ऊनी वस्त्र मिल
- स्थापना – 1881 में धारीवाल (पंजाब) में
- ऊनी वस्त्र उद्योग के प्रमुख केंद्र
- पंजाब– धारीवाल, अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़
- महाराष्ट्र– मुंबई, ठाणे, जलगाँव, अंबरनाथ, अमलनेर
- उत्तर प्रदेश : कानपुर, मोदीनगर, शाहजहाँपुर, मिर्जापुर, भदोही
.
ऊनी कालीन, उद्योग के प्रमुख केंद्र
- पंजाबः अमृतसर, लुधियाना
- उत्तर प्रदेशः गोपीगंज (भदोही) , शाहजहाँपुर एवं आगरा
जूट उद्योग (Jute Industry)
- सर्वाधिक जूट उत्पादक राज्य – 1. पश्चिम बंगाल ,2.बिहार
- सर्वाधिक जूट उत्पादक देश – भारत
- भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जूट निर्यातक देश है।
- भारत का प्रथम जूट कारखाना – ‘जॉर्ज ऑकलैंड‘ द्वारा सन् 1855 में ‘रिशरा’ (कोलकाता के पास) में स्थापित किया गया था।
प्रमुख जूट उद्योग केंद्र
- पश्चिम बंगालः टीटागढ़, जगतदल, हावड़ा, बजबज, भद्रेश्वर, रिशरा, बाली, घुसुडी, सेरामपुर, शिबपुर, श्यामनगर, कमरहट्टी, उलूबेरिया
- आंध्र प्रदेशः इलुरू, गुंटूर, बोंबिली
- बिहारः कटिहार, समस्तीपुर, दरभंगा
- उत्तर प्रदेश: कानपुर, गोरखपुर (सहजनवा)
विशेष
- पशमीना ऊन की प्राप्ति होती है- बकरी से
- अंगोरा ऊन की प्राप्ति होती है- खरगोश से
- भारत का प्रथम आधुनिक ऊन कारखाना स्थापित किया गया था- कानपुर में
- ऊन का सर्वाधिक उत्पादक राज्य– कर्नाटक
- रेशम का सर्वाधिक उत्पादक राज्य – कर्नाटक
- जूट का सर्वाधिक उत्पादक राज्य -पश्चिम बंगाल
- केंद्रीय रेशम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान – मैसूर व बरहामपुर
- संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन – विएना
- अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन – जेनेवा
चीनी उद्योग (Sugar Industry)
- चीनी उद्योग कच्चा माल – गन्ना
- सर्वाधिक चीनी उत्पादक देश – ब्राजील
- भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
- सर्वाधिक चीनी उपभोक्ता देश – भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है।
- पहले चीनी संयंत्र की स्थापना वर्ष 1904 में बिहार के ‘मारोहरा’ (सारण) में हुई थी।
- भारत में वस्त्र उद्योग के बाद चीनी उद्योग दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है।
- गन्ने का सर्वाधिक उत्पादक राज्य– उत्तर प्रदेश
- गन्ने का सर्वाधिक प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वाला राज्य – तमिलनाडु
- सर्वाधिक चीनी कारखाने – महाराष्ट्र में
- गन्ना उत्पादन के लिये सर्वाधिक आदर्श जलवायु क्षेत्र -दक्षिण भारत
- विश्व में चीनी उत्पादक अग्रणी देश (अवरोही क्रम)
- ब्राज़ील
- भारत
- चीन
- भारत में सर्वाधिक चीनी उत्पादक राज्य – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र
प्रमुख चीनी उत्पादक केंद्र
- महाराष्ट्र: अहमदनगर (प्रमुख केंद्र), कोल्हापुर, शोलापुर, पुणे आदि।
- उत्तर प्रदेशः मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर,देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, गोण्डा, फैज़ाबाद आदि।
- तमिलनाडुः कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, कुडालोर, रामनाथपुरम आदि।
- कर्नाटकः बेलगाँव, बेल्लारी, शिमोगा, चित्रदुर्ग, बीजापुर आदि।
- बिहारः चंपारण, सारण, मुज़फ्फरपुर, दरभंगा, गया, भागलपुर आदि।
इंजीनियरिंग उद्योग (Engineering Industry)
- इंजीनियरिंग उद्योगों को तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है:
- मशीनरी उद्योग
- विद्युत उपकरण उद्योग
- मोटरगाड़ी उद्योग
मशीनरी उद्योग (Machinery Industry)
- हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड
- स्थापना – 1958 में , राँची में
- इसके अंतर्गत तीन संयंत्र कार्यरत हैं
- 1. भारी मशीनरी निर्माण संयंत्र
- 2. भारी मशीनी उपकरण संयंत्र
- 3. फाउंडरी भट्टी संयंत्र
भारी मशीनों का निर्माण करने वाली प्रमुख इकाइयाँ
- हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड(HMT) – बंगलूरू (1953)
- भारी इंजीनियरिंग निगम लिमिटेड(HEC) – राँची (1958)
- खनन एवं संबद्ध मशीनरी निगम लिमिटेड – दुर्गापुर (1965)
- भारत हैवी प्लेट्स एंड वैसल्स लिमिटेड – विशाखापत्तनम (1966)
- तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड – मैसूर (कर्नाटक) व आंध्रप्रदेश (1960)
- नेशनल इंस्ट्रमेंट्स लिमिटेड – कोलकाता
विद्युत उपकरण उद्योग (Electrical Equipment Industry)
- भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
मोटर गाड़ी उद्योग (Automobile Industry)
- 1991 में मोटर वाहन उद्योग को लाइसेंस मुक्त कर दिया गया।
- प्रमुख केंद्र – दिल्ली, मुंबई, पुणे, लखनऊ, कोलकाता, मैसूर, जमशेदपुर
रेल उपकरण उद्योग (Rail Equipment Industry)
- देश की सबसे पहली कंपनी – 1921 में झारखंड के सिंहभूम जिले में ‘पेनिनसुलर लोकोमोटिव कंपनी’ के नाम से स्थापित की गई।
- भारतीय रेलवे में डिज़ाइन तथा विकास से संबंधित कार्य
- रिसर्च डिज़ाइंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन, लखनऊ में होता है
- रेल कोच फैक्ट्री
- हरियाणा के सोनीपत में
- उत्तर प्रदेश के रायबरेली में
- देश के पहले रेल विश्वविद्यालय – ‘भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी’ बड़ोदरा (गुजरात)
जलयान निर्माण उद्योग (Shipbuilding Industry)
- हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम
- पूर्व नाम– सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी–1941
- स्थापना – 1952 में
- कोचीन शिपयार्ड
- भारत का आधुनिक तथा सबसे बड़ा पोत प्रांगण है
- निर्माण – 1972 में जापान के सहयोग से
- हुगली डॉक एंड पोर्ट इंजीनियर्स लिमिटेड
- दो इकाइयाँ अवस्थित – सैकिया और नाज़िरगंज में
- मझगाँव डॉक , मुंबई
- इकाइयाँ – न्हावाशेवा एवं मंगलौर में
वायुयान निर्माण उद्योग (Aircraft Industry)
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
- ‘हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड’
- स्थापना – 1940 में बंगलूरू में
- अधिग्रहण सरकार द्वारा – 1964 में
- ‘हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड’ का नाम परिवर्तित कर ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) कर दिया गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग (Electronics Industry)
- 1948 में ‘इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज’ की स्थापना बंगलूरू में की गई।
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बंगलूरू की स्थापना वर्ष 1954 में की गई थी
- 1967 में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद की स्थापना की गई।
सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग (Information Technology Industry)
- सॉफ्टवेयर कंपनियाँ -विप्रो, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी आदि
- बंगलूरू -‘सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
फूटलूज उद्योग (Footloose Industry)
- ऐसे उद्योग जो किसी विशेष स्थान से कोई लाभ नहीं लेते अर्थात् ऐसे उद्योग को किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता है एवं उन पर संसाधन या परिवहन जैसे कारकों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- सॉफ्टवेयर उद्योगों को फूटलूज उद्योग की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
भारत की महारत्न और नवरत्न कंपनियाँ
महारत्न कंपनियाँ (10 )
- भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
- गेल (इंडिया) लिमिटेड (GAIL)
- नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC)
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
- कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL)
- ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC)
- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL)
- पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (POWERGRID)
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
नवरत्न कंपनियाँ (14 )
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
- कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CONCOR)
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
- महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
- नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (NBCC)
- एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLC)
- पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PFC)
- राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL)
- शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SCI)
- इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL)
- नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
- एनएमडीसी लिमिटेड (NMDC)
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)
- रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (REC)
नोट:
- महारत्न तथा नवरत्न कंपनियों के अतिरिक्त 74 अन्य कंपनियों को ‘मिनिरत्न’ का दर्जा प्राप्त है।
रसायन उद्योग (Chemical Industry)
इसके अंतर्गत निम्नलिखित उद्योग सम्मिलित किये जाते हैं
- पेट्रो रसायन उद्योग
- उर्वरक उद्योग
- प्लास्टिक उद्योग
- औषधि निर्माण उद्योग
- सीमेंट उद्योग
- चमड़ा उद्योग
- काँच उद्योग
पेट्रोरसायन उद्योग (Petrochemicals Industry)
- देश में पेट्रो रसायन उद्योग की शुरुआत – 1966 में, यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड, ट्रॉम्बे के संयंत्र की स्थापना से हुई।
- सार्वजनिक क्षेत्र का प्रथम कारखाना
- इंडियन पेट्रोकेमिकल लिमिटेड
- स्थापित – 1969 में ,वड़ोदरा
उर्वरक उद्योग (Fertilizer Industry)
- भारत में रासायनिक उर्वरक उद्योग की शुरुआत – 1906 में रानीपेट (तमिलनाडु) में सुपर फॉस्फेट संयंत्र की स्थापना से हुई।
- फर्टिलाइज़र कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
- स्थापना – 1951 में ,सिंदरी (झारखंड)
- रसायनिक उर्वरक उद्योग में कच्चे माल – नेफ्था, जिप्सम,फॉस्फेट ,गंधक आदि
- भारतीय उर्वरक निगम (1961)
- हिंदुस्तान उर्वरक निगम (1978)
- बरौनी (बिहार)
- दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)
- नामरूप (असम)
- हल्दिया (पश्चिम बंगाल)
- भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी निगम (इफको), 1967
- कलोल एवं कांडला – गुजरात
- फूलपुर – उत्तर प्रदेश
- आँवला – उत्तर प्रदेश
- पारादीप – ओडिशा
- कृषक भारती को-ऑपरेटिव (1980)
- हजीरा – गुजरात
- वाराणसी – उत्तर प्रदेश
- लांजा – महाराष्ट्र
- नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (1974)
- नांगल एवं भटिंडा – पंजाब
- गुना – मध्य प्रदेश
- पानीपत – हरियाणा
प्लास्टिक उद्योग (Plastic Industry)
- प्लास्टिक उद्योग को ‘सनराइज इंडस्ट्री’ भी कहा जाता है।
औषधि निर्माण उद्योग (Pharmaceutical Industry)
- इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड
- संयंत्र – ऋषिकेश, हैदराबाद, गुरुग्राम, चेन्नई, भुवनेश्वर एवं मुज़फ्फरपुर में
- हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, पिंपरी (पुणे)
- इकाइयाँ – नागपुर, बंगलूरू तथा इंफाल में कार्यरत
सीमेंट उद्योग (Cement Industry)
- सीमेंट का आविष्कार 1824 में इंग्लैंड के पोर्टलैंड में किया गया था।
- भारत में पहली बार चेन्नई में 1904 में सीमेंट बनाने का असफल प्रयास किया गया लेकिन सफल संयत्र की शुरुआत 1912-13 में इंडियन सीमेंट कंपनी के पोरबंदर संयंत्र की स्थापना से हुई।
- सीमेंट के लिये कच्चा माल – चूना पत्थर, कोयला, जिप्सम, बॉक्साइट तथा चीका
चमड़ा उद्योग (Leather Industry)
- चमड़ा का शोधन मुख्यतः दो प्रकार से किया जाता है।
पहले तरीके
- अवारम, कोन्नाम, बबूल, वाटिल आदि की छालों द्वारा चर्मशोधन किया जाता है।
दूसरे तरीके
- बाइक्रोमेट, क्रोमियम सल्फेट, अमोनियम आदि रसायनों के साथ अंडे की जर्दी, जैतून के तेल एवं मछली के तेल आदि को मिलाकर से शोधन किया जाता है।
- मुख्य चर्म शोधनशालाएँ – कानपुर, आगरा, कोलकाता, मुंबई, टोंक,कपूरथला, बेलागावी, भोपाल इत्यादि
- Kanpur – ‘Leather City’
काँच उद्योग(Glass Industry )
- आधुनिक तरीके से काँच बनाने के प्रथम कारखाने की स्थापना – 1870 में ‘झेलम’ में (असफल रहा),
- प्रथम सफलकागज कारखाना – 1941 में
- काँच उद्योग में कच्चे माल – सिलिका रेत, सोडा ऐश, फेल्सपार और चूना पत्थर
- सिलिका रेत के स्रोत क्षेत्र – राजमहल पहाड़ियों के मंगलाहार और पाथरघट्टा क्षेत्र, इलाहाबाद के लोहागरा, बरगढ़, शंकरगढ़ (उत्तर प्रदेश), संखेडा (गुजरात) इत्यादि
- काँच उद्योग के प्रमुख केंद्र –
- उत्तर प्रदेश– फिरोज़ाबाद, शिकोहाबाद, बहजोई (मुरादाबाद), हाथरस, हिरंगऊ (आगरा), सासनी (अलीगढ़), बालावली (बिजनौर),नैनी (इलाहाबाद)
- पश्चिम बंगाल– कोलकाता, हावड़ा, बेलगछिया, बेलूर, रिशरा, दमदम, रानीगंज, आसनसोल
- महाराष्ट्र– मुंबई, तालेगाँव (पुणे), सतारा, नागपुरादि
- गुजरात– भरूच, वड़ोदरा, मोरबी, पंचमहल
कागज उद्योग (Paper Industry)
- देश में आधुनिक तरीके से कागज बनाने की प्रथम मिल की स्थापना – 1812 में पश्चिम बंगाल के ‘सेरामपुर’ में (असफल ) रही।
- प्रथम सफल कागज कारखाना – 1867 में, कोलकाता के बालीगंज में
- उत्तर प्रदेश में प्रथम कागज कारखाना – 1879 में, लखनऊ में,
- कच्चेमाल – सेलुलोज लुगदी
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, आडिशा तथा आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से प्राप्त की जाती है।
कागज उद्योग के प्रमुख केंद्र
- पश्चिम बंगाल-टीटागढ़, रानीगंज, त्रिवेणी, कोलकाता, चंद्रहाटी एवं सेवड़ाफुली
- आंध्र प्रदेश-राजमुंद्री, तिरुपति
- उत्तर प्रदेश – लखनऊ , सहारनपुर, मेरठ, मोदीनगर
- तेलंगाना-बोधन, सिरपुर-कागज नगर
- ओडिशा-ब्रजराज नगर, रायगाडा
- मध्य प्रदेश-इंदौर, भोपाल, शहडोल, सीहोर
अखबारी कागज (Newsprint)
- भारत में अखबारी कागज की पहली मिल – मध्य प्रदेश के ‘नेपानगर’ में, 1947 में
- अख़बारी कागज के प्रमुख उत्पादक
- हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लि
- मैसूर पेपर मिल्स (भद्रावती)
- तमिलनाडु न्यूज़प्रिंट एंड पेपर लिमिटेड (वेल्लोर)
लाख (लाह) उद्योग (Lac Industry)
- लाख ‘केरिया लाका’ (Kerria Lacca) कीड़े से प्राप्त किया जाता है।
- यह कीड़ा, पीपल, पलाश, बबूल, गूलर, खैर आदि वृक्षों में पाया जाता है ।
- भारत में लाख का सर्वाधिक उत्पादक राज्य – झारखंड
- लाख का उपयोग – विद्युत इंसुलेशन, जल निरोधक स्याही, चूड़ियाँ, खिलौने, जूते, चित्रकारी, पैंसिल आदि के निर्माण में
दियासलाई उद्योग (Match Industry)
- भारत में प्रथम दियासलाई कारखाने की स्थापना – 1921 में ‘अहमदाबाद’ (गुजरात) में
- यह एक प्रमुख कुटीर उद्योग उत्पाद है।
- दियासलाई बनाने में प्रयोग कच्चे माल – लकड़ी, कागज, पोटेशियम क्लोरेट एवं फॉस्फोरस
- लकड़ी – सलाई, पोपलर, पपीता, सुंदरी एवं धूप आदि वृक्षों से
- दियासलाई उद्योग का संकेद्रण – पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु (शिवकाशी), गुजरात, उत्तर प्रदेश (बरेली, मेरठ,इलाहाबाद, वाराणसी), आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान आदि
तंबाकू उद्योग (Tobacco Industry)
- भारत में तंबाकू पुर्तगालियों की देन है; वर्ष 1508 के बाद इसकी खेती हुआ ।
- तंबाकू के उत्पादन में अग्रणी राज्य – आंध्र प्रदेश
- बीड़ी बनाने में प्रयोग – तेंदू, कचनाल के पत्तों का किया जाता है।
- केंद्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान – आंध्र प्रदेश के ‘राजमुंद्री’ में है।
पर्यटन उद्योग (Tourism Industry)
- पर्यटन भारत में सबसे बड़ा सेवा उद्योग है।
- पर्यटन स्थलों निम्न वर्गों में बाँटा जा सकता है
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- धार्मिक पर्यटन स्थल
- ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक स्थल
- प्राकृतिक पर्यटन स्थल
- भारत में स्थित विश्व धरोहर स्थल
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- धार्मिक पर्यटन स्थल – अयोध्या, काशी, केदारनाथ (हिंदू धर्म), श्रावस्ती, सारनाथ, कुशीनगर (बौद्ध धर्म), अजमेर की दरगाह (मस्लिम धर्म), अमृतसर का स्वर्ण मंदिर (सिख धर्म), गोवा का सेंट जेवियर गिरिजाघर (ईसाई धर्म) आदि
- भारत के ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक स्थल – दिल्ली, आगरा, गोलकुंडा, लखनऊ, जयपुर, बीकानेर, खजुराहो आदि
- प्राकृतिक पर्यटन स्थल – वन्यजीव अभयारण्य, पहाड़, समुद्र तट एवं साहसिक
- भारत में पर्यटन के क्षेत्र में ‘स्वर्ण त्रिभुज’ के अंतर्गत आगरा, दिल्ली तथा जयपुर शहरों का सर्किट बनाया गया है।
- ‘प्रसाद योजना’ स्थलों की वर्तमान संख्या तेरह है
- अजमेर (राजस्थान)
- अमृतसर (पंजाब)
- अमरावती (आंध्र प्रदेश)
- गया,पटना (बिहार)
- द्वारका (गुजरात)
- कांचीपुरम,वेलांकनी (तमिलनाडु)
- पुरी (ओडिशा)
- वाराणसी,मथुरा (उत्तर प्रदेश),
- केदारनाथ (उत्तराखंड)
- कामाख्या मंदिर (असम)
‘प्रसाद योजना’ (PRASAD-Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive ) तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव
- पर्यटन मंत्रालय के तहत भारत सरकार ने वर्ष 2014-2015 में PRASAD Scheme शुरू की थी।
- ‘प्रसाद योजना’ के अंतर्गत 2016-17 चरण के लिये 12 नए तीर्थ स्थलों की पहचान की गई है
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- अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
- बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
- बेलूर (पश्चिम बंगाल)
- देवघर (झारखंड)
- गुरुवयूर (केरल)
- हज़रतबल (जम्मू-कश्मीर)
- कटरा (जम्मू-कश्मीर)
- ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)
- सोमनाथ (गुजरात)
- श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)
- तिरुपति (आंध्र प्रदेश)
- त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)
चिकित्सा पर्यटन (Medical Tourism)
- चिकित्सा पर्यटन जिसे ‘स्वास्थ्य पर्यटन’ भी कहा जाता है
- केरलआयुर्वेदिक चिकित्सा पर्यटन के केंद्र के रूप में उभरा है।
भारत के औद्योगिक प्रदेश (Industrial Regions of India)
- उद्योगों की स्थापना को निर्धारित करने वाले कारक,
- जैसे-कच्चा माल,
- ऊर्जा आपूर्ति,
- परिवहन,
- श्रम,
- बाज़ार आदि
- भारत के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश – 8
- भारत के प्रमुख लघु औद्योगिक प्रदेश – 13
8 प्रमुख औद्योगिक प्रदेश निम्नलिखित हैं
- छोटानागपुर औद्योगिक प्रदेश
- कोलकाता-हुगली औद्योगिक प्रदेश
- विशाखापत्तनम-गुंटूर औद्योगिक प्रदेश
- बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश
- कोल्लम-तिरुवनंतपुरम औद्योगिक प्रदेश
- मुंबई-पुणे औद्योगिक प्रदेश
- गुजरात औद्योगिक प्रदेश
- गुरुग्राम-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश
मुंबई-पुणे औद्योगिक प्रदेश
- मुंबई में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना ,मुंबई हाई में पेट्रोलियम की खोज ।
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र – रायगढ़, अहमदनगर, सतारा, सांगली, जलगाँव आदि
- मुंबई-ठाणे से पुणे तथा नासिक व शोलापुर ज़िलों तक विस्तृत है
कोलकाता-हुगली औद्योगिक प्रदेश
- यह औद्योगिक प्रदेश हुगली नदी के किनारे पश्चिम बंगाल राज्य में विकसित हुआ है।
- उत्तर में बंसबेरिया से लेकर दक्षिण में बिड़लानगर तक यह प्रदेश 100 किमी. से अधिक विस्तृत है।
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र -कोलकाता , हावड़ा ,हल्दिया, सेरामपुर, रिशरा, शिवपुर, नैहाटी, गुरियह, श्यामनगर, टीटागढ़, सौदेपुर, बजबज, त्रिवेणी, हुगली, बेलूर आदि
बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश
- इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास कपास उत्पादन क्षेत्र में होने के कारण सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना से शुरू हुआ था।
- बंगलूरू – ‘सॉफ्टवेयर राजधानी’ के रूप में विकसित है।
औद्योगिक गलियारे (Industrial Corridor)
- देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार द्वारा औद्योगिक गलियारों को विकसित करने की योजना है।
- इसके लिये माल ढुलाई हेतु ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ (अलग रेलवे लाइन) का विकास किया जाएगा।
- इन गलियारों के साथ ही ‘स्मार्ट औद्योगिक नगर’ भी विकसित किये जाएंगे।
- प्रमुख औद्योगिक गलियारों
गुजरात औद्योगिक प्रदेश
- कोयली एवं जामनगर में पेट्रोलियम परिशोधनशालाएँ स्थापित
- प्रदेश का केंद्र – अहमदाबाद से वड़ोदरा के मध्य
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र – भरूच, कोयली, आणद, खेड़ा, सुरेंद्रनगर, जामनगर, वलसाड, सूरत राजकोट आदि
छोटानागपुर औद्योगिक प्रदेश
- जमशेदपुर, बर्नपुर, कुल्टी, बोकारो व राउरकेला में बड़े लौह-इस्पात संयंत्र स्थापित हुए हैं।
- विस्तृत राज्य – पश्चिम बंगाल , ओडिशा , झारखंड में
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र – राँची, धनबाद, चाईबासा, सिंदरी, हज़ारीबाग, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर, आसनसोल, डालमियानगर आदि
विशाखापत्तनम-गुंटूर औद्योगिक प्रदेश
- औद्योगिक केंद्र – विशाखापत्तनम, विजयनगर, राजमुंद्री, विजयवाड़ा, गुंटूर, कुर्नूल, एलूरू आदि
गुरुग्राम-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश
- आगरा-मथुरा में चमड़ा उद्योग
- हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) पाइपलाइन से मथुरा रिफाइनरी को कच्चे तेल की आपूर्ति
कोल्लम-तिरुवनंतपुरम औद्योगिक प्रदेश
- केरल राज्य में विकसित
- कोच्चि में – पेट्रोलियम रिफाइनरी उद्योगों का विकास
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र – कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, अलुवा, एर्नाकुलम, कोच्चि, अलप्पुझा, पुनालूर आदि