ओशेनिया एवं अंटार्कटिका (Oceania and Antarctica)

ओशेनिया एवं अंटार्कटिका

 

ओशेनिया (Oceania) sarkarilibrary.in

  • ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड, मेलानेशिया, माइक्रोनेशिया और पॉलीनेशिया के सम्मिलित भाग को ‘ओशेनिया’ कहा जाता है। 
  • ओशेनिया में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व न्यू गिनी के अलावा अनेक छोटे-बड़े द्वीपीय क्षेत्र शामिल हैं। इसमें ‘ऑस्ट्रेलिया’ सबसे बड़ा व ‘नौरू’ सबसे छोटा देश है। 
  • इसके अधिकांश द्वीपों का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार व प्रवाल कीटों द्वारा हुआ है। 

ऑस्ट्रेलिया (Australia) sarkarilibrary.in

  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का विस्तार पूर्णतः दक्षिणी गोलार्द्ध में है। 
  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की खोज का प्रथम प्रयास ‘जेम्स कुक’ ने किया था। 
  • यह विश्व का सबसे छोटा और सबसे कम जनसंख्या वाला महाद्वीप है। 
  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के उत्तर में ‘अराफुरा सागर’ तथा ‘कारपेंटरिया  की खाड़ी‘ व दक्षिण में ‘ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट‘ स्थित है। 
  • इसके उत्तर-पूर्व में ग्रेट बैरियर रीफ व ‘कोरल सागर‘, उत्तर-पश्चिम में ‘तिमोर सागर‘ तथा दक्षिण-पूर्व में ‘तस्मान सागर‘ स्थित है। 
  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप को ‘टॉरेस जलसंधि’ न्यू गिनी द्वीप से अलग करती है, वहीं कोरल सागर को अराफुरा सागर से जोड़ती है। 
  • ‘बास जलसंधि’ ऑस्ट्रेलिया मुख्यभूमि को तस्मानिया द्वीप से अलग करती है तथा तस्मान सागर को ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट (दक्षिणी सागर) से जोड़ता है।

ऑस्ट्रेलिया sarkarilibrary.in

  • राजधानी -कैनबरा 
  • आकार -विश्व का छठा सबसे बड़ा देश(क्षेत्रफल) 
  • अवस्थिति – हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर के बीच 

नोटः ऑस्ट्रेलिया को ‘द्वीपीय महादेश’ अथवा ‘द्वीपीय देश’ की संज्ञा  दी जाती है।

  •  मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया को दो भागों में बाँटती है 
  • इसे ‘प्यासी भूमि का देश‘ कहा जाता है। 
  • इस देश का विस्तार अधिक क्षेत्रफल में होने से इसे छः स्वशासी राज्यों व दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बाँटा गया है

छः स्वशासी  राज्य

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स्वशासी राज्य

राजधानी 

1.पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया

पर्थ 

2.दक्षिण ऑस्ट्रेलिया

ऐडिलेड

3.विक्टोरिया

मेलबर्न

4.न्यू साउथ वेल्स

सिडनी

5.क्वींसलैंड

ब्रिसबेन

6.तस्मानिया

होबार्ट

केंद्रशासित क्षेत्र

1.कैनबरा

ऑस्ट्रेलिया की राजधानी

2.उत्तरी क्षेत्र

राजधानी-डार्विन

  • ऑस्ट्रेलिया को भौतिक विशेषताओं के आधार पर तीन मुख्य भौतिक प्रदेशों में वर्गीकृत कर सकते हैं
    • 1. पश्चिमी पठारी क्षेत्र 
    • 2. मध्यवर्ती निम्नभूमि 
    • 3. पूर्वी उच्चभूमि/ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत श्रेणी

पश्चिमी पठारी क्षेत्र (IVestern Plateau Area) 

  • ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी क्षेत्रों में मरुस्थलीय या अर्द्ध मरुस्थल के रूप में पठारी भूमि का विस्तार पाया जाता है। इसके अधिकांश क्षेत्रों में कँटीली वनस्पतियों का विस्तार पाया जाता है। 
  • इस पठारी क्षेत्र में गिब्सन, ग्रेट सैंडी व ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल का विस्तार है। sarkarilibrary.in
  •  ऑस्ट्रेलिया की डार्लिंग रेंज, विक्टोरिया श्रेणी का विस्तार इसी क्षेत्र में हुआ है। 
  • यह पठारी क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों में खनिज संसाधनों की दृष्टि से सम्पन्न है। इन खनिज संसाधनों में लौह अयस्क व सोने के बड़े भंडार पाये जाते हैं। कालगूर्ली व कूलगार्डी सोने की खानें इसी क्षेत्र में स्थित हैं। 

मध्यवर्ती निम्नभूमि (Middle Lowlands) 

  • ऑस्ट्रेलिया की मैक्डोनल व मूसग्रेव पर्वत श्रेणी का विस्तार उत्तर-मध्य पठारी क्षेत्र में हुआ है। 
  • मरे व डार्लिंग नदियाँ का मुहाना ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट में स्थित है। 
  • आयर झील अंत:स्थलीय अपवाह का विस्तृत क्षेत्र जिसमें विभिन्न नदियों का निकास होता है। इन नदियों में ‘कूपर क्रीक’ नदी प्रमुख है। 
  • मध्यवर्ती निम्नभूमि क्षेत्र समुद्री प्रभाव से वंचित हो जाता है तथा आर्द्र हवाएँ यहाँ तक पहुँचते-पहुँचते शुष्क हो जाती हैं, जिससे वर्षा की कमी की स्थिति बनी रहती है लेकिन वर्षा जल की कमी के  बावजूद जल संकट की स्थिति नहीं बनती क्योंकि उत्स्नुत कुओं (Artesian Wells) के माध्यम से जलापूर्ति होती रहती है। 
  •  इन कूपों के विस्तृत क्षेत्र को ही ‘ग्रेट आर्टेजियन बेसिन’ कहा जाता है। इसी क्षेत्र में ‘फ्लिंडर्स श्रेणी’ का विकास हुआ है। 

पूर्वी उच्चभूमि/ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत श्रेणी (Eastern Highlands/Great Dividing Range) 

  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के लगभग समानांतर केपयॉर्क प्रायद्वीप के दक्षिण में तस्मानिया द्वीप तक पठारी व पर्वतीय स्थलाकृति के रूप में ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत श्रेणी का विस्तार है।  sarkarilibrary.in
  •  ‘कोस्यूस्को’ (2,228 मी.) ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च चोटी है। इस पर्वत श्रेणी से अनेक नदियों का उद्गम होता है, जिसमें से मर्रे  व डार्लिंग प्रमुख नदी हैं। 
  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर विश्व प्रसिद्ध ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ है। यह संसार की सबसे लंबी प्रवाल भित्ति है, इसकी कुल लंबाई 2,000 किमी. से भी अधिक है। 
  • ग्रेट बैरियर रीफ एक प्रकार की अवरोधक प्रवाल भित्ति है। इसे ‘अंडर वाटर गार्डेन’ (Underwater Garden) भी कहते हैं।

पर्वत

नदियाँ

झील

मरुस्थल

डार्लिंग रेंज

मैक्डोनल श्रेणी

ब्लू माउंटेन्स

माउंट ग्रे

सेंट मैरी पहाड़ी

मुसग्रेव श्रेणी

ग्रामपियन

मर्रे 

डार्लिंग

मुर्रमबिजी

विक्टोरिया

 स्वान

डी ग्रे 

गिलबर्ट (कार्पेन्टेरिया की खाड़ी में गिरती है।)

आयर झील 

(ऑस्ट्रेलिया का सबसे निम्नतम बिंदु) 

डिसएपॉइंटमेंट लेक

ऑस्टिन झील

बार्ली झील

ग्रेट सैंडी 

ग्रेट विक्टोरिया

सिंपसन

गिब्सन

स्टर्ट

जलवायु (Climate) 

  • ऑस्ट्रेलिया का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार अधिक होने के कारण यहाँ की जलवायु में अधिक विविधता पाई जाती है। ऑस्ट्रेलिया में अधिकांश वर्षा पूर्वी पठारी क्षेत्र व दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में होती है। 
  • मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया को दो जलवायवीय प्रदेशों में वर्गीकृत करती है। इसके दक्षिणी भाग में शीतोष्ण कटिबंध व उत्तरी भाग में उष्ण कटिबंधीय जलवायु पाई जाती है। 
  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तटों से चलने वाली आर्द्र पवनों के मार्ग में पूर्वी उच्चभूमि एक अवरोधक का कार्य करती है, जिससे अधिकांश वर्षा इसी क्षेत्र में हो जाती है। 
  •  पश्चिमी भाग व मध्यवर्ती निम्न भूमि में शुष्क हवाओं के प्रवाह से वर्षा नगण्य दर से होती है, जिससे मध्यवर्ती निम्नभूमि से लेकर पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया तक एक गर्म मरुस्थल का विस्तार पाया जाता है।  sarkarilibrary.in
  • वहीं उत्तरी क्षेत्रों मुख्यतः केपयॉर्क प्रायद्वीप में मानसूनी पवनों के प्रवाह से ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा होती है तथा दक्षिणी-पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में भूमध्यसागरीय जलवायु के प्रभाव से शीतकालीन वर्षा होती है। 
  • ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया द्वीप पर समुद्री समकारी प्रभाव से वर्ष भर वर्षा होती है। इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया में सर्वाधिक वर्षा उत्तरी व उत्तरी पूर्वी भाग में तथा सबसे कम वर्षा मध्यवर्ती निम्नभूमि में होती है। 
  • ऑस्ट्रेलिया में आने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात को ‘विली-विली’ कहते हैं।

वनस्पति (Vegetation) 

  • वनस्पतियों का विकास वहाँ पर होने वाली वर्षा की मात्रा पर निर्भर करता है। तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण वनों का विकास हुआ है। 
  • शुष्क मध्यवर्ती क्षेत्रों में घास व कँटीली झाड़ियों का विकास हुआ है। 
  • ऑस्ट्रेलिया में दो प्रकार की घास भूमियों का विकास हुआ है। उत्तर में उष्णकटिबंधीय घास भूमियों को ‘सवाना’ कहते हैं तथा दक्षिण में मरे-डार्लिंग बेसिन में शीतोष्ण कटिबंधीय घास भूमियाँ ‘डाउंस’ कहलाती हैं। 
  • ऑस्ट्रेलिया के शुष्क व अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में नागफनी जैसे काँटेदार पौधों का विस्तार पाया जाता है। 
  • यूकेलिप्टस वृक्ष ऑस्ट्रेलिया में सामान्य रूप से शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में विस्तृत रूप से पाया जाता है। इनमें ‘जर्रा’ व ‘कारी’ नामक किस्मों का उपयोग इमारती लकड़ी के रूप में किया जाता है। 
  • ‘वैटल’ ऑस्ट्रेलिया का प्रसिद्ध वृक्ष एवं राष्ट्रीय प्रतीक (Floral Emblem) है, जिस पर ग्रीष्म ऋतु में सुनहरे रंग के फूल खिलते हैं। वहीं, अर्द्ध-शुष्क (सवाना) क्षेत्रों में ‘साल्टबुश’ व ‘मुल्गा’ नामक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। sarkarilibrary.in

वन्यजीव  (Wildlife) 

  • ऑस्ट्रेलिया में अनेक विचित्र जीव-जंतु पाये जाते हैं। ‘कंगारू’ व ‘वेल्लाबी’ इनमें सबसे प्रसिद्ध हैं। कंगारू तो ऑस्ट्रेलिया का एक प्रतीक बन चुका है। 
  •  ‘प्लैटिपस’ में पशु व पक्षी दोनों का मिश्रण पाया जाता है। यह जल व भूमि के अंदर न केवल रहने के अनुकूल है बल्कि पक्षियों की तरह अंडे भी देता है। 
  • ‘कोआला’ ऑस्ट्रेलिया का एक अन्य विचित्र जानवर है जो सिर्फ पेड़ों पर रहता है, दिन में सोता है तथा रात को जागता है। 
  • ‘डिंगो’ नामक जंगली कुत्ता भी ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
  • यहाँ पर अनेक विचित्र पक्षी भी पाये जाते हैं। इनमें ऐमू, कूकाबुर्रा तथा लायरबर्ड प्रमुख है 
  •  ‘कूकाबुर्रा’ अपनी विचित्र हँसी के लिये प्रसिद्ध है, इसे ‘लाफिंग जैकास’ भी कहते हैं। वहीं ‘ऐमू’ एक ऐसा पक्षी है, जो तेज़ चाल से दौड़ सकता है किंतु उड़ नहीं सकता, जबकि ‘लायरबर्ड’ नकल करने में कुशल होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।  sarkarilibrary.in

कृषि व पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandry) 

  • ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश क्षेत्र वर्षाविहीन होने के कारण कृषि उपयोग हेतु भूमि की उपलब्धता सीमित है, अतः यहाँ कुछ क्षेत्र पर ही कृषि की जाती है। 
  • गेहँ यहाँ की प्रमुख फसल है। न्यू साउथ वेल्सपश्चिमी ऑस्ट्रेलिया गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं जबकि डार्लिंग, डाउंस व विक्टोरिया नदी घाटी वाले क्षेत्रों में भी गेहूँ की कृषि की जाती है। 
  • गन्ना व कपास की खेती प्रमुख रूप से क्वींसलैंड में की जाती है। 
  • चावल का उत्पादन सिंचित क्षेत्रों में करते हैं, वहीं दक्षिणी-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के भूमध्यसागरीय जलवायवीय क्षेत्रों में रसदार फलों के रूप में अंगूर, संतरे जैसे फलों की खेती की जाती है।
  •  मरे व डार्लिंग बेसिन में भेड़ पालन वृहद् स्तर पर किया जाता है। यहाँ ‘मेरिनो’ प्रजाति की भेड़ें पाली जाती हैं। यह सबसे उत्तम प्रजाति की भेड़ें होती हैं। भेड़पालन केंद्रों पर कार्य करने वाले मजदूरों को ‘जेकारू‘ कहा जाता है। 
  • ऊन उत्पादन की दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया विश्व में अग्रणी स्थान रखता है।  sarkarilibrary.in

खनिज तथा उद्योग (Minerals and Industries) 

  • बॉक्साइट के उत्पादन में ऑस्ट्रेलिया विश्व में प्रथम स्थान रखता है, क्वींसलैंड का ‘वीपा’ बॉक्साइट उत्पादन हेतु विश्व प्रसिद्ध है।
  • ऑस्ट्रेलिया के कालगूर्ली व कूलगार्डीस्वर्ण नगरी के रूप में प्रसिद्ध हैं। 
  •  न्यू साउथ वेल्स कोयले के लिये तो पिलबारा लौह अयस्क के उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है। 
  • यहाँ के ऐलिस स्प्रिंग में तेल व प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है। 
  • ऑस्ट्रेलिया में अधिकांश उद्योगों का विकास विक्टोरिया व न्यू साउथ वेल्स में हुआ है। सिडनी लौह इस्पात, कागज़, छपाई एवं रासायनिक उद्योगों के लिये महत्त्वपूर्ण शहर है। 

जनसंख्या एवं परिवहन (Population and Transport) 

  • ऑस्ट्रेलिया की राजधानी ‘कैनबरा’ है किंतु यहाँ का सबसे बड़ा शहर सिडनी है। 
  •  ऑस्ट्रेलिया का पर्थ शहर दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। पर्थ ‘स्वान’ नदी के किनारे स्थित होने के साथ-साथ पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी है। वहीं स्वान नदी के मुहाने पर ‘फ्रीमेंटल’ बंदरगाह स्थित है। 
  • डार्विन शहर को दक्षिण-पूर्व एशिया हेतु ऑस्ट्रेलिया का प्रवेश द्वार’ कहते हैं। 
  • मेलबर्न विक्टोरिया प्रांत की राजधानी होने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। 
  • होबार्ट, तस्मानिया की राजधानी है तथा सेब उत्पादन व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु प्रसिद्ध है। 
  • सेंट विन्सेंट की खाड़ी पर स्थित ‘एडिलेड शहर’ दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी होने के साथ-साथ कृषि, वस्त्र उद्योग व दुग्ध उद्योग आदि का प्रमुख केंद्र है। 
  • यहाँ का ‘ट्रांस ऑस्ट्रेलियन रेलमार्ग’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जो सिडनी को पर्थ से जोड़ता है।  sarkarilibrary.in

न्यूज़ीलैंड (New Zealand) 

  • दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित यह देश ‘दक्षिण का ब्रिटेन‘ कहलाता है। 
  • न्यूज़ीलैंड की खोज ‘आबेल तस्मान’ ने की थी, तत्पश्चात् 1769 में कैप्टन जेम्स कुक ने यहाँ की यात्रा की। 
  • न्यूज़ीलैंड के  दो प्रमुख द्वीप- उत्तरी द्वीप व दक्षिणी द्वीप हैं। ये दोनों द्वीप आपस में ‘कुक जलसंधि’ द्वारा अलग होते हैं। 
  • वहीं ‘फोवियॉक्स जलसंधि’स्टेवर्ट द्वीप को दक्षिणी द्वीप से अलग करती है।
  • न्यूजीलैंड – राजधानी वेलिंग्टन (विश्व की दक्षिणतम राजधानी) 
  • मूल निवासी  – माओरी 
  • जलवायु – शीतोष्ण 
  • राष्ट्रीय पक्षीकीवी  sarkarilibrary.in
  • न्यूज़ीलैंड का दक्षिणी द्वीप क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा द्वीप है। इस पर स्थित पर्वतीय क्षेत्र को ‘दक्षिणी अल्प्स’ कहते है। इसकी सर्वोच्च चोटी ‘माउंट कुक’ है। द्वीप के पूर्वी क्षेत्र में जलोढ़ उपजाऊ मृदा से निर्मित मैदान को ‘कैंटरबरी का मैदान’ कहते हैं। 
  • न्यूज़ीलैंड के उत्तरी द्वीप पर ‘वैकाटो नदी’ का प्रवाह होता है जो न्यूज़ीलैंड की सबसे बड़ी नदी है। उत्तरी द्वीप के उत्तर-पश्चिमी विस्तार को ऑकलैंड प्रायद्वीप कहते हैं। 
  • उत्तरी द्वीप पर ही ज्वालामुखी व गर्म जल के झरने (गीज़र) मिलते हैं। न्यूज़ीलैंड की सबसे बड़ी झील ‘टॉपो झील‘ है। 
  • न्यूज़ीलैंड में ब्रिटिश तुल्य/यूरोपीय तुल्य जलवायु का प्रभाव होने के कारण वर्ष भर वर्षा होती है। यह वर्षा पछुआ पवनों के प्रभाव से होती है, अतः सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी द्वीप के पश्चिमी तटों पर होती है क्योंकि दक्षिणी अल्प्स इनके मार्ग में अवरोधक का कार्य करता है। 
  • यूरोपीय जलवायवीय दशाएँ होने के कारण शंकुधारी वनस्पतियों का विकास हुआ है। ये वनस्पतियाँ सदाबहारी प्रकृति की हैं। 
  • एमू, कीवी तथा कुकाबुर्रा प्रमुख पक्षी हैं।
  • यहाँ के अन्य प्रमुख नगर वेलिंग्टन,डुनेडिन, हैमिल्टन,ऑकलैंड व क्राइस्टचर्च हैं। 
  • माओरी जनजाति के लोग न्यूज़ीलैंड की ‘व्हांगानुई नदी‘ पर निर्भर हैं। इस नदी को ‘जीवित मानव’ का दर्जा प्राप्त है 

प्रशांत महासागरीय द्वीप समूह (Pacific Ocean Islands) 

  • प्रशांत महासागर में अनेक द्वीप ज्वालामुखी रेखा व ज्वालामुखी समूह के रूप में विद्यमान हैं तथा कुछ द्वीप प्रवाल द्वीप के रूप में स्थित हैं। 
  • ज्वालामुखी निर्मित द्वीप अधिक ऊँचे हैं और यहाँ उपजाऊ मृदा पाये जाने के कारण जनसंख्या का संकेंद्रण भी अधिक हुआ है। 
  • प्रवाल निर्मित द्वीप अपेक्षाकृत कम ऊँचे हैं और इन पर जनसंख्या की अधिकता भी नहीं पाई जाती है। प्रशांत महासागरीय द्वीप समूहों को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है
    1. माइक्रोनेशिया 
    2. पॉलीनेशिया 
    3. मेलानेशिया 

माइक्रोनेशिया 

  • फिलीपींस के पूर्व में स्थित इस प्रदेश के अंतर्गत चार प्रमुख द्वीप समूह समाहित हैं- उत्तरी मेरियाना, कैरोलीन, मार्शल व गिल्बर्ट द्वीप। 
  • माइक्रोनेशिया का सबसे बड़ा द्वीप ‘पोन्पेई’ (Pohnpei) है। ‘बिकिनी द्वीप’ भी माइक्रोनेशिया द्वीप समूह के मार्शल द्वीप में शामिल है। 
  • किरिबाती संघीय राज्य की राजधानी ‘तरावा’ है तथा नौरू संघीय राज्य की राजधानी ‘यारेन डिस्ट्रिक्ट‘ है। इन दोनों द्वीपों पर फॉस्फेट के निक्षेप बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं। 

पॉलीनेशिया 

  • त्रिभुज के आकार में फैला यह क्षेत्र जो मेलानेशिया व माइक्रोनेशिया के पूर्व में स्थित है, इसमें अनेक छोटे-छोटे द्वीप समूह शामिल हैं, जैसे- हवाई, तुवालू, ईस्टर, फ्रेंच पॉलिनेशिया, कुक, ताहिती, पिटकैर्न आदि। इन द्वीपों को ‘हरी मणि‘ कहते हैं। 
  •  तुवालू जो वर्तमान में UNO का सदस्य देश है, विश्व के सबसे छोटे देशों में से एक है। इसकी राजधानी ‘फुनाफुटी’ है। 

मेलानेशिया 

  • मेलानेशिया प्रशांत महासागर के पश्चिम में स्थित है। इस क्षेत्र के अंतर्गत न्यू गिनी, सोलोमन, वानुआतु, न्यू कैलेडोनिया तथा फिजी शामिल हैं। 
  • सोलोमन द्वीप समूह के बोगनविली में तांबा, चांदी, जस्ता, सोना व शीशा का भंडार पाया जाता है। 
  • फिजी गन्ने की कृषि के लिये विश्व प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी ‘सूवा’ है।

अंटार्कटिका (Antarctica)

  •  गोंडवानालैंड के विखंडन से निर्मित अंटार्कटिका विश्व का पाँचवा बड़ा महाद्वीप है
  •  इसे ‘निर्जन महाद्वीप‘ (वर्ष भर बर्फ से ढंके होने के कारण यहाँ स्थायी निवास का अभाव) भी कहते हैं.
  • इसे ‘श्वेत महाद्वीप‘ भी कहते हैं। 
  •  इस महाद्वीप को ‘गतिशील महाद्वीप‘ की भी उपमा दी जाती है क्योंकि बर्फ का प्रसार व पिघलना ऋतु के अनुसार होता रहता है।
  • इसको ‘विज्ञान के लिये समर्पित महाद्वीप‘ भी कहते हैं। 
  • यहाँ की ‘क्वीन ऑफ मॉड श्रेणी’ अंटार्कटिका को दो भागों में वर्गीकृत करती है।
  • माउंट एरेबुस शिखर एक सक्रिय ज्वालामुखी शिखर है।
  • एल्सबर्थ पर्वत श्रेणी में अंटार्कटिका की सर्वोच्च  चोटी ‘विन्सन मैसिफ़’ स्थित है। 
  • ‘पाल्मर प्रायद्वीप’ वर्ष में कुछ समय के लिये बर्फ से मुक्त रहता है। फलतः यहाँ काई व लाइकेन जैसी वनस्पतियों का विकास होता है। 
  • हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर एवं प्रशांत महासागर इस महाद्वीप के इर्द-गिर्द मिलते हैं। 
  • अंटार्कटिका के हिमनदों में पृथ्वी का 90 प्रतिशत बर्फ का भंडार है। इस महाद्वीप में पृथ्वी का 70 प्रतिशत मीठा जल मौजूद है। 
  • खनिजों की खानें वगैरह अब तक न होने की वजह से इस महाद्वीप में कोयले, लोहे, यूरेनियम, तांबे, तेल एवं गैस के बड़े भंडार होने की संभावना है। 
  • रॉस सागर व वेडेल सागर अंटार्कटिका में ही स्थित हैं। 
  • विश्व का सबसे  बड़ा ग्लेशियर ‘लैंबर्ट’ यहीं अवस्थित है। 
  • अंटार्कटिका महाद्वीप वैज्ञानिक खोजों के लिये प्रसिद्ध है और जोर देशों ने यहाँ अपनी शोधशालाएँ स्थापित की हैं, अतः इसको ‘विज्ञान के लिये समर्पित महाद्वीप‘ की भी उपमा दी जाती है। 
  • एस.जेड. कासिम के नेतृत्व में भारत का प्रथम वैज्ञानिक दल इस महाद्वीप पर 1981-82 में गया था। 
  • भारत ने अपना अनुसंधान केंद्र ‘दक्षिण गंगोत्री’ मैत्री‘ और भारती स्थापित किया है। 
  •  ‘मैत्री’ नामक अनुसंधान केंद्र ‘शिरमार्चर ओएसिस’ (Schirmarcher Oasis) के पास स्थित है। 
  • भारत ने अपना राष्ट्रीय अंटार्कटिका अध्ययन केंद्र गोवा में स्थापित किया है।  
  • नोट: अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाले प्रथम भारतीय लेफ्टिनेंट रामचरण  थे। वर्तमान में भारत का 36वाँ अभियान अंटार्कटिका पर कार्यरत है। 
  • अंटार्कटिका ऐसा एकमात्र महाद्वीप है, जिसका कोई मूल निवासी नहीं है। 
  • 1959 की अंटार्कटिका संधि के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया कि वहाँ का कोई भी भाग किसी देश विशेष का न होकर, सारी पृथ्वी का एक प्राकृतिक प्रदेश होगा, जिसका उपयोग विज्ञान अनुसंधान में होगा। 
  • अंटार्कटिका में व्हेल (Whale) और सील (Seal) पाये जाते हैं।
  • यहीं पर पेंगुइन जैसे न उड़ने वाले पक्षी व ‘क्रिल मछली’ के झुंड पाये जाते हैं। यहाँ के उड़ने वाले पक्षियों में ‘अल्बाट्रोस’ तथा ‘पेट्रेल’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। 
  • अंटार्कटिका के ऊपर ओज़ोन रिक्तीकरण की प्रक्रिया 1980 के दशक में नासा के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाश में लाई गई।
  • रॉस सागर – रॉस सागर अंटार्कटिका में विक्टोरिया लैंड और मेरी बियर्डलैंड के बीच दक्षिण-पश्चिम में अवस्थित है। 
  • रॉस सागर पृथ्वी का निर्जनतम क्षेत्र माना जाता है तथा इसे ‘गार्डन ऑफ ईडन‘ की संज्ञा भी प्राप्त है। 
  • रॉस सागर जैव विविधता, मानव अन्वेषण तथा वैज्ञानिक अनुसंधान की दृष्टि से एक अतुलनीय स्थान है। 
  • पर्यावरणीय सचेतता के कारण CCAMLR (Commission for the Conservation of Antarctic Marine Living Resources) द्वारा अक्तूबर 2016 में रॉस सागर को विश्व का सबसे बड़ा समुद्री संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।

 

विश्व का आठवाँ महाद्वीप-ज़ीलैंडिया(Zealandia)

  • ‘ज़ीलैंडिया’ का अधिकांश भाग दक्षिण प्रशांत महासागर के नीचे डूबा हुआ है।
  • यह कभी विशाल गोंडवाना महाद्वीप का हिस्सा था और वर्तमान से करीब 75 करोड़ वर्ष पहले उससे अलग हुआ था।
  • पाँच लाख वर्ग किलोमीटर में फैला यह महाद्वीप, न्यूज़ीलैंड के निचे  दक्षिण से  न्यू कैलेडोनिया के उत्तर तक और पश्चिम में ऑस्ट्रेलिया के केन पठार तक फैला हुआ है। 
  • सबसे पहले Bruce Luyendyk ने ज़ीलैंडिया शब्द की चर्चा 1995 में की। 
  • 2017 में इस आठवे महाद्वीप के अस्तित्व की पुष्टि की गई थी

महाद्वीप होने की प्रमुख शर्तें निम्नलिखित है 

  • स्पष्ट परिभाषित सीमा 
  • एक मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल 
  • महाद्वीपीय भूपर्पटी महासागरीय भूपर्पटी से मोटी हो
  • महाद्वीप के Bathymetry मैप और Tectonic मैप से इन शर्तों के पूरे होने की पुष्टि होती है 
  • Bathymetry मैप पानी के अंदर महाद्वीप के आकार को बताता है जबकि Tectonic मैप भूपर्पटी की आयु एवं प्रकार भ्रंश और ज्वालामुखीयों के बारे में बताता है
  • Bathymetry मैप के लिए डाटा Seabed 2030 प्रोजेक्ट के द्वारा दिया गया है
  • Seabed 2030 प्रोजेक्ट संपूर्ण समुद्री सतह को मापने की एक वैश्विक पहल है