जैव संसाधन (Biotic Resources) 

  • सजीव संसाधनों को ‘जैव संसाधन’ कहते हैं, जैसे-पौधे एवं जीव-जंतु  आदि।
  • ये जीवमंडल से प्राप्त होते हैं तथा पुनरुत्पादन करने की क्षमता रखते हैं। 

अजैव संसाधन (Abiotic Resources) 

  • निर्जीव संसाधनों को ‘अजैव संसाधन’ कहते हैं, जैसे- मृदा, चट्टानें एवं खनिज
  • ये संसाधन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में सजीव संसाधनों को प्रभावित करते हैं। 

नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources) .

  • वे संसाधन जो शीघ्रता से ‘नवीकृत/पुनः पूरित‘ हो जाते हैं, उन्हें ‘नवीकरणीय संसाधन’ कहते हैं, जैसे- वायु, जल तथा सौर ऊर्जा आदि।

अनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources) 

  • वे संसाधन जिनका भंडार सीमित है तथा भंडार के एक बार समाप्त होने के बाद उनके ‘नवीकृत/पुनः पूरित’ होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं, उन्हें ‘अनवीकरणीय संसाधन’ कहते हैं, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, मृदा आदि।
  • शाब्दिक व्युत्पत्ति के आधार पर ‘मृदा‘ को नवीकरणीय संसाधन की श्रेणी में रखते हैं, जबकि निर्माण प्रक्रिया में लगने वाली अवधि के आधार पर मृदा को ‘अनवीकरणीय संसाधन’ की श्रेणी में रखा जाता है। 

मानव निर्मित संसाधन (Man-Made Resources) 

  • प्राकृतिक पदार्थों/संसाधनों में मनुष्य जब कुछ परिवर्तन करके उनको मूल्यवान बना देता है तो ऐसे संसाधनों को ‘मानव निर्मित संसाधन’

जनसंख्या संघटन (Population Composition) 

  • कुल जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में (वैश्विक संदर्भ) बाँटा जाता है, जैसे.
    • 0-14 वर्ष (आश्रित जनसंख्या)
    • 15-64 वर्ष (कार्यशील जनसंख्या)
    • 65 वर्ष से ऊपर (आश्रित जनसंख्या) 

मानव विकास सूचकांक (HDI) 

  •  ‘प्रो. अमर्त्य सेन’ तथा पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ‘महबूब-उल-हक‘ द्वारा इस सूचकांक का विकास किया गया। 
  • 1990 में पहली बार इस सूचकांक का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में किया गया। 
  • इस सूचकांक में प्रति व्यक्ति आय, जीवन प्रत्याशा तथा शिक्षा स्तर जैसे प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है। 
  • इस सूचकांक का मान 0 से 1 के बीच होता है। 

खनिजों का निष्कर्षण (Extraction of Minerals) 

  • खनिजों का निष्कर्षण मुख्यतः तीन विधियों द्वारा किया जाता है
  • खनन (Mining) – पृथ्वी की सतह के अंदर शैलों में दबे खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया ‘खनन’ कहलाती है।
  • प्रवेधन (Drilling) – प्राकृतिक गैस तथा तेल धरातल के बहुत नीचे पाये जाते हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिये गहरे कूपों की खुदाई की जाती है, इसे ही ‘प्रवेधन’ कहते हैं।
  • आखनन (Quarrying) – सतह के निकट स्थित खनिजों को जिस प्रक्रिया के द्वारा बाहर निकाला जाता है, उसे ‘आखनन’ कहते हैं।

खनिजों के प्रकार (Types of Minerals) 

  • संरचना के आधार पर खनिज को मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है
  • धात्विक खनिज (Metallic Minerals) – वे खनिज जिनमें धातुएँ कच्चे पदार्थ के रूप में मौजूद होती हैं, उन्हें ‘धात्विक खनिज’ कहते हैं।
    • धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं
      • लौह(iron/ferrous) : जिन खनिजों में लौह अंश पाया जाता है।
      • अलौह(non ferrous) : इस प्रकार के खनिज लौह युक्त नहीं होते हैं। 
  • अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals) – वे खनिज जिनमें धातुएँ मौजूद नहीं रहती हैं, उन्हें ‘अधात्विक खनिज’ कहते हैं, जैसे- नाइट्रेट, कोयला, हीरा, जिप्सम, गंधक, फॉस्फेट, नीलम आदि। 

लौह अयस्क (Iron Ore) 

  • लोहा एक धात्विक खनिज है। यह पृथ्वी की आंतरिक परतों में अयस्क के रूप में पाई जाने वाली प्रमुख धातु है। 
  • लौह अयस्क चार प्रकार (मैग्नेटाइट, हेमेटाइट, लिमोनाइट, सिडेराइट/Magnetite, Hematite, Limonite, Siderite) के होते हैं। 
  • मैग्नेटाइट सर्वोत्तम किस्म का चुबकीय लौह अयस्क है जबकि सिडेराइट को ‘लौह कार्बोनेट’ कहा जाता है।

लौह अयस्क 

भंडारण की दृष्टि से शीर्ष 5 राष्ट्र 

उत्पादन की दृष्टि से शीर्ष 5 राष्ट्र 

1. ऑस्ट्रेलिया

2. रूस

3. ब्राजील

4. चीन

5.भारत

1. ऑस्ट्रेलिया 

2. ब्राज़ील

3. चीन

4.भारत  

5. रूस

स्रोत : USGS, MCS- 2017

विश्व के प्रमुख लौह अयस्क क्षेत्र

देश

क्षेत्र

अमेरिका

मेसाबी रेंज (सुपीरियर झील क्षेत्र), पेंसिलवेनिया,

अलबामा

ब्राजील

इताबीरा पहाड़ी (मिनास गरेस प्रांत)

दक्षिण अफ्रीका

पोस्टमासवर्ग क्षेत्र (ट्रांसवाल)

ऑस्ट्रेलिया

पिलबारा क्षेत्र (हैमरस्ले)

चीन

मंचूरिया, शांसी, शान्तुंग, दक्षिण सिचुआन

रूस

मैग्निटोगोसार्क पर्वत, निझनी तागिल

स्वीडन

किरूना व गैलीवारा 

मैंगनीज़ (Manganese) 

  • इसकी प्राप्ति पायरोलुसाइट, रोडोक्रोसाइट(pyrolusite, rhodochrosite) जैसे अयस्कों से होती है। 
  • मैंगनीज़ का उपयोग स्टील उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। 
  • पायरोलुसाइट व साइलोमिलेन(pyrolusite and Psilomelane) इसके सर्वप्रमुख अयस्क हैं।

मैंगनीज़ के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. दक्षिण अफ्रीका 

2. यूक्रेन

3. ब्राजील

1. दक्षिण अफ्रीका

 2. चीन

 3. ऑस्ट्रेलिया

स्रोतः USGS, MCS-2017

विश्व के प्रमुख मैंगनीज़ क्षेत्र

देश

क्षेत्र

चीन

पेंकी क्षेत्र (मंचूरिया), बुटांग क्षेत्र, हुनान

दक्षिण अफ्रीका

पोस्टमासवर्ग क्षेत्र

ब्राज़ील 

मीनासग्रेस, मोटोग्रासो, अमापा क्षेत्र

यूक्रेन

निकोपोल

तांबा (Copper) 

  • तांबा आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है। 
  • तांबा को टिन के साथ मिलाकर कांस्य(bronze) तथा जस्ते(zinc) के साथ मिलाकर पीतल(brass) बनाया जाता है।

तांबा उत्पादक प्रमुख क्षेत्र

देश 

क्षेत्र

चिली

चूक्विकमाटा क्षेत्र

अमेरिका

एरिज़ोना प्रांत, मोंटाना प्रांत

कॉन्गो

कटंगा क्षेत्र

कनाडा

सडबरी क्षेत्र (ओंटेरियो), मनीटोबा

दक्षिण अफ्रीका

ट्रांसवाल, केप प्रांत

तांबे के शीर्ष भंडारक व उत्पादक राष्ट 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. चिली

 2. ऑस्ट्रेलिया

3. पेरू

1. चिली

2. पेरू

3. चीन 

बॉक्साइट (Bauxite) 

  • बॉक्साइट, एल्युमीनियम का अयस्क है। एल्युमीनियम बहुपयोगी धातु है। एल्युमीनियम को ‘भविष्य की धातु’ की संज्ञा भी दी जाती है। 
  • एल्युमीनियम का उपयोग स्वचालित वाहनों, रसायन रिफ्रेक्टरी अपघर्षी, तथा बर्तन बनाने में किया जाता है।

विश्व के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्र

देश

क्षेत्र

ऑस्ट्रेलिया 

वाइपा क्षेत्र (केपयार्ड प्रायद्वीप) 

गिनी

बोक, बोफा, सिगुरी

बॉक्साइट के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. गिनी

 2.ऑस्ट्रेलिया

3. ब्राजील

 

1.ऑस्ट्रेलिया

2. चीन 

3. ब्राज़ील

4.(भारत) 

टिन (Tin) 

  • कैसीटेराइट(cassiterite ore) अयस्क से टिन की प्राप्ति होती है। 
  • जंग रहित व कोमल प्रकृति के होने के कारण इसका उपयोग मिश्रधातु के निर्माण व चादरें बनाने आदि में किया जाता है।

विश्व के प्रमुख टिन उत्पादक क्षेत्र देश 

मलेशिया

पेनांग, सेलांगोर, सुनगेई 

ऑस्ट्रेलिया

तस्मानिया, टिंगहा

चीन

युन्नान, हुनान 

इंडोनेशिया

बांग्का, बिलिटन

टिन के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. चीन 

2. इंडोनेशिया 

3. ब्राजील

 

1. चीन

2. इंडोनेशिया 

3. म्यांमार

 

.

चांदी (Silver) 

  • इसकी प्राप्ति सोना, तांबा, जस्ता के साथ मिश्रित रूप में होती है।
  • चांदी का प्रमुख अयस्क ‘अर्जेंटाइट”Argentite’ है।

विश्व में चांदी की दृष्टि से संपन्न क्षेत्र

देश

क्षेत्र

मेक्सिको

चिहुआहुआ, ज़काटेक्स

ऑस्ट्रेलिया

ब्रोकेन हिल, माउंट ईसा

कनाडा

क्यूबेक, ओंटेरियो 

अमेरिका

एरिजोना, मोंटाना, कोलोरेडो

चांदी के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. पेरू 

2. ऑस्ट्रेलिया 

3. पोलैंड

1. मेक्सिको

2. पेरू 

3. चीन

सोना (Gold)

  • सोना एक बहुमूल्य धातु है। इसकी सर्वाधिक खपत भारत में होती है।

विश्व में प्रमुख सोना उत्पादक क्षेत्र

देश

क्षेत्र

ऑस्ट्रेलिया 

कालगूर्ली व कूलगार्डी, माउंट मोरगन

अमेरिका

अलास्का व कैलिफोर्निया

दक्षिण अफ्रीका

जोहांसबर्ग, किंबरले, बोक्सबर्ग

सोने के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश 

1. ऑस्ट्रेलिया

2. रूस

3. दक्षिण अफ्रीका

 

1. चीन 

2. ऑस्ट्रेलिया 

3. रूस 

 

हीरा (Diamond) 

  • किंबरलाइट कांग्लोमेरेट बेड्स तथा एल्युवियल ग्रेवल(Kimberlite Conglomerate Beds and Alluvial Gravel) इसके तीन प्रमुख अयस्क हैं।

विश्व में हीरा उत्पादक प्रमुख क्षेत्र

देश

क्षेत्र

दक्षिण अफ्रीका

जोहांसबर्ग, किंबरले, केपटाउन

कॉन्गो

कटंगा पठार 

भारत

पन्ना व गोलकोंडा की खानों में

हीरे के शीर्ष भडारक व उत्पादक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. ऑस्ट्रेलिया

2. कॉन्गो गणराज्य

3. बोत्सवाना

1. रूस 

2. ऑस्ट्रेलिया 

3. कॉन्गो गणराज्य

 

कोयला (Coal) 

  • कोयला को औद्योगिक क्रांति का आधार माना जाता है। यह कार्बोनीफेरस युग की परतदार चट्टानों में पाया जाता है। 
  • कोयले को कार्बन की मात्रा के आधार पर चार वर्गों (एन्थेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट, पीट) में वर्गीकृत किया जाता है। 
  • एन्थ्रेसाइट कोयला सर्वोत्तम किस्म का होता है तथा सबसे निम्न कोटि का कोयला पीट को माना जाता है। 
  • लिग्नाइट कोयले को ‘भूरे कोयले’ की संज्ञा दी जाती है जबकि गोंडवाना युगीन संस्तरों में बिटुमिनस कोयला सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है।

विश्व में कोयले के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र

देश

क्षेत्र

चीन

शान्सी, मंचूरिया, शांटुंग, बीजिंग

अमेरिका 

अप्लेशियन क्षेत्र, मिसौरी, ओक्लाहोमा, आरकेंसास

यूक्रेन

डोनेट्स या ड्रोनबास क्षेत्र

रूस

मॉस्को-टुला क्षेत्र, कुजबास क्षेत्र, सखालीन, कुजनेट्स्क

जर्मनी

रूर घाटी, सार क्षेत्र 

ब्रिटेन 

नॉटिंघम, यॉर्कशायर-डर्बीशायर, लंकाशायर

कोयले के शीर्ष उत्पादक व भंडारक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1.अमेरिका

2.चीन

3.रूस

4.ऑस्ट्रेलिया

5.(भारत)

1. चीन 

2. अमेरिका 

3. ऑस्ट्रेलिया

4.भारत

5. इंडोनेशिया

पेट्रोलियम (खनिज तेल) तथा प्राकृतिक गैस (Petroleum and Natural Gas) 

  • पेट्रोलियम, शैलों की परतों के मध्य पाया जाता है। इसे अपतटीय व तटीय क्षेत्रों में स्थित तेल क्षेत्रों से प्रवेधन (Drilling) द्वारा प्राप्त किया जाता है। 
  • पेट्रोलियम में विभिन्न तरह के हाइड्रोकार्बन पाये जाते हैं। इसके बाद इसके परिष्करण से विभिन्न प्रकार के उत्पाद, जैसे- डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, ईथर, गैसोलीन, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक तैयार किये जाते हैं। 
  • प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम निक्षेपों (कच्चे तेल) के साथ या स्वतंत्र रूप में तेल के कुओं में पाई जाती है। 
  • पेट्रोलियम को ‘तरल सोना’ (Liquid gold) भी कहा जाता है।

विश्व के प्रमुख पेट्रोलियम क्षेत्र

देश

क्षेत्र

सऊदी अरब

धावर, अबकीक, कातिफ, धाहरान 

वेनेजुएला 

मराकैबो झील, ओरिनेको बेसिन

इराक

मोसुल, वसरा, किरकुक

ईरान

लाली, करमनशाह, गेच सारन

अमेरिका

अप्लेशियन क्षेत्र, कैलिफोर्निया क्षेत्र, 

खाड़ी तटीय क्षेत्र

रूस

वोल्गा-यूराल क्षेत्र, बाकू क्षेत्र

विश्व के शीर्ष पेटोलियम उत्पादक एवं भडारक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश 

1. वेनेजुएला

2. सऊदी अरब

 3. कनाडा

1. सऊदी अरब  

2. रूस 

3. अमेरिका

विश्व के प्रमुख प्राकृतिक गैस उत्पादक क्षेत्र

देश

क्षेत्र

यूक्रेन

शवेलिका

रूस 

याकूतिया, औरेनबर्ग

अमेरिका

टेक्सास, लुसियाना, ओक्लाहोमा, कैलिफोर्निया

कनाडा

ब्रिटिश कोलंबिया एवं अलबर्टा

प्राकतिक गैस के शीर्ष भंडारक व उत्पादक देश 

भंडारक देश

उत्पादक देश

1. ईरान

2. रूस

3. कतर

1. अमेरिका 

2. रूस

3. ईरान 

स्रोत: BP Statistical Review of World Energy, 2017

जलविद्युत (Hydropower) 

  • वर्षा तथा नदी जल को बांध बनाकर संगृहीत किया जाता है तथा संगृहीत जल को टरबाइन के ऊपर गिराया जाता है, जिसके कारण टरबाइन घूमने से विद्युत की उत्पत्ति होती है। 
  • जलविद्युत को ‘श्वेत कोयला’ भी कहते हैं। 
  • इसकी सर्वाधिक संभावित क्षमता अफ्रीका महाद्वीप में विद्यमान है। यहाँ की कॉन्गो नदी विश्व की सर्वाधिक संभावित जलविद्युत उत्पादन क्षमता समाहित किये हुए है। 
  • विश्व के प्रमुख जलविद्युत उत्पादक देश- चीन, कनाडा, ब्राज़ील, अमेरिका, रूस, नॉर्वे व भारत। 

परमाणु ऊर्जा (Atomic Energy) 

  • परमाणु ऊर्जा की प्राप्ति प्रकृति में पाये जाने वाले रेडियोसक्रिय (Radioactive) पदार्थों, जैसे- यूरेनियम तथा थोरियम से होती है। 
  • यूरेनियम के प्रमुख अयस्क-पिचब्लेंड, थोरियानाइट व सॉमर स्काइट(Pitchblende, Thorianite) हैं। 
  • यूरेनियम को ‘मेटल ऑफ होप’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • थोरियम की प्राप्ति मोनाज़ाइट रेत(monazite sand) से की जाती है। भारत थोरियम के उत्पादन में प्रमुख राष्ट्र है। 
  • यूरेनियम के प्रमुख उत्पादक राष्ट्रः कज़ाख़स्तान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नाइजर आदि। 

विश्व के यूरेनियम उत्पादक प्रमुख क्षेत्र

देश

क्षेत्र

कनाडा

अथाबास्का, ग्रेट बियर झील के पास पोर्ट रेडियम 

अमेरिका

कोलोरैडो का पठार

कॉन्गो

कटंगा पठार

दक्षिण अफ्रीका

विटवाटसरैंड पहाड़ी

खनिज उत्पादन की दष्टि से विश्व के तीन शीर्ष देश 

खनिज

प्रथम

द्वितीय

तृतीय

गारनेट

garnet

भारत

चीन

ऑस्ट्रेलिया 

ग्रेफाइट

चीन

भारत

ब्राजील

जिप्सम

चीन

ईरान

अमेरिका

मोलिब्डेनम

चीन

अमेरिका

निकेल

फिलीपींस

रूस

कनाडा

टंगस्टन

चीन

वियतनाम

रूस

जिरकोनियम

ऑस्ट्रेलिया 

दक्षिण अफ्रीका

चीन

कोबाल्ट

कॉन्गो

चीन

कनाडा 

क्रोमियम

दक्षिण अफ्रीका

कज़ाख़स्तान

तुर्की 

एंटिमनी

चीन

रूस

तजाकिस्तान

बाइराइट्स

चीन

भारत

मोरक्को

रॉक फॉस्फेट

चीन

मोरक्को और पश्चिमी सहारा

अमेरिका

विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश (Major Industrial Regions of the World) 

  • विश्व के विभिन्न देशों में वहाँ की स्थानीय परिस्थितियों एवं उपलब्ध संसाधनों के आधार पर उद्योगों का स्थानीकरण हुआ है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के औद्योगिक प्रदेश 

  • यहाँ के ग्रेट लेक्स के समीप उद्योगों का सर्वाधिक संकेंद्रण हुआ है। 
  • इसके अतिरिक्त अप्लेशियन क्षेत्र, अमेरिका का दक्षिणी क्षेत्र, कैलिफोर्निया प्रदेश व न्यू इंग्लैंड प्रदेश भी औद्योगिक दृष्टि से संपन्न क्षेत्र हैं। 

संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश

प्रमुख उद्योग

प्रमुख प्रदेश

प्रमुख केंद्र

लौह इस्पात, इंजीनियरिंग,

मोटर वाहन, माँस उद्योग

महान झील  प्रदेश 

शिकागो, डेट्रॉयट,

इंडियाना, हार्वर

फिल्म उद्योग, वायुयान निर्माण,पर्यटन उद्योग

कैलिफोर्निया प्रदेश

 

लॉस एंजेल्स, 

सेन फ्रांसिस्को

लौह-इस्पात, इंजीनियरिंग 

अप्लेशियन क्षेत्र

पिट्सबर्ग

इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मत्स्य,पालन

न्यू इंग्लैंड प्रदेश

बोस्टन 

सूती वस्त्र उद्योग, लौह-इस्पात उद्योग

अमेरिका का दक्षिणी क्षेत्र

बर्मिंघम, डालास 

कनाडा के औद्योगिक प्रदेश 

  • कनाडा के औद्योगिक प्रदेशों में दक्षिण-पूर्वी व दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र प्रमुख है। 
  • दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में प्रमुख औद्योगिक केंद्र मॉण्ट्रियल, टोरंटो, व ओटावा है जबकि दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में वैंकूवर प्रमुख है। 
  • कनाडा के हैमिल्टन शहर को ‘कनाडा का बर्मिघम’ कहते हैं जो लौह-इस्पात की दृष्टि से प्रसिद्ध है, जबकि ओटावा व मॉण्ट्रियल कागज उद्योग के लिये तथा क्यूबेक वायुयान उद्योग के लिये प्रसिद्ध है। 

ब्रिटेन के औद्योगिक प्रदेश 

  • ब्रिटेन के औद्योगिक प्रदेशों में दक्षिणी वेल्स क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, लंदन बेसिन आदि प्रमुख हैं।
  • ब्रिटेन का मैनचेस्टर सूती वस्त्र उद्योग के लिये, बर्मिंघम लौह-इस्पात के लिये, लीवरपूल जलपोत निर्माण एवं डर्बीशायर ऊनी वस्त्र उद्योग के लिये प्रसिद्ध है। 

जर्मनी के औद्योगिक प्रदेश

  • यहाँ का सर्वाधिक औद्योगीकृत क्षेत्र राइन घाटी है। 
  • यहाँ के रुर प्रदेश को ‘जर्मनी का औद्योगिक हृदय-स्थल’ भी कहते हैं। 
  • यहाँ का म्यूनिख व आग्सबर्ग रसायन उद्योग के लिये तथा फ्रेंकफर्ट व हैम्बर्ग क्रमशः ऑटोमोबाइल व जलयान उद्योग के लिये, ऐसेन शहर लौह-इस्पात के लिये प्रसिद्ध है। 

जापान के औद्योगिक प्रदेश

  •  यहाँ कच्चे माल की अल्पता के कारण मुख्यतः बाजार आधारित उद्योगों का विकास हुआ है। 
  • जापान के ओसाका शहर को जापान का मैनचेस्टर‘, कावासाकी को ‘जापान का पिट्सबर्ग’ तथा नगोया को ‘जापान का डेट्रॉयट’ कहा जाता है।

रूस के औद्योगिक प्रदेश

  • यहाँ के औद्योगिक प्रदेशों की दृष्टि से विकसित क्षेत्रों में मॉस्को व यूराल क्षेत्र सर्वप्रमुख है। 
  • यहाँ के इवानोवो नगर को ‘रूस का मैनचेस्टर’ कहा जाता है।
  •  यहाँ की गोर्की शहर इंजीनियरिंग उद्योग के लिये तथा व्लाडिवोस्टक जलयान उद्योग के लिये प्रसिद्ध है। 

चीन के औद्योगिक प्रदेश 

  • चीन औद्योगिक दृष्टि से एक संपन्न राष्ट्र है। यहाँ न केवल कच्चे माल की उपलब्धता पर्याप्त है बल्कि इन पर आधारित उद्योगों का भी पर्याप्त विकास हुआ है। 
  • यहाँ के यांगत्सीक्यांग घाटी, दक्षिणी मंचूरिया व उत्तरी चीन में अधिकांश उद्योगों का संकेंद्रण हुआ है। 
  • यहाँ के शंघाई शहर सूती वस्त्र उद्योग के लिये, चांगचुन ऑटोमोबाइल व मशीनरी उद्योग के लिये, अंशन लौह-इस्पात उद्योग के लिये तथा वुहान जलयान निर्माण उद्योग के लिये प्रसिद्ध है। 

उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing the Location of Industries) 

  • संचार व्यवस्था  – उद्योगों की अवस्थिति संचार सेवाओं के आधार पर ही निर्भर करती है क्योंकि बिना संचार सुविधा के उद्योगों में प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान सगमता से नहीं हो सकता तथा उद्योगों में नवाचार करना भी मुश्किल — होता है।
  • भूमि व्यवस्थाउद्योगों को सामान्यतः सुगम स्थानों वाली भूमि पर तथा बाजार (शहर) के समीप ही स्थापित करना अधिक लाभप्रद होता है।
  • परिवहन व्यवस्थाउद्योगों की स्थापना परिवहन संसाधनों से संपन्न स्थानों पर ही की जाती है जिससे कि उत्पादों एवं कच्चे माल की पहुँच में विलंब न हो।
  • विद्युत व्यवस्थाउद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर करना ज्यादा फायदेमंद होता है, जहाँ विद्युत की व्यवस्था (विद्युत लाइनें) हो क्योंकि पेट्रोलियम ईंधनों से भारी मशीनों को चलाना अधिक खर्चीला होता है। 
  • कच्चे माल की उपलब्धता – उन स्थानों पर उद्योगों को स्थापित करना आसान होता है, जहाँ पर कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता रहती है। 
  • श्रम व्यवस्थाउद्योगों को वहाँ लगाना ज़्यादा लाभप्रद होता है, जहाँ पर कम । मज़दूरी पर प्रशिक्षित श्रमिकों की उपलब्धता हो। 
  • पूंजी व्यवस्था- उद्योगों की स्थापना में पूंजी की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि उद्योगों का आकार तथा नवाचार पूंजी की मात्रा पर निर्भर करता है। 
  • बाज़ार व्यवस्था- उद्योगों से उत्पादित वस्तुओं के विक्रय के लिये बाज़ार तक पहुँच एवं मांग का होना अति आवश्यक है। बाज़ार तक पहुँच एवं बाज़ार में वस्तु की मांग ही उद्योगों की अवस्थिति को निर्धारित करती है। 
  • जल प्रबंधन – सामान्यतः उद्योगों की अवस्थापना जल स्रोत के समीप जलविद्युत ऊर्जा व अन्य उपयोगों के उद्देश्य से की जाती है।

विश्व के महत्त्वपूर्ण औद्योगिक नगर

नगर

माँस प्रसंस्करण

शिकागो(यूएसए)

ब्यूनस आयर्स(अर्जेंटीना)

डेयरी उद्योग

ब्यूनस आयर्स(अर्जेंटीना)

कोपनहेगन डेनमार्क

लौह-इस्पात

तुला (रूस )

मैग्निटोगोसार्क(रूस )

अंशन (चीन )

हैमिलटन (कनाडा )

पिट्सबर्ग (यूएसए) 

शिकागो(यूएसए)

क्रिवाईरॉग(यूएसए) 

ऑटोमोबाइल

डेट्रॉयट(यूएसए)

तूरिन (इटली)

नागोया जापान 

शराब उद्योग

सेंटियागो (चिली)

काँच उद्योग

वेनिस इटली

विएना ऑस्ट्रिया

वस्त्र उद्योग

ओसाका जापान 

रियो डी जेनेरियो ब्राज़ील

काहिरा मिस्र

कॉफी उद्योग

साओ पाउलो ब्राज़ील

रियो डी जेनेरियो ब्राज़ील

इंजीनियरिंग

ज़्यूरिख़ स्वीटजरलैंड

जूट उद्योग

डुंडी  स्कॉटलैंड

कागज़ उद्योग

ओटावा (कनाडा)

हवाई जहाज़

लॉस एंजेल्स(यूएसए)

फिल्म उद्योग(हॉलीवुड)

लॉस एंजेल्स(यूएसए)

जलयान निर्माण

व्लाडिवोस्टक (रूस)

हैम्बर्ग (जर्मनी)

स्टॉकहोम)स्वीडन 

रॉटरडम (नीदरलैंड )

ग्लासगो (स्कॉटलैंड )

मॉण्ट्रियल (कनाडा)

हीरा उद्योग

एंटवर्प(बेल्जियम)

हीरा खनन 

किंबरले (दक्षिण अफ्रीका)

सोना खनन 

जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका )

मिट्टी के बर्तन

मुल्तान(पाकिस्तान)

तेल शोधन

अबादान(नाइजीरिया)

मराकैबो (वेनेजुएला)

न्यू ऑलियंस(यूएसए)

लॉस एंजेल्स(यूएसए)

खनिज तेल 

मोसुक (इराक )

धातु और सैन्य मशीनरी उधोग 

चेलियाविस्क (रूस )

संसाधन, खनिज एवं उद्योग