छत्तीसगढ़
- राजधानी: रायपुर
- स्थापना दिवस: 1 नवम्बर 2000
- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) मुख्यमंत्री – श्री विष्णुदेव साय;
- राज्यपाल -श्री रमेन डेका;
- छत्तीसगढ़ HC (2000),मुख्य न्यायाधीश – Ramesh Sinha; गठन – 1 November 2000 ; राजधानियाँ – रायपुर ; विधान सभा के सदस्यों की संख्या – 91 ; लोकसभा सदस्यों की संख्या – 11 ; राज्यसभा सदस्यों की संख्या – 5
- 33 जिले –
धन्तेवाड़ा
- बस्तर संभाग में स्थित महत्वपूर्ण जिला
- इंद्रावती नदी यहाँ बहती है
- जनजातीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र
- वन संपदा से समृद्ध जिला
- खनिज संसाधनों में समृद्ध
काँकेर
- दक्षिणी छत्तीसगढ़ में स्थित जिला
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा
- दूध नदी यहाँ बहती है
- जनजातीय हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध
- प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण
बालोद
- छत्तीसगढ़ का मध्यवर्ती जिला
- कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था
- खनिज संसाधनों से समृद्ध
- वन संपदा का महत्वपूर्ण भंडार
- पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है
बस्तर (दंतेवाड़ा)
- जनजातीय संस्कृति का गढ़
- चित्रकोट जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध
- इंद्रावती नदी का बेसिन क्षेत्र
- वन उत्पादों का प्रमुख स्रोत
- पारंपरिक लोक कला के लिए विख्यात
गरियाबंद
- महानदी का उद्गम स्थल
- सिहावा पहाड़ी के लिए प्रसिद्ध
- वन संपदा से समृद्ध
- जैव विविधता का महत्वपूर्ण क्षेत्र
- कृषि और मत्स्य पालन का प्रमुख केंद्र
बलौदाबाजार-भाटापारा
- छत्तीसगढ़ का मध्यवर्ती जिला
- तुरतुरिया जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध
- कृषि उत्पादन का प्रमुख केंद्र
- खनिज संपदा से समृद्ध
- परिवहन का महत्वपूर्ण केंद्र
मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी
- छत्तीसगढ़ का दक्षिणी जिला
- जनजातीय बहुल क्षेत्र
- वन संपदा से समृद्ध
- प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध
- पारंपरिक हस्तशिल्प का केंद्र
सक्ती
- छत्तीसगढ़ का उत्तरी जिला
- कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था
- खनिज संसाधनों से समृद्ध
- वनोपज का महत्वपूर्ण स्रोत
- पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर
- उत्तरी छत्तीसगढ़ का जिला
- कोयला खनन का प्रमुख केंद्र
- औद्योगिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण
- खनिज संपदा से समृद्ध
- परिवहन नेटवर्क का महत्वपूर्ण हब
खैरागढ़-राजनांदगाँव
- कृषि प्रधान जिला
- धान उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र
- शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध
- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
- पारंपरिक कला रूपों के लिए जाना जाता है
चुरा
- दक्षिणी छत्तीसगढ़ का जिला
- जनजातीय संस्कृति का केंद्र
- वन संपदा से समृद्ध
- प्राकृतिक संसाधनों का भंडार
- पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध
पामगढ़-मुंगेली
- मध्य छत्तीसगढ़ का जिला
- कृषि उत्पादन का महत्वपूर्ण क्षेत्र
- जल संसाधनों से समृद्ध
- खनिज संपदा का भंडार
- पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
रायपुर
- छत्तीसगढ़ की राजधानी और सबसे बड़ा शहर।
- इसे “धान का कटोरा” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध महंत घासीदास संग्रहालय स्थित है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला।
- विवेकानंद सरोवर और उरजा पार्क प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
बिलासपुर
- छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर।
- इसे “चावल का व्यावसायिक केंद्र” कहा जाता है।
- यहाँ अरपा नदी बहती है।
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय यहीं स्थित है।
- केन्द्रीय कोकिंग कोल लिमिटेड का मुख्यालय यहाँ है।
दुर्ग
- इसे “लोहा और इस्पात का शहर” कहा जाता है।
- भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL) यहीं स्थित है।
- दुर्ग जिले में प्रसिद्ध चाम्पा जलप्रपात स्थित है।
- यहाँ की मुख्य नदी शिवनाथ है।
- कृषि और उद्योग दोनों में विकसित जिला।
राजनांदगाँव
- इसे “ब्रास सिटी” के नाम से जाना जाता है।
- दोंगरगढ़ में प्रसिद्ध माँ बम्लेश्वरी मंदिर स्थित है।
- यहाँ चावल मिलों की अधिकता है।
- राजनांदगाँव फिल्म इंडस्ट्री का केंद्र है।
- खनिज संपदा में समृद्ध जिला।
कोरबा
- इसे “पावर हब ऑफ छत्तीसगढ़” कहा जाता है।
- यहाँ कोरबा सुपर थर्मल पावर प्लांट स्थित है।
- एशिया की सबसे बड़ी एल्युमिनियम स्मेल्टर प्लांट यहाँ है।
- हसदो नदी पर बना कोरबा बांध यहीं है।
- कोयला खनन का प्रमुख केंद्र।
रायगढ़
- इसे “लौह अयस्क का जिला” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध छुरी की पहाड़ियाँ स्थित हैं।
- गोंड जनजाति की प्रमुख आबादी यहाँ निवास करती है।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा इस जिले में है।
- लौह अयस्क के विशाल भंडार यहाँ उपलब्ध हैं।
जशपुर
- छत्तीसगढ़ का उत्तर-पूर्वी जिला।
- झारखंड और ओडिशा की सीमा से लगा हुआ जिला।
- यहाँ उराँव जनजाति की बहुलता है।
- कृषि और वनोपज पर आधारित अर्थव्यवस्था।
- जशपुर नगर को “गेटवे ऑफ नॉर्थ-ईस्ट” कहा जाता है।
कांकेर
- इसे “छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा जिला” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
- जिले में बस्तर क्षेत्र की संस्कृति देखने को मिलती है।
- यहाँ की मुख्य नदी दूध नदी है।
- जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध।
बस्तर
- इसे “जनजातीय संस्कृति का गढ़” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात स्थित है।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान यहीं है।
- दशहरा यहाँ का प्रमुख और विशिष्ट त्योहार है।
- यहाँ की मुख्य जनजातियाँ गोंड, माड़िया, भतरा हैं।
धमतरी
- इसे “धान का कटोरा” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध सिहावा पहाड़ी स्थित है।
- महानदी और शिवनाथ नदी का संगम यहीं है।
- कृषि प्रधान जिला होने के कारण धान का बड़ा उत्पादक।
- यहाँ कई प्राकृतिक जलप्रपात और झरने हैं।
महासमुन्द
- इसे “सिरपुर का पुरातात्विक स्थल” वाला जिला कहा जाता है।
- सिरपुर बौद्ध विहार और लक्ष्मण मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ महानदी बहती है।
- कृषि और पशुपालन मुख्य व्यवसाय है।
- छत्तीसगढ़ के मध्य भाग में स्थित जिला।
कवर्धा
- इसे “कबीरधाम” के नाम से भी जाना जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध मदकू महादेव गुफा स्थित है।
- जिले में बाबा खेड़ापति धाम मंदिर है।
- कृषि उत्पादों के लिए प्रसिद्ध जिला।
- यहाँ की मुख्य नदी शिवनाथ है।
जांजगीर-चाम्पा
- इसे “थर्मल पावर का केंद्र” कहा जाता है।
- यहाँ एनटीपीसी का सुपर थर्मल पावर प्लांट स्थित है।
- प्रसिद्ध शिवरीनारायण मंदिर यहीं स्थित है।
- महानदी, शिवनाथ और हसदो नदी का त्रिवेणी संगम यहाँ है।
- खनिज संपदा से समृद्ध जिला।
सुरजपुर
- छत्तीसगढ़ का उत्तरी जिला।
- यहाँ प्रसिद्ध रामगढ़ की पहाड़ियाँ स्थित हैं।
- जिले में मैनपाट का पठार स्थित है।
- कोयला खनन का प्रमुख केंद्र।
- जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध।
बलरामपुर
- उत्तर-पूर्वी छत्तीसगढ़ में स्थित जिला।
- यहाँ प्रसिद्ध देवपहाड़ी जलप्रपात स्थित है।
- जिले में रीछ और बाघ अभयारण्य स्थित है।
- कृषि और वनोपज मुख्य आय का स्रोत।
- जनजातीय बहुल जिला।
कोण्डागाँव
- बस्तर संभाग में स्थित जिला।
- इसे “जनजातीय कला और संस्कृति का केंद्र” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध भोगी मुड़िया जनजाति निवास करती है।
- जिले में प्राकृतिक सुंदरता के कई स्थल हैं।
- लकड़ी की कलाकृतियों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध।
नारायणपुर
- बस्तर क्षेत्र का सबसे नया जिला।
- इंद्रावती नदी यहाँ बहती है।
- जनजातीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र।
- यहाँ माड़िया जनजाति की बहुलता है।
- प्राकृतिक सौंदर्य और वन संपदा से समृद्ध।
बीजापुर
- दक्षिणी छत्तीसगढ़ में स्थित जिला।
- इंद्रावती नदी यहाँ बहती है।
- जिले में प्रसिद्ध भैरमगढ़ बांध स्थित है।
- जनजातीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र।
- वन संपदा और खनिज संसाधनों से समृद्ध।
सुकमा
- छत्तीसगढ़ का दक्षिणी जिला।
- इंद्रावती नदी यहाँ बहती है।
- जनजातीय बहुल जिला।
- वन संपदा और खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध।
गरियाबंद
- छत्तीसगढ़ का मध्यवर्ती जिला।
- यहाँ प्रसिद्ध सिहावा पहाड़ी स्थित है।
- महानदी का उद्गम स्थल यहीं है।
- कृषि और पशुपालन मुख्य व्यवसाय।
- वन संपदा और जल संसाधनों से समृद्ध।
बलौदाबाजार
- छत्तीसगढ़ का मध्यवर्ती जिला।
- यहाँ प्रसिद्ध तुरतुरिया जलप्रपात स्थित है।
- कृषि प्रधान जिला।
- खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- वन संपदा और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध।
मुंगेली
- छत्तीसगढ़ का मध्यवर्ती जिला।
- यहाँ प्रसिद्ध खारंग नदी बहती है।
- कृषि प्रधान जिला।
- खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- वन संपदा और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध।
सरगुजा
- उत्तरी छत्तीसगढ़ में स्थित जिला।
- इसे “प्राकृतिक संसाधनों का भंडार” कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध रामगढ़ की पहाड़ियाँ स्थित हैं।
- कोयला, बॉक्साइट और अन्य खनिजों से समृद्ध।
- जनजातीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र।
बेमेतरा
- छत्तीसगढ़ का नवगठित जिला।
- कृषि प्रधान जिला।
- खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- वन संपदा और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ की मुख्य नदी अरपा है।