झारखंड की प्रमुख नदियाँ (Rivers of Jharkhand)
- झारखण्ड सरकार के अनुसार झारखण्ड का 1.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जलीय स्रोतों द्वारा आच्छादित है, जो राज्य के कुल भूभाग का लगभग 2% है।
- राज्य में जल संसाधन उपलब्ध – 30,169 मिलियन घनमीटर
- सतही जल – 25,877 मिलियन घनमीटर (86%)
- भूमिगत जल – 4,292 मिलियन घनमीटर (14%)
- झारखण्ड में जल की सर्वाधिक आवश्यकता
- औद्योगिक क्षेत्र – 4,338 मिलियन घनमीटर
- सिंचाई – 3,813 मिलियन घनमीटर
झारखण्ड में नदियाँ
- झारखण्ड की सभी नदियाँ बरसाती हैं जो जल के लिए मानसून पर निर्भर हैं। (सोन नदी के अलावा)
- ये गरमी के महीने में सूख जाती हैं।
- झारखण्ड की एकमात्र मयूराक्षी/मोर नदी का उपयोग नाव चलाने हेतु किया जाता है।
झारखण्ड की नदियों को प्रवाह की दिशा के अनुसार विभाजन
- उत्तरवर्ती नदियाँ
- पूरबवर्ती/दक्षिणवर्ती नदियाँ
उत्तरवर्ती नदियाँ
- वे नदियाँ जो उत्तर की ओर प्रवाहित होती है
- झारखण्ड की प्रमुख उत्तरवर्ती नदियाँ
- सोन, उत्तरी कोयल, पुनपुन, फल्गु, चानन आदि
पूरबवर्ती/दक्षिणवर्ती नदियाँ
- वे नदियाँ जो पूर्व या दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हैं
- झारखण्ड की प्रमुख दक्षिणवर्ती नदियाँ
- दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर, दक्षिणी कोयल, शंख, मयूराक्षी आदि
झारखण्ड की उत्तरवर्ती नदियाँ
सोन नदी
- उदगम – मैकाल पर्वत की अमरकंटक पहाड़ी
- मुहाना – गंगा नदी
- कुल लंबाई – 784 किमी. (अपवाह क्षेत्र 9030 वर्ग किमी.)
- अपवाह क्षेत्र – पलामू एवं गढ़वा
- उपनाम- सोनभद्र, हिरण्यवाह
- सहायक नदियाँ – उत्तरी कोयल
विशेषता
- यह झारखण्ड के उत्तर-पश्चिमी भाग सीमा से होकर बहती है।
उत्तरी कोयल नदी
- उदगम – राँची पठार का मध्य भाग (पिस्का के पास)
- मुहाना- सोन नदी
- कुल लंबाई – 260 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – गढ़वा, पलामू, लातेहार
- सहायक नदियाँ – औरंगा, अमानत, बुढ़ा नदी
पुनपुन नदी
- उदगम – पलामू
- मुहाना – गंगा नदी
- कुल लंबाई – 200 किमी
- अपवाह क्षेत्र – चतरा, औरंगाबाद, गया, पटना
- उपनाम – कीकट, बमागधी
- सहायक नदियाँ – दारधा व मोरहर
फल्गु नदी
- उदगम – छोटानागपुर पठार का उत्तरी भाग
- मुहाना – पुनपुन
- उपनाम- अंत:सलिला
- सहायक नदियाँ – निरंजना (लीलाजन) एवं मोहना
विशेषता
- पितृपक्ष के समय स्नान एवं पिण्डदान हेतु लोग आते हैं।
- झारखण्ड में केवल उद्गम (अपवाह मुख्यतः बिहार राज्य में है)
सकरी नदी
- उदगम – उत्तरी छोटानागपुर का पठार
- मुहाना – गंगा का ताल क्षेत्र
- उपनाम- सुमागधी (रामायण में नाम)
- सहायक नदियाँ – किउल एवं मोरहर
विशेषता
- मार्ग बदलने हेतु कुख्यात
चानन नदी
- उदगम – छोटानागपुर का पठार
- मुहाना- सकरी
- उपनाम- पंचाने / पंचानन (पांच धाराओं से मिलकर बनने के कारण)
बुढ़ा नदी
- उदगम – महुआडांड़ (लातेहार)
- मुहाना- उत्तरी कोयल
- अपवाह क्षेत्र – लातेहार
विशेषता
- यह नदी पर झारखण्ड के सबसे ऊँचे बुढ़ाघाघ जलप्रपात का निर्माण करती है।
औरंगा नदी
- उदगम – किस्को (लोहरदगा)
- मुहाना- उत्तरी कोयल
- अपवाह क्षेत्र – लोहरदगा, लातेहार, पलामू
- सहायक नदियाँ – घाघरी, गोवा, नाला, धधारी, सुकरी
अमानत नदी
- उदगम – चतरा
- मुहाना- उत्तरी कोयल
- अपवाह क्षेत्र – चतरा, लातेहार, पलामू
- सहायक नदियाँ – जिंजोई, जमुनिया, खैरा, चाको, माइला, सलाही, पाटन
झारखण्ड की पूरबवर्ती / दक्षिणवर्ती नदियाँ
- वे नदियाँ जो पूर्व या दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हैं
- झारखण्ड की प्रमुख दक्षिणवर्ती नदियाँ
- दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर, दक्षिणी कोयल, शंख, मयूराक्षी आदि
दामोदर नदी
- उदगम – टोरी (लातेहार), छोटानागपुर पठार
- मुहाना- हुगली नदी (पश्चिम बंगाल में कोलकाता के निकट)
- कुल लंबाई – 592 किमी. / 368 मील (झारखण्ड में लंबाई – 290 किमी)
- अपवाह क्षेत्र – 12,800 वर्ग किमी.
- हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद, बोकारो, लातेहार, राँची, लोहरदगा
- उपनाम – देवनदी, बंगाल का शोक
- सहायक नदियाँ- बराकर, बोकारो, कोनार, जमुनिया, कतरी, भेड़ा
विशेषता
- दामोदर नदी राँची व हजारीबाग पठार के बीच दामोदर नदी द्रोणी का निर्माणकरती है।
- धनबाद में प्रवेश करते समय इसमें जमुनिया नदी आकर मिलती है।
- दामोदर में पूर्व की ओर से पारसनाथ क्षेत्र से आने वाली कतरी नदी मिलती है।
- चिरकुण्डा के पास इसमें बराकर नदी मिलती है।
- झारखण्ड की सबसे लंबी एवं बड़ी नदी
- झारखण्ड की सर्वाधिक प्रदूषित नदी
स्वर्णरेखा नदी
- उदगम – नगड़ी (छोटानागपुर पठार, राँची)
- मुहाना- बंगाल की खाड़ी
- कुल लंबाई – 470 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – राँची, जमशेदपुर , सिंहभूम क्षेत्र
- उपनाम- सुवर्णरेखा
- सहायक नदियाँ- काकरो, काँची, खरकई, जुमारू, रादु, संजय
विशेषता
- नदी की रेत में सोना का अंश है।
- यह नदी झारखण्ड से होकर उड़ीसा में प्रवेश कर जाती है जहाँ यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- बंगाल की खाड़ी में स्वतंत्र रूप से गिरने वाली यह झारखण्ड की एकमात्र नदी है।
- यह राँची में हुण्डरू जलप्रपात का निर्माण करती है, जबकि इसकी सहायक राढु नदी पर जोन्हा/गौतमधारा व काँची नदीदशम जल प्रपात का निर्माण करती है।
- राढु नदी तोरांग रेलवे स्टेशन (सिल्ली के दक्षिण में) के पास स्वर्णरेखा नदी में मिलती है।
बराकर नदी
- उदगम – पद्मा (हजारीबाग का पठार)
- मुहाना- दामोदर नदी
- कुल लंबाई – 225 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद
- विशेषता
- इस नदी का उल्लेख बौद्ध व जैन साहित्यों में मिलता है।
- इस नदी के तट पर गिरिडीह में जैन मंदिर तथा मैथन के पास कल्याणेश्वरी मंदिर है।
दक्षिणी कोयल नदी
- उदगम – नगड़ी (राँची)
- मुहाना- शंख नदी (उड़ीसा)
- कुल लंबाई – 470 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – लोहरदगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, राँची
- सहायक नदियाँ – कारो, उसरी, बरसोती
मयूराक्षी नदी
- उदगम – त्रिकुट पहाड़ी (देवघर)
- मुहाना- हुगली (पश्चिम बंगाल)
- कुल लंबाई – 250 किमी
- अपवाह क्षेत्र – दुमका, साहेबगंज, देवघर, गोड्डा
- उपनाम – मोर नदी, मोतीहारी
- सहायक नदियाँ – धोवाई, टिपरा, भामरी, पुसरो, दउना
- विशेषता
- यह झारखण्ड की एकमात्र नौगम्य नदी है।
- इस नदी पर कनाडा के सहयोग से मसानजोर नामक बाँध का निर्माण किया गया है।
ब्राह्मणी नदी
- उदगम – दुधवा पहाड़ी (दुमका)
- मुहाना- हुगली (पश्चिम बंगाल)
- कुल लंबाई – 480 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – दुमका, साहेबगंज, देवघर, गोड्डा
- सहायक नदियाँ – गुमरो, एरो
शंख नदी
- उदगम – चैनपुर (गुमला)
- मुहाना- दक्षिणी कोयल
- कुल लंबाई – 240 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – गुमला
- गुमला जिले में यह नदी सदनीघाघ जलप्रपात का निर्माण करती है।
अजय नदी
- उदगम – मुंगेर (बिहार)
- मुहाना– भागीरथी (कटबा, पश्चिम बंगाल)
- कुल लंबाई – 288 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – देवघर, दुमका, जामताड़ा
- सहायक नदियाँ – पथरो, जयन्ती
गुमानी नदी
- उदगम – राजमहल की पहाड़ी
- मुहाना – गंगा नदी (पश्चिम बंगाल)
- कुल लंबाई –
- अपवाह क्षेत्र – साहेबगंज, गोड्डा
- सहायक नदियाँ – मेरेल
बांसलोई नदी
- उदगम – बाँस पहाड़ी (गोड्डा)
- मुहाना – गंगा नदी (पश्चिम बंगाल)
तजना नदी
- उदगम – बुण्डू-तमाड़ (राँची)
- मुहाना – कारो नदी
- कुल लंबाई –
- अपवाह क्षेत्र – राँची, खूटी
- इस नदी के अपवाह क्षेत्र में खूटी में असुर सभ्यता के अवशेष मिलते हैं।
काँची नदी
- उदगम – तमाड़ (राँची)
- मुहाना – स्वणरेखा नदी (मूरी)
- कुल लंबाई –
- अपवाह क्षेत्र – राँची, खूटी
रोरो नदी
- उदगम – चाईबासा
- मुहाना – कारो नदी
- कुल लंबाई – 58 किमी.
- अपवाह क्षेत्र – पश्चिमी सिंहभूम
- इस नदी के तट पर चाईबासा शहर अवस्थित है।
झारखण्ड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण
- गंगा नदी झारखण्ड राज्य के साहेबगंज जिले से होकर गुजरती है।
- गठन – 20 फरवरी, 2009 को
- मुख्यालय – राँची में
- प्राधिकरण के अध्यक्ष – राज्य के मुख्यमंत्री