- स्थलखंड के छोटे एवं मध्यम आकार के भूखंड को ‘स्थलाकृति’ या ‘भू-आकृति’ कहते हैं। अनेक प्रकार की भू-आकृतियाँ मिलकर ‘भूदृश्य’ बनाती हैं।
- आभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियाँ
- शीट एवं सिल (Sheet and Sill)
- फैकोलिथ (Phacolith)
- लैकोलिथ एवं लैपोलिथ (Laccolith and Lapolith)
- डाइक (Dyke)
- बैथोलिथ (Batholith)
- बाह्य ज्वालामुखी स्थलाकृतियाँ
- सिंडर शंकु (Cinder Cone)
- कंपोजिट शंकु, क्रेटर एवं काल्डेरा (Composite Cone, Crater and Caldera)
- परिपोषित शंकु (Parasitic Cone)
- ज्वालामुखी प्लगडोम (Volcanic Plug Dome)
- कुमुलो डोम (Cumulo Dome)
- थोलॉयड (Tholoid)
- नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
- ‘V’ आकार की घाटी (गॉर्ज एवं कैनियन)
- जलप्रपात एवं क्षिप्रिका (Waterfall and Rapid)
- जलोढ़ पंख (Alluvial Fans)
- नदी विसर्प एवं गोखर झील (River Meander and Oxbow Lake)
- प्राकृतिक तटबंध (Natural Levees)
- बाढ़ का मैदान (Flood Plain)
- डेल्टा (Delta)
- नदी द्वीप (River Island)
- भूमिगत जल द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
- लैपीज (Lapies)
- घोलरंध्र (Sinkholes)
- अंधी घाटी (Blind Valley)
- कार्ट प्रदेश (Karst Region)
- गुफा/कंदरा (Caves or Cavern)
- हम्स(Hums)
- टेरा रोसा (Terra Rossa)
- हिमानी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
- ‘U’ आकार की घाटी (U-shaped Valley)
- लटकती घाटी (Hanging Valley)
- हिम गह्वार या सर्क (Corrie or Cirque)
- एरीट या तीक्ष्ण कटक (Arete)
- एस्कर (Esker)
- श्रृंग या हॉर्न (Horn)
- नुनाटक (Nunatak)
- भेड़ पीठ शैल या रॉश मुटोने (Roche Moutonnee)
- हिमोढ़ (Moraines)
- हिमोढ़ टीला/ड्रमलिन (Drumlins)
- पवन द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
- अपवाहन बेसिन या वात गर्त (Deflation Basin or Blowout)
- क्षत्रक शैल/गारा (Mushroom Rock)
- ज्यूजेन (Zeugen)
- ड्राइकांटर (Dreikanter)
- यारडंग (Yardang)
- इंसेलबर्ग (Inselberg)
- जालीदार शिला (Stone Lattice)
- प्लाया (Playa)
- पेडीमेंट (Pediment)
- बालूका स्तूप (Sand Dunes)
- बरखान (Barkhans)
- लोएस (Loess)
- सागरीय जल द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
- भृगु (Cliffs)
- तटीय कंदरा या गुफा (Coastal Caves)
- पुलिन (Beach)
- मेहराब (Arch)
- स्टैक (Stack)
- रोधिका (Bars)
- तटरेखा (Coast Line)
- फियॉर्ड तट (Fiord Coast)
- डाल्मेशियन तट (Dalnatian Coast)
- रिआ तट (Ria Coast)
- हैफा तट (Haifa Coast)
- निर्गत तट
- लैगून (Lagoon)
लैगून (Lagoon)
- अनूप अथवा लैगून किसी विस्तृत जलस्रोत जैसे समुद्र या महासागर के किनारे पर बनने वाला एक उथला जल क्षेत्र होता है जो किसी पतली स्थलीय पेटी या अवरोध द्वारा सागर से अंशतः अथवा पूर्णतः अलग होता है।
- यह खारे जल की झील होती हैं।
- जैसे- भारत के ओडिशा का चिल्का लैगून।
टेरा रोसा (Terra Rossa)
- जब किसी क्षेत्र में जमीन के अंदर पानी का रिसाव होता है तो वह मिट्टी के कई तत्त्वों को नष्ट/खत्म कर देता है। इससे मिट्टी में रासायनिक परिवर्तन होता है।
- इस प्रक्रिया में सामान्यतः लाल मृदा का निर्माण होता है।
- इस प्रकार की मिट्टी की परत कहीं मोटी व कहीं पतली होती है। इस प्रकार की मिट्टी से निर्मित क्षेत्र को ‘टेरा रोसा’ कहते हैं।
- टेरा रोसा मृदा का एक प्रकार है।
- इस प्रकार की मृदा में चूना एवं क्ले की प्रधानता होती है।
यारडंग (Yardang)
- कठोर एवं मुलायम संरचना वाली चट्टानों के स्तर जब लम्बवत् दिशा में मिलती हैं तो हवा के प्रवाह से मुलायम चट्टान का अपरदन हो जाता है।
- इस प्रकार कठोर शैलों के मध्य कोमल शैल के अपरदन से कठोर चट्टान के पार्श्व में नालीनुमा संरचना का निर्माण होता है। इस प्रकार की निर्मित संरचना को ‘यारडंग’ कहते हैं।
- यारडंग प्रायः पवन की दिशा में समानांतर रूप में होते हैं।
इंसेलबर्ग (Inselberg)
- इंसेलबर्ग एक जर्मन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘द्वीपीय पर्वत‘ होता है।
- पवन के प्रभाव से जब कोमल चट्टानी संरचना अपरदन से या घिसकर समतल हो जाता है तथा कठोर चट्टानों के अवशेष कहीं-कहीं टीले के रूप में नज़र आता है तो उसे ‘इंसेलबर्ग’ कहते हैं।
गुफा/कंदरा (Caves or Cavern)
- ऐसे प्रदेश जहाँ चट्टानों के एकांतर संस्तर होते हैं, वहाँ पानी दरारों व संधियों से रिसकर शैल संस्तरण के साथ क्षैतिज अवस्था में बहता है। इसी तल संस्तरण के सहारे चूना चट्टानें घुलती हैं और लंबे एवं तंग विस्तृत स्थान बनते हैं जिन्हें कंदराएँ कहा जाता है।
- कंदराओं का निर्माण चूना पत्थर की चट्टानों के अलावा अन्य चट्टानों में भी होता है, जैसे लावा कंदरा, तट के समीप सागरीय लहरों द्वारा निर्मित कंदराएँ आदि।
- कंदराओं में चूने युक्त जल के टपकने से कंदरा छत के सहारे चूने के जमाव से उल्टे स्तंभ रूपी संरचना का निर्माण होता है, इसे ‘स्टैलेक्टाइट‘ कहते हैं।
- कंदराओं की छत से फर्श पर टपकने वाले चूना मिश्रित जल से निर्मित स्तंभ रूपी संरचना ‘स्टैलेग्माइट‘ कहलाती है।
- कभी-कभी स्टैलेक्टाइट एवं स्टैलेग्माइट आपस में मिल जाती हैं, जिसे ‘कंदरा स्तंभ’ कहते हैं।
- भारत में देहरादून, दक्षिण-पश्चिम बिहार के रोहतास पठार, छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले (कुटुमसर गुफा) एवं चित्रकूट आदि में कंदराएँ मिलती हैं।
डाल्मेशियन तट (Dalnatian Coast)
- समानांतर पर्वतीय श्रेणियों वाले भाग का धंसाव व जलमग्न होने से इस तट का निर्माण होता है।
- यूगोस्लाविया का डाल्मेशियन तट इसका उदाहरण है।
‘V’ आकार की घाटी ( ‘गॉर्ज’ एवं ‘कैनियन’)
- ‘V’ आकार की घाटी का निर्माण, नदियाँ अपनी युवावस्था में पर्वतीय क्षेत्रों में लंबवत् अपरदन के माध्यम से करती हैं।
- इस प्रक्रिया में दीवारों का ढाल तीव्र तथा उत्तल होता है। इन घाटियों में एक ओर जहाँ क्षैतिज अपरदन होता है, वहीं दूसरी ओर आकार में वृद्धि के साथ-साथ गहराई में भी वृद्धि होती है।
- गॉर्ज का निर्माण नदी द्वारा तीव्र गति से निम्न कटाव द्वारा होता है।
- सामान्यतः अधिक गहरी एवं सँकरी ‘V’ आकार की घाटी को ‘गॉर्ज’ कहते हैं। उदाहरणार्थ
- सिंधु नदी द्वारा निर्मित – ‘सिंधु गॉर्ज’
- सतलुज नदी द्वारा निर्मित – ‘शिपकिला गॉर्ज’
- ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा निर्मित – “दिहांग गॉर्ज’
- नर्मदा नदी द्वारा निर्मित – ‘भेड़ाघाट संगमरमरी गॉर्ज’
- गॉर्ज के विस्तृत रूप को ‘कैनियन’ या ‘संकीर्ण नदी कंदरा‘ कहते हैं,
- जैसे- कोलोरैडो नदी द्वारा निर्मित संयुक्त राज्य अमेरिका के एरिज़ोना प्रांत का ‘ग्रैंड कैनियन‘ विश्व प्रसिद्ध है।
घाटियाँ | देश |
शिकारी घाटी | न्यू साउथवेल्स (ऑस्ट्रेलिया) |
ब्लैक वुड घाटी | पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया |
बालीम घाटी | पापुआ न्यू गिनी – |
बटरफ्लाई घाटी | हॉन्गकॉन्ग |
हैप्पी घाटी | हॉन्गकॉन्ग |
चितवन घाटी | नेपाल |
राजाओं की घाटी | मिस्र |
पंजसीर घाटी | अफगानिस्तान |
स्वात घाटी | उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान |
हूंजा घाटी | गिलगित – बाल्टिस्तान (पाकिस्तान) |
कापर्टी घाटी | न्यू साउथवेल्स (ऑस्ट्रेलिया) |
मृत घाटी | कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका) |
सान जुआन घाटी | कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका) |
रैबिट घाटी | कोलोरैडो (संयुक्त राज्य अमेरिका) |
किंग घाटी | संयुक्त राज्य अमेरिका |
ग्रैंड घाटी | संयुक्त राज्य अमेरिका |
सेक्रेड घाटी | पेरू |
कंगारु घाटी | न्यू साउथवेल्स (ऑस्ट्रेलिया) |