लोकगीत की परिभाषा
परिचय
खोरठा भाषा के लोकगीतों का वर्गीकरण
संस्कार गीत (03)
विवाह गीत
उबटन भूंजा
जोवा रे गहुमा केरे उबटन, जोवा रे गहूमा के
राइ सरिसा केरी तेल, सेहो भुंजे बइसल
उबटन दूलरइता ।।
उबटये काकी सोहागिनी
बाबा हाँथे कंगना डोलावे, नइनी बोलावे,
सेहो उबटये जेठी सोहागिनी,
बाबा हाँथें कंगना डोलावे नइनी बोलावे,
सेहो बइसल उबटन !
उबटल लगवेक(बेटा छउवाक)
नान्हीं नान्हीं झिलिया मोटे-मोटे उबटन-2
झिलिया खरकी भूँये लोरये उबटन लावये हो!
मंगिया सँवारी के बइसल दुलरइता बाबु-2
उबटये आजी सोहागिनी उबटन लावये हो!
मुंहवां संवारी के बइसल दुलरइता बाबु-2
उबटये काकी सोहागिनी उबटन लावये हो !
बहियां पसारी के बइसल दुलरइता बाबु-2
उबटये बहिनी सोहागिनी उबटन लावये हो!
जंधिया पसारी बइसल दुलरइता बाबु-2
उबटये भउजी सोहागिनी उबटन लावये हो!
उबटन लगवा (बेटी छउवाक)
केथिके आसन केथिके सिंहासन
केथिके परलइ बिछावन नुनीक गातें उबटन हे।
रूपा के आसन, सोने के सिंहासन
पटिया के परलइ बिछावन,
नुनीक गातें उबटन हे!
केहू गावय केहू बजावय केहू चिरे लंबे केस
नुनीक गातें उबटन हे!
राधा गावय रूकमिनी बजावइ
पदमिनी चिरे लंबे केस
नुनीक गातें उबटन हे
पानीक कलस राखेक समझ
केते दुखें भइया पानी सहलों गो
हामे लेबो भइया सोनाक टिकली गो!
आधा धुरे भइया बाघे टेकल गो
हामे लेबो भइया सोनाक सिकड़ी गो!
आधा धुरें भइया जोंकें धरल गो
हामे लेबो भइया सोनाके चूड़ी गो!
केते दुखें भइया कलस भोरलों गो
तोरे ठिने लेबउ सुन्दर साड़ी गो!
समधरी समझ
छोटे मोटे गुवा गो बाबा, बड़ी रे सवाद,
कोन छगरी चरवा संगे गो बाबा
लेलें अंकवाइर!
कोन गाड़ी जोतवा संगें गो बाबा
लेलें अंकवाइर!
कोन कुकुर मुहाँ संगें गो बाबा
लेलें अंकवाइर!
माड़वा तरें
केहू देतइ साया साड़ी, केहू देतइ साल गे
केहू देतइ सिंथाइँ सिंदुर राखबें सांभाइर गे
ससुर देत साया – साड़ी भेंसूर देतइ साल गे
सँइया देतइ सिंथाइँ सिंदुर राखबे सांभाइर गे!
मोसी पिंधइ सोना-चांदी, सखी झाड़इ चुइल गे
सँइया पिंधइ दोलना, राखबें सांभाइर गे!
ससुर देतइ घर बाड़ी, सासें माल-जाल गे सँ
इया देतइ मानिक रतन राखबें सांभाइर गे!
बेटी बिदाइ
बोनवाँ ही फुललइ धोवइया फुलवा
बोनावाँ इंजोइ भेलइ हे!
मइया के कोखें बेटिया जनमलइ
घरवा इंजोर भेलइ हे!
जेठ में झर-हइ धोवइया फुलवा
बोनवाँ झाँझर भेलइ हे!
आवे बेटी चललइ ससुरा घरा
घरवा आँधार भेलइ हे!
बेटी बिदाइ 2
समधी बिदाइ मांगे पहिलियो सांझ
पहिलियो सांझ गे बेटी किरिन उगी गेल
उठू उठू उठूगे बेटी, खाहूँ दही भात ।
हामे कइसे खरियो हो बाबा, कोरा ना छोड़ड़
छोटका भइयवा गे बेटी, मायेक कोरें दे
चढ़हू डोलिया गे बेटी, जइबे बड़ी धूर ।
किनखर कांदलें हो बाबा, करेजवा साले मोर!
किनखर कांदलें हो बाबा, गमछिया भीजे मोर!
किनखर हांसलें हो बाबा, पलंकिया हुलइस गेल !
माइ के कादलें हो बाबा करेजवा साले मोर
भइयाक कांदलें हो बाबा, गमछिया भीजे मोर
भोजीक हांसलें हो बाबा, पलकिया हुलइस गेल ।
भला हो ननदोसिया, ननदिया लेले जाइ
तोहरा के घरें हे सरहज, ननदिया बइरिन भेल
हमरा घरे हे सरहज, भेली ठकुराइन ।
बेटी बिदाइ 3
एका कोसा गेलें बेटी, दुए कोसा गेलें गो!
तीने कोसें विजु बोना हो!
टॉइड़ उपारें, ताके नइहर के लोगा गो!
बाबा कांदइ घरें वइसी, मइया कांदइ पिंड़े बइसी गो!
अबे बेटी भेलिक पोहना हो!
छोट भाइ-बहिन कांदथ, दीदी संगे जइबइ हामिन !
दीदी के नवाँ घरवा हो!
बेटी भइया के गलवा सपन होतो गे,
बेटी, सासु के गलवा आपन होतो गे,
बेटी, गोतनी के गलवा आपन होतो गे…. ।
दुवाइर लागला परे
तोर मायें सेंकल हलो एँड़री पातें,
हामें सेंकबो पान पातें रे / गे….. ।
दुवाइर लागला परे-2
घर ले बाहर भेलइ, आपन भइया!
दूरियाँ – ही ठाढ़ भेलइ हो !
पहिले चुमाइ लीहें, आपन पुतहिया!
तबे भोजियाक जनम-ल हो !
जकर भइया कातारी के चास करइ,
तकर बइहनी गुड़वा के पात चाटइ हो!
पुरूष-पच्छिमा के जे, अइलइ जहाज हो!
सेहो जहाज, लागलइ दुवारीं हो!
झांझन
सोना के खड़म पिंधी बइजकऽ हथ छोटका ददा
चलें गो-चलें गो मइया हामर घरा गो अगे,
मोर धनिया दरद से बेयाकुल गो!
कइसे हमें जीवो बेटा तोहर घरवा हो
एगो तोर धनिया बइजको हउ –
कुबोलिया रे ।।
सोना के खड़म पिंधी बइजकऽ हथ छोटका ददा
चलें ने चलें न भउजी हामर घरा हो
एगो. मोर धनिया दरदें बेयाकुल गो
कइसे हमें जीबो बाबु तोहर घरा हो
अरे तोर धनिया बइजको हउ कुबोलिया रे बबुआ !!
सोना के खड़म पिंधी बइजको हथ छोटका ददा
चला हो-चला हो दगरी हामर महलिया
अगे, मोर धनिया दरद से बेयाकुल भेली हे
कइसे हाम जीबो बाबु तोहर घरा
अरे तोर धनिया बइजको हउ कुबोलिया रे बबुआ । ।
चलें चलें दगरीन हमरो घरा
नाय तो दरद से मोइर जीते मोर धनिया
अगे, मोर धनिया दरद से बयाकुल भेल ही!
जउ तोंय लइ आन गड़ीया रे बबुआ
ताबे हाम जीबोउ तोर घरा रे बबुआ ।।
घेरा गीत
बारS बछर राम जी परलों बेजार हो,
केउ नाहीं करइ उतजोगा हो राम
मानुस जनम दिन चारी हो……
चार पहर रात बिनिया डोलावइ राम
भिनसरे दम छूटी गेल हो राम, मानुस ……
चारी जुवान मिली खटिया उठावइ राम
लइकें गेलथीन जमुनइ के तीर हो, मानुस ….
टूटल खाटी राम जी फुटल भोरसिया
दस-पाँच लोक बरियात रे भाय, मानुस ….
चंदन काठा केरी सरवा रचइलइ राम
बेल पतरी अगनी मुख देलइ रे भाय, मानुस..
सरवें लागलइ आइग सरगें ठेकइ घूँआ
सरगेक लोक पूछइ किया आनले संदेसा हो, मा_
टूटल खाटी राम जी फुटल भोरसिया
केव नाहीं संग-संगतवा रे भाय, मानुस ……
केउ कांदइ भाय, जनम जनम हो
केउ कांदइ, छउ मास रे भाय
केउ कांदइ दिन चारी हो, मानुस …
माइ कांदइ राम जी जनम-जनम हो
बहिन कांदई छउ मासा रे भाय
तिरिया कांदइ दिन चारी हो, मानुस …..
सहियारी गीत
छठियारी गीत
पर्व-त्योहार गीत (03)
करम गीत – 2
आखरा बांधा 1
‘छोटे मोटे ‘चेटर’ गाँव माझे ठिने आखरा गो
तहीं तरे सभे देवा खेले जुआ साइ
किया तोहें सुरूज देवा खेले जुआ साइ गो
तोहर गइया हो देवा, कास नदी पार गो!
दे हो जाइ दे हो, कांस नदी पार हो
जाइ हवतइ संकट देवा, आनबइ घुराइ
( ई गीत गोटे खोरठा छेतरें पइरचल हे। चेटर गाँव के जघ- आपन–आपन गाँवेक नाम ले हथ जे रंग ‘माराफरी’ ‘साँकुल’ हेन-तेन)
आखरा बांधा 2
आगु बंधना बांधु सुरूज देवा गो
तबे ओकर बांधना बांधु जावा डाली गो
पोखरीक भिंड़िया हीं जावा जगइलों गो
एगो के जाने कोना देवा अइता गो !
एते जदि जान-तलों सुरूज देवा अइता गो
एगो चरक पाँठा राखतलों बइसाइ गो!
तबे बांधना बांधु करम गोसाइँ गो
एगो ओकर बंधना जावा डाली गो
एते जदि जान-तलों करम गोसाइँ अइता गो
एगो खीर- ओंकरी राख तलों बइसाइ गो!
करमेक लहइर
लाली पालकिया, लाली धोलकिया
लाली-लाली पड़लय ओहाइर,
रे करम चली आइल…..
मंमिएँ बइसले तोहें ससुर बढ़इता,
दिहा ससुर बहिन बिदाय, रे करम….
हामें नाय जानियइ, हामे नाय सुनिये
जाए पूछू भेंसुर आपन, रे करम….
डंटा खेलइतें तोहें भेंसुर बढ़इता,
दिहा भेंसुर बहिन बिदाय, रे करम….
हामे नाय जानिये,हामे नाहीं सुनिये –
जाये पुछँ दीदी आपन, करम चलि….
भनसे दुकले तो दीदी दुलरइति,
दिहा दीदी बहिन बिदाय, रे करम…. रे
हा नाय जानिये, हामे नाही सुनिये
जाए पूछँ बोहनइ आपन, रे करम चलि…..
डंटा खेलइतें तोहें बोहनइ बढ़इता,
दिहा बोहनइ बहिन बिदाय, करम चलि…..
धरबइ माय मुंगरी तोड़बइ माय टेंगरी
पुरी जितइ करमाक आस, रे करम चलि आइ….
करमेक लहइर 02
कोना आमा हरियर, कोना आमा पियर
बलि ओगो, कोना आमा सिन्दुरे बरन ?
काँचा आमा हरियर, गादर आमा पियर
बलि ओगो पाकल आमा सिन्दुरे बरन ।
सेहो आमा बिछे गेली कनिया कुमारी
बलि ओगो, राजाक बेटाइँ,
राजाका बेटाँइ धरलइ आँचइर।
छाड़-छाडु राजाक बेटा, हामार आँचरवा,
बलि ओगो हामे लागों,
हामे लागों कनिया कुमार ।
तोहें जे लागा कनिया कुमारी,
बलि ओगो हामें लागों,
हामे लागों राज कुमार ।
जबे तोहें लाघे राज कुमार गों
बलि ओगो चली जिहा,
चलि जिहा बाबाक बखइर ।
कइसे हमें चिन्हब जेठाक बखरीया
बलि ओगो कइसें चिन्हब बाबाक बाखइर ?
जेठाक बखरीं घुरइ-
हँसराजा घोड़वा, बलि ओगो
बाबाक बखरी, बाबाक बखरी-
घुरऽ हइ मेंजुर !
खाटाप-खुटुप दउड़इ
हँसराजा घोड़वा,
बलि ओगो, दन-दन, दन-दन
घुरऽ-हइ मेंजुर !
झुमइर
केथिक डरें गे हाँथिन बोन समइलें ?
केथिक डरें गे हाँथिन कादाँइ लेटइलें ?
माछिक डरें गे हाँथिन बोन समइलें ।
लुतिक डरें गे हाँथिन कादाँइ लेटइलें।
के तोरा गे हाँथिन घास काटतउ ?
के तोरा गे हाँथिन पइन भरतउ ?
राम-लखन गे हाँथिन घास काठतउ ।
सीता सांवइर गे हाँथिन पइन भरतउ ।
झुमइर 2
झिरी-झिरी नदिया सेंवाल बोहइ ना
हेरम, तहीं तो बंगालिन बेटी-
दाइल धोवइ ना।
घोड़े चढ़ल आवे राजाक बेटा ना
हेरम, घोड़वें उतइर राजाइ दाइल मांगइ ना ।
कइसें हमें देबइ धोवल दलिया ना
हेरम, बाबाक कुलेक नाम डुबाइ देबइ ना।
करमेक हुब
कर-मेकेर लह लह ! भइया लेगे आवे!
पर-लइ भादर मास, लाग-लइ नइहरेक आस!
करा गो सासु, करा गो सासु!
करा सासु हामर बिदाइ !
दिना चाइरेक,
सासु जाइ दे नइहरा गो!
दिना चाइरेक!
तोहरो बिदाइ बहु हाम्हूँ ना जानो!
पूछी गो लिहा, पूछी लिहा आपन ससुर !
दिना चाइरेक, ससुर जाइ दे नइहरा गो
दिना चाइरेक!
भोरल नदी-नाला, भोरल जोरिया गो
कइसे करि, बेटी जइबें नइहरा गो
कइसें करि !
आन-बइ सिमर पोहा
गाँथ-बइ फुही गो
फुही चघी, ससुर जइबइ नइहरा गो!
दिना चाइरेक !
ससुर जाइ दे नइहरा गो!
दिना चाइरेक!
जावा जगवा
जावा माय जावा, किया – किया जावा
सेहो रे जावा एक पांता सइ रे ।
सुइया राजा राम-राम, हरि रामा भाइ रे
“सराभरा दह के पनीया पीयाइब रे!
सारा हाटे हटी गेलइ कजराली पनीया
गंगा बोही-बोही छेके मलीनीयाँ!
गंगा हो गंगा मइया तोहरे नाम रे
दुहिया लइ भइया पाअरा पाइब रे!
पहराहीं हथिं साठी मुनिस रे
साठी मुनिस के साइ बहू रानी
साइ बहू रानी- एक बहू कानी
कानी के देवइ, घइला भरी पानी!
घइलवे से उइठ गेलइ गेहूमन साँप रे
छाडू-छाडू गहूमन हमरिया बाट रे
बाट छोड़िये बहिन किया फल पाइव रे
पइबे भाय रे करम गोसांइ रे ।
दिहा करम गोसाइ दिहा आसिस रे
मोर भइया जियतइ लाख बरिस रे
देलियो गो करमइति देलियो आसिस गे
तोर भइया जियतो लाख बरिस गे।
करमेक हुब -2
करमेक लह लह भइया लेगे आवे
बलि ओगो, करा सासु
करा सासु हमर बिदाय ।
भोरल नदी नाला भोरल जोरिया
बलि ओगो, कइसें करी
कइसें करी जिबें नइहर ?
आनब सिमर काठ, गांथबइ फुही गो
बलि ओगो, फुहीं चढ़ी,
फुहीं चढ़ी जिबइ नइहर ।
भोजीक ओलोहना
बांका रे बांका कुरथी,
भूंजे बइसल छोटकी ननद ।
भूजइते – भूंजइते ननद पोड़ी गेल
लाजे हूँ नाय जाय ससुर घार ।
जाइते रे सिमर सिटिका
घुरइते फुलें भोभोकाल ।
तोरी लिहा हो नन्देसुआ
ननदी के देबइ पहिराइ ।
बांका रे बांका कुरथी ….
जावाक बिदाइ गीत
आइझु तो करम गोसाइ
घारें दुवाइरें गो,घारें दुवाइरें
काइल तो रे करम गोसांइ, कास नदी पार ।
जाजा हो करम गोसांइ,
कास नदी पार हो, कास नदी पार
आवतइ भादर मास आनबो घुराइ -2 !
भायेक बड़ाइ
के मोरा खायतइ पाकल पान गो -2
के मोरा खायतइ ऍड़री के टूसा ?
भइया हामर खायतइ पाकल पान गो -2
सँइया हामर खायतइ ऍड़री के टूसा !
के मोरा आवतइ इंद राजा संगें गो-2
के मोरा आवतइ चुरूप राजा संगें ?
भइया मोरा आवतइ इंद राजा संगें गो-2
सँइया मोरा आवतइ चुरूप राजा संगे ।
के हामर आइन देतइ दूइयो हाँथेक साँखा गो-2
के हामर आइन देतइ अइड़ि सइतिनी-?
भइया हामर आइन देतइ दूइयो हाथेक साँखा गो-2
सइया हामर आइन देतइ अइड़ि सइतिनी ।
हाँसी-हाँसी पिंधबइ दूइयो हाथेक साँखा गो-2
कांदी-कांदी पइरछबइ अइडि सइतिनी ।
करमेक आस 2
दूरी देसे करलें बाबा जोर नारवा हो,
कबहूँ न अइलें लेनिहार!
आगु पठइबो बेटी नउवा बाभनवाँ गे
तबे पठइबो छोटो भाइ!
कहाँ हामे राखबइ नउवा बाभनवाँ गो
कहाँ राखब छोट भाइ ?
गोहला हीं राखों नउवा बाभनवाँ गे
भितरा महलें छोटो भाइ ।
किया खियइबइ बाबा नउवा बाभनवाँ गो
किया खियइबइ छोटा भाइ ?
घीया मूंगा दलिया बेटी नउवा बाभनवाँ गे
दही दूध खियइहें छोटो भाइ ।
कहाँ पइबइ बाबा घीया मूंगा दलिया हो,
कहाँ पइबइ दही दूध ?
लादी पठइबउ बेटी घीया मूंगा दलिया गे
खेदी पठइबउ धेनु गाय ।
किया दये बोधवइ नउवा बाभनवाँ गो
किया दये बोधबइ छोट भाय ?
चार-दाइल धोती दये नउवा बाभनवाँ गे
छोटकी ननदी छोटो भाइ ।
करमइति सीता
दर-दर का भाइ, सीता ठकुराइन रे !
बलि ओ.. रे ! बाम रे भेला
बाम भेला बिधि हामर !
सुना-सुना करम राजा हामर बचनवाँ
बलि ओरे, मोर जे सइयाँ
मोर सइयाँ गेलक परदेस !
जदि सइयाँ आनि देभे, करम गोसइयाँ
आवत भादर मासें, करमे के दिन
ढोल-ढाकेँ आन-बो, माँझ बारी गाड़-बो !
बलि ओरे, घीवेके बातीं
घीवेक बाती लेबो जागाइ !
आन-बइ सहियाक डाकि, बइसब धेयान धरि
बलि ओरे, फुल रे दले !
फुल दलें करबो सुसाइर !
हामर बातें अर-जे जे, सिखर साइल धनवाँ !
बलि ओ रे, से हो रे धानेक से हो धानेक देबो भिंजल चार !
सोहराइ गीत – 1
सोहराइ गीत 1
जागहीं न जागही गइया आजु केरी रतिया गो
तोरे जागलें जागतउ गोटे संसार !
जागहीं न जागहीं मीरा आजु केरी रतिया हो
तोरे जागलें जागतो गोटे संसार ।
तोरे घारें देखा हउ आलो न बतिया हो
तोरे घारें देखा हउ आंधार,
बारऽ हीं न बारऽ हीं मीराइन घीया – मूंगा बतिया हो
झकमक बरतउ सारा राइत ।
सोहराइ / 2
कुल्हीयाँइ – कुल्हीयाँइ हामें जा हलों
तोर बरदाँइ आनलउ घुराइ !
चालें हो चालें अहीरा हामर मीरा घर
जाइक चोटें करतउ बिदाइ !
बइसें ले जे देलइ बाबु उँचा-नीचा मचिया
खायले जे देलथ बीड़ा पान
अइसने लागइ बाबु घरे के गिरहनियाँ
सुपा भरी दइये देलइ धान!
ककर लागइ बाबु उँचा-नीचा बखरिया
ककर जागहइ नाम
ककर लागइ बाबु उलारे-दुलारे गो
सोनाक डुभियें खा हइ दुध-भात
बड़का के लागइ बाबु उँच-नीचा वखरिया
मंझला केर जागइ नाम
छोटका के लागइ बाबु उलारे-दुलारे गो
सोनाक डुभियें खा हइ दुध-भात ।
सोहराइ / 3
ओही रे, किया बरन काड़वा तोरी आठो अंगा रे बाबु हो, किया बरन दुयो सिंग !
किया बरन काड़वा तोरी दुयो कान रे किया बरन दुयो आँइख, बोल ओही रे!
करिया बरन काड़वा तोरो आठो अंगा रे
बाबु हो, कँकुआ बरन दुयो सिंग
सूपती बरन काड़वा तोरो दुयो कान रे, चाँद सुरुज दुयो आँइख !
कथीं सजइबोउ काड़वा तोरी आठो अंगा रे
बाबु हो, कथीं सजइबोउ दुयो सिंगा !
कथीं सजइबोउ काड़वा तोरी दुयो आँइख
रे, बोली ओही रे,
गुड़ी हीं सजइबोउ काड़वा तोरी आठ अंगा रे !
बाबु हो, सिंदुरें सजइबोउ दुयो सिंग काजरे सजइबोउ काड़वा, तोरी दुयो आँइख!
श्रम गीत – 1
बाल गीत – 1
गीदर-भुला 1
खीर घाँटों खीर घाँटों
एकरौँ देलिये, ओकराँ देलिये
कानी, मुनी, रेवा, रेपो
सब के देलियइ
ठेपो के देलिये ठेपो धाराइ
घोड़वा चलले जाइ
दुध-भात खाइल जाइ
छल गुदू-छल गुदू…!
गीदर-भुला 2
ताय- ताय- ताय
नुनु मामु घार जाय
मामुक पिंडें छिछि करे
मामी पोंछे जाइ ।
मामु मारे, ठाइ ! ठाइ !
अरसन परसन गोड़ परसन
बुढ़वा गेल हाट
हाट से आनल पात
दू हाँडी भात!
गीदर-भुला 3
अकनी ढकनी पुरइन पात
राजा घरेक बेल पात
काली गइया हँकदल आवे
तकर दुधवा के खाय ?
हामर नुनू / नुनी खाय !
गीदर-भुला – 4
झिम झिमालो – झिमालो
सालुक लाता -पाता लो
मायें बापें खइलो,
हामरो नाय देला
कोन पेरवा झाँप देइ
गजर घुम पाटा थुम !
गीदर-भुला – 5
उदूम दूदूम दूम सुपाड़ी
कंगला मारे ताड़ा-ताड़ी !
रेल गाड़ी झमा झम
पेटें फुले आलूक दम !
बाबु मांगे साबु दाना
गोला पती फूल !
गीदर-भुला – 6
घू—घू चूँ-2 पाँडूक चू
सासेक सुख पूतोक दूख
भाइग गेलें बड़ी दूख
सिसिक तेल माखाइ देल
लोहो लीली हो ओ लोहो लीली…!
(सामंती जमानाक छाप, हालेक गीत)
गीदर-भुला – 7
घुघुचू-घुघुचू घुमेलिया
अरवा चार के डेलिय
सास बइठल मइचला में
ननद बइठल खटिया में
घुरा-धुरा भोजी घुरा हो
नाँइ घुरबो नूनू हो !
हामर नइहर में चंदन के गाछा
झुकी झुकी देखबइ
भइयाक आस!
गीदर-भुला – 8
घुघुचू-घुघुचू पाँडुक बोले
एते राती केकर छउवा कांदे
छउवा के माय के लाजो नाञ लागे
दुवारी बइस गाल मारे ।
गीदर-भुला – 9
सुत मइवाँ सुत गे
बपा गेलउ हार जोते
मइया गेलउ भुंजा दिये
सुत मइवाँ सुत गे।
गीदर-भुला – 10
सुता – सुता रे बेटा होरीला
तोर बापा बांस काटे गेलउ
मइया उड़ीस मारे गेलउ !
गीदर-भुला – 11
चाँद मामु चाँद मामु
हँसुआ दाय!
सेहे हँसूआ काहे ले
घसीया कटावे ले
सेहे घसीया काहे ले
गइया के खियावे ले
सेहे गइया काहे ले
दूधवा दूहावे ले
सेहो दूधवा काहे ले
खिरिया पकावे ले सेहे खिरिया काहे ले
बाबू के गुट-गुट खिलावे ले।
गीदर-भुला – 12
अटकन- चटकन दही चटाकन
बड़ फुले बरेला से
सावन मास करेला से
हे बेटी तोंय गंगा जउ
गंगा से कसइलि आन
कचा कचा नेर के दे
नेर बेचारा चोरिया
धर कान ममोरिया ।
गीदर-भुला – 13
रोद पानी ऑधी पानी
सियार केर बिहा
राम धनुक उइग गेलो
देइख सुइन कें जिहा
पच्छिम बाटें पानी भेलो
पूरूब बाटें धनुक
आम झाइर कें चइल गेलो,
लेलें आवें झिनुक,
संगें तनीनुन मरिच लाल लाल दिहा ।
सियार केर बिहा केर भोज खाय लिहा ।
गीदर-भुला – 14
रोद पानी-रोद पानी
सियार के बिहा
एक चुटकी अन नाञ
कइसें देबइ बिहा!
ऋतु गीत – 1
सामान्य गीत -1