खोरठा भाषा एवं साहित्य
SARKARI LIBRARY
MANANJAY MAHATO
SPECIAL FOR JSSC / JPSC
Ankhik Geet Srinivas Panuri FOR JSSC JPSC
ऑखीक गीत श्रीनिवास पानुरी
(ख)ऑखीक गीत
(कविता संग्रह- 72 कविता )
आंखिक गीत का अर्थ – आँखों के गीत
पृथ्वी प्रकाशन में दिया हुआ है |
प्रथम संस्करण | 2000 |
द्वितीय संस्करण | 2019 |
1.आइझ गीतेक देशे | OPEN |
2.हमर हाथेक माला | OPEN |
3.एखनु पुरवेक गाले लाली | OPEN |
4.घुइर घुइर ककरा देखे आइख | OPEN |
5. मीठा फागुन हवाक वासे | OPEN |
6.रुपेक आंगी जरल प्राण | OPEN |
7.तोर इयाद माते | OPEN |
8.सखी आईस तोर आशे | OPEN |
9.हम सुनलहि शून्येक डाक | OPEN |
10.करिया काजरेक घर से | OPEN |
11.आइझ हमर वीणाक तारे | OPEN |
12.जखन हमरा सिद्धि मिलल | OPEN |
13.बाजे ककर नूपुर धवनिनी | OPEN |
14.हम देखल ही सत्य के | OPEN |
15.भभला गाचे आम फरल | OPEN |
16.आईस खोरठाक प्राण प्रतिष्ठा | OPEN |
17.हम देखल ही सब साला के | OPEN |
18.आइझ हमर मने जागे | OPEN |
19.कोन सुंदरेक पूजे तोय | OPEN |
20.बहुत दिनेक बाद भेल | OPEN |
21.गीते गीते गीत जागल | OPEN |
22.रखिया भाय मुहेक पानी | OPEN |
23.मरुक देशे मनेक पाँखि | OPEN |
24.सुइन ककर कंठेक गान | OPEN |
25.एके तो करेला | OPEN |
26.सखी तोर रुपेक शोर | OPEN |
27.काने फूल | OPEN |
28.काँखे पानी | OPEN |
29.बाहरे रोद | OPEN |
30.तोर एसन धन के | OPEN |
31.चमकल ककर गालेक लाली | OPEN |
32.आइझ हमर मने परल | OPEN |
33.खोरठा हाय खोरठा | OPEN |
34.जाग जाग | OPEN |
35.एखनु हमर काने नूपुर | OPEN |
36.दुनियाक विचित्र खेल | OPEN |
37.इ जगते तोर ठोर नाय | OPEN |
38.आयझों तोर दर्शन खातिर | OPEN |
39.इ कुकुर गिला से होशियार रहिया भाय | OPEN |
40.आइझ आपण के सभ्य कहे हे मानुस | OPEN |
41.सभ्य कंही की असभ्य तोरा | OPEN |
42.जय जय जय | OPEN |
423.सत्येक टांगे लागल हे | OPEN |
44.हम रोपली धान | OPEN |
45.मानुष खोजे है आइझो आपण राश्ता | OPEN |
46.एखनु राइत बाकि हे | OPEN |
47.आइझ फुइल के डुबे हे सुरुज | OPEN |
48.आइझ आकाशो नूतन मेघ | OPEN |
49.आइझो झारखण्डे ओहे होवे हे | OPEN |
50.जखन पण्डितेक हाथे भासाक भार | OPEN |
51.नाच बान्दर नाच रे | OPEN |
52.हम पकिया लाल रंग | OPEN |
53.हम आर उ | OPEN |
54.हमरा के भुल्ले हे कान्हा | OPEN |
55.नाच मुंडरी नाच रे | OPEN |
56.तोर आशे बांध घाटे | OPEN |
57.ईटा ईगो तपेसा | OPEN |
58.धीरे धीरे बोल सखी | OPEN |
59.सांप बइन काटे जे | OPEN |
60.बैसाख मासेक थकल पथिक | OPEN |
61.बिस सूत्री कार्यक्रम हमर मने चिंता गम | OPEN |
62.जोदी खोजा मान | OPEN |
63.तोरा देईख के डर होवे हे मने | OPEN |
64.आइझ हमर मने परल | OPEN |
65.पुरुब डिगे सुरुज उठल | OPEN |
66.आइझ हमर काम शेष | OPEN |
67.माएक किरपे आइझ हम पूर्णा | OPEN |
68.ऐसन पहर के टेके हमर डहर | OPEN |
69.हाय हम ललकले रहली | OPEN |
70.कलि ,फुले गाछ विरिछे हँसे | OPEN |
71.विधवा | OPEN |
72.छणिका | OPEN |
छायावाद कविता की मुख्य विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)
आत्माभिव्यक्ति (soul expression)
नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण
प्रकृति प्रेम
राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण
रहस्यवाद
स्वच्छन्दतावाद (Romanticism)
कल्पना की प्रधानता
दार्शनिकता