- श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द की परिभाषा – ऐसे शब्द जिनका उच्चारण प्रायः समान होता है, परन्तु अर्थ अलग-अलग होते हैं श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।
- 1. श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द ” अन्तर-अनन्तर ” का अंतर स्पष्ट करें?
- (क) इरी-निकटता
- (ख) मतभेद-मतैक्य
- (ग) भिन्नता-बाद में
- (घ) अन्दर-ईष्या
वर्णक्रमानुसार श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द एवं अर्थ
- अक्ष – धुरी , अक्षि – आँख
- अणु – कण , अनु – पीछे, एक उपसर्ग
- अंस – कन्धा , अंश – हिस्सा
- अनिल – हवा ,अनल – आग
- अन्त – समाप्ति, अन्त्य – अन्तिम
- अविराम – लगातार, निरन्तर ,अभिराम – सुन्दर
- अँगना – आँगन ,अंगना – स्त्री
- अपेक्षा – इच्छा, तुलना, आवश्यकता ,उपेक्षा – निरादर
- अम्बुज – कमल,अम्बुधि – सागर
- अन्न – अनाज,अन्य – दूसरा
- अवलम्ब – सहारा
- असन – भोजन ,आसन – बैठने की वस्तु
- संकर – अलंकार , शंकर – महादेव
- सर्व – सव , शर्व – शिव
- सँकरी – पतली , संकरी – दोगली
- सीता – जानकी , सिता – चीनी
- सर – तालाब ,शर – तीर
- सखी – सहेली , सखी –दानी
- सुकर – आसानी से होने वाला , शूकर – सूअर
- सॅवार – सजाना , संवार – आच्छादन
- सीसा – एक धातु , शीशी – काँच
- शूर – वीर , सुर – लय
- सप्त – सात ,शप्त – शाप
- सेव – बेसन का एक पकवान , सेब – एक फल
- समान – तरह , सामान – सामग्री
- सॉप – जंतु , साप – शाप का अपभ्रंश
- सर्ग – अध्याय, स्वर्ग – तीसरा लोक
- स्याम – एशिया का देश