Khortha
‘चासा’ कहनी के लिखल हथ ?
- बंशी लाल बंशी
- अजित कुमार झा
- चतुर्भुज साहू
- सावित्री देवी
Explanation:
‘चासा’ कर अरथ-
- a. किसान
- b. खेतीहर
- c. a & b दूइयो
- d. धांगर
Explanation:
‘चास’ कर अरथ-
- a.खेती-बारी
- b.मजदूरी
- c. a & b दूइयो
- d. चासनी
Explanation:
‘चासा’ कहनीक मुझ्ख पातर लागे ?
- मंगरा
- मंगरू
- झबरू
- अघनु
Explanation:
‘मंगरू’ कर बाप कहिया मोरल रहे ?
- जखन मंगरू छोट रहे
- जखन मंगरू जनमल नाञ रहे
- जखन मंगरू के उमइर बीस बछर रहे
- ई सोभे
Explanation:
बंशी लाल बंशी जी के कोन पुरस्कार मिलल हइ ?
- खोरठा रत्न
- काव्यभूषण
- भारत रत्न
- पद्मश्री
Explanation:
‘चासा’ कहनी में जमीदारेक नाम की रहे ?
- बिरजु चौधरी
- गनेस बाबु
- गुनेसर बाबु
- नाम नाञ आइल हे
Explanation:
मंगरूक जेनीक नाम की रहइ ?
- बुधनी
- करमी
- सोहागी
- धनिया
Explanation:
मंगरूक बाप मोरल बादे मंगरूक परवरिस कहां भेल ?
- आजा घारे
- मामु घारे
- मोसा घारे
- ससुरघारे
Explanation:
‘चासा’ कहनी कर जइर भाव की हके ?
- आपन खेती-बारी अपने करेक चाही
- जमींदार जइसन कुरचलियाक से बांचेक चाही
- सोसन के बिरोध करेक चाही
- ई सोभे
Explanation:
मामु घार ले घुरल बादे मंगरू की काम करे लागल ?
- गांवे धांगर के
- जिमींदार घारे गोरखिया
- मुनिस खटे लागल
- इ सोभे
Explanation:
‘चासा’ कहनीए मंगरूक खरइ के धान बिड़ा में कउन आइग लगाइ देहे ?
- जिमींदारेक आदमी
- गांवेक आदमी
- मंगरूक बोड़ बेटा
- अपने आप
Explanation:
बंशी लाल बंशी जीक जनम बछर छांटा
- 11 मार्च 1954
- 14 मार्च 1954
- 18 मार्च 1964
- 19 मार्च 1965
Explanation:
मंगरू कर जमीन के जमींदारे की रकम हड़पल ?
- मंगरू तोर खेत तो बहुते हो, मेंतुक सोब बेकार
- जतनेक बिना टाँइड़ भइ गेल हे
- हामर हार, गरू, हामर करबइ, तोरहूँ कुइछ-कुइछ देइ देहो
- ई कइह खेते आर आबाद आपन घारे झुकबे लागल ।
Explanation:
बंशी लाल जीक साहितीक नाम छांटा-
- बंशी
- पांडे
- लाल
- सव्यसाची
Explanation:
मंगरू केकर कहल परे जमींदार पास जाइ के आपन खेते खेती करेक बात कहल-
- a.आपन बोड बेटा
- b.आपन जेनी
- c.करमी
- d. b & c दुइयो
Explanation:
बंशी जीक मायेक आर बापेक नाम की रहे-
- बासनी देवी, मोतीलाल साहु
- बासनी देवी, रघु साहु
- मालती देवी, मोतीलाल साहु
- बासनी देवी, सोहन लाल साहु
Explanation:
मंगरू कोन हाट से गरू (बैल) लानेक बात करल
- बोर टांइडेक हाट ले
- नावा टांइडेक हाट ले
- चास बाजार ले
- गांधी मेला ले
Explanation:
मंगरू जमींदार के घारे कि काम करेहे ?
- गोरखिया
- मुनिस
- दिवान
- लटैत
Explanation:
करे-करे गांवेक लोक कि करे लागल ?
- हाजरी खाटे लागल
- मुनीस खाटे लागल
- चास करे लागल
- इ सोभे
Explanation:
मंगरू के जेनी करमी की नियर गरू कीनावइल ?
- ई गांइठे हामर बिहाक सब कहना हइ
- जा चास जाइके सब बेइच देहाक, आर
- काइल बोरटांइड जाइके गरु लइ आना
- ई सोभे-कइह गरू कीनावइल
Explanation:
गरू कीनेक आगुवे कोन घटना घटल ?
- a.मंगरूक सास बीमार हेल
- b.मंगरूक ससुर बीमार हेल
- c.a & b दूइयो
- d.मंगरूक गोड़ टूइट गेल हेल
Explanation:
साइस कर भोजेक बादे घुरल पर मंगरू के हालइत कइसन भइ गेल रहे ?
- गुम-सुमें रहे लागल ।
- फिकिर भइ गेलइ जे आब गरू कइसे किनअइता ।
- हार-गरूक बात कीन्हों नाइँ करइ ।
- इ सोभे
Explanation:
‘चासा’ कहनी में कउन महिना के चरचा आइल रहे ?
- अघन
- पोस
- माघ
- फागुन
Explanation:
खरिहाने आइग लागल बादे धराइल लोकवांइ की कहल रहे ?
- हामर कोन्हों दोस नाइँ बाबा ।
- हाम तो चाकर लागों ।
- जमींदार साहेबेक हुकुमें हाम
- इ सोभे कहल
Explanation:
मंगरू आर करमी धान भोइर घार जाइ लागला आर जइते-जइते ककरा खरिहाने रहे कहल ?
- छोटका छोंडा के
- बड़का छोड़ा के
- बेटी के
- इसोभे
Explanation:
जे लोकवा खरिहाने लागाइल ओकरा देइख के जिमींदार की कहले ?
- a.जमींदार साहब गरइज के कहलइ एकरा कि पूछबइ तो तोहनिक लोक लागो ।
- b.हामरा खाली बदनाम करे खातिर तोहनी अइसन कहा हा
- c. (a) आर (b) दूइयो
- d.इ बेस लोक लागय ।
Explanation:
जमींदारेक बात सुइन सोभिन की करला
- a.ओकरा देइख के थूइक देला
- b.सामिलात निरनय लेला
- c. a आर b दूइयो
- d. सोब भाइग गेला
Explanation:
जते किसान कमिया जुमल हला सोभिन की किरिया खइला ?
- हामनी तब तक सोसन अतियाचार के बिरोध करते रहब
- जाउतक हामिनिक आपने हेराइल अधिकार घुइर के नाइँ मिल जाइत ।
- जते किसान लोकेक खेत हड़इप लेल हइ केउ ओकर खेतें काम नाइँ करब ।
- इ सोभे
Explanation:
किसान कमिया जुमल हला सोभिन के बात सुइन करमी अगुवाइ आइके की कहलइ ?
- ई अधिकार के लडाइ में हामनी जनी जाइतो पेछु नाइँ रहब
- मरदेक संग दइ के सोसन अतियाचार के नास करे खातिर
- गाँवे-गाँवे जनी सब के जगवेक किरिया खा हो ।
- इ सोभे
Explanation: