किसी भी कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है
हार्डवेयर
साफ्टवेयर
हार्डवेयर (Hardware) :
कम्प्यूटर मशीन तथा कलपुर्जो को हार्डवेयर कहते हैं।
हार्डवेयर कम्प्यूटर की भौतिक संरचना है। वे सभी चीजें जिन्हें हम देख व छू सकते हैं, हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं।
जैसे–सिस्टम यूनिट, मानीटर, प्रिंटर, की-बोर्ड, माउस, मेमोरी डिवाइस, हार्ड डिस्क, प्रोसेसर आदि।
साफ्टवेयर (Software) :
हार्डवेयर कोई भी कार्य स्वयं संपादित नहीं कर सकता। किसी भी कार्य को संपादित करने के लिए हार्डवेयर को निर्देश दिया जाना आवश्यक है। यह कार्य साफ्टवेयर द्वारा किया जाता है।
साफ्टवेयर प्रोग्रामों, नियमों व अनुदेशों का वह समूह है जो कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करता है तथा कम्प्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर के बीच समन्वय स्थापित करता है।
साफ्टवेयर यह निर्धारित करता है कि हार्डवेयर कब और कौन-सा कार्य करेगा।
साफ्टवेयर को हम देख या छू नहीं सकते।
मशीन साइकल (Machine Cycle)
कम्प्यूटर द्वारा किसी छोटे से छोटे निर्देश (instruction) को संपन्न करने के लिए एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है जिसे मशीन साइकल कहते हैं।
मशीन साइकल को चार चरणों में बांटा जाता है
1. फेच (Fetch) : मेमोरी से आवश्यक निर्देश (Instruc tions) प्राप्त करना।
2. डीकोड (Decode) : प्राप्त निर्देशों को कम्प्यूटर द्वारा समझे जा सकने वाले कमांड्स में बदलना।
3. एक्जीक्यूट (Execute) : इन कमांड्स को प्रोसेसर द्वारा एक्जीक्यूट करना।
4. स्टोर (Store) : एक्जीक्यूशन के बाद प्राप्त परिणाम को मेमोरी में स्टोर करना।
कम्प्यूटर हार्डवेयर के मुख्य भाग ( Main Components of Computer Hardware)
कार्यपद्धति के आधार पर कम्प्यूटर हार्डवेयर को निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है
(i) इनपुट यूनिट (Input Unit)
(ii) भंडारण यूनिट या मेमोरी (Storage Unit or Memory)
(iii) सिस्टम यूनिट (System Unit)
(a) मदर बोर्ड (Mother Board)
(b) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)
(c) प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory)
(iv) आउटपुट यूनिट (Output Unit)
इनपुट डिवाइस (Input Device)
डाटा, प्रोग्राम, अनुदेश (Instructions) और निर्देशों (Commands) को कम्प्यूटर में डालने के लिए प्रयोग की जाने वाली विद्युत यांत्रिक (Electromechanical) युक्ति इनपुट डिवाइस कहलाता है।
इनपुट यूनिट उपयोगकर्ता से डाटा और अनुदेश प्राप्त कर उसे डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है तथा प्रोसेसिंग के लिए प्रस्तुत करता है।
चूंकि कम्प्यूटर केवल बाइनरी संकेतों (0 और 1 या ऑन और ऑफ) को समझ सकता है अतः सभी इनपुट डिवाइस इनपुट इंटरफेस (Input Interface) की मदद से डाटा व अनुदेशों को बाइनरी संकेत में बदलते हैं।
इनपुट डिवाइस के कुछ उदाहरण हैं
की-बोर्ड, माउस, ज्वास्टिक, प्रकाशीय पेन, स्कैनर, बार कोड रीडर, माइकर, पंचकार्ड रीडर आदि।
भंडारण यूनिट या मेमोरी (Storage Unit or Memory)
डाटा और अनुदेशों को प्रोसेस करने से पहले मेमोरी में रखा जाता है। प्रोसेस द्वारा प्राप्त अंतरिम और अंतिम परिणामों को भी मेमोरी में रखा जाता है।
मेमोरी को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है
प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory) :
यह कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित इलेक्ट्रानिक मेमोरी है।
इसकी स्मृति क्षमता कम जबकि गति तीव्र होती है।
इसमें अस्थायी निर्देशों और तात्कालिक परिणामों को संग्रहित किया जाता है।
यह अस्थायी (Volatile) मेमोरी है जिसमें कम्प्यूटर को ऑफ कर देने पर सूचना भी समाप्त हो जाती है।
डाटा तथा अनुदेशों को प्रोसेस करने से ठीक पहले प्राथमिक मेमोरी में अस्थायी रूप से रखा जाता है। अंतरिम परिणामों तथा प्राप्त आउटपुट को प्रदर्शित करने से पहले प्राथमिक मेमोरी में स्टोर किया जाता है।
सेमीकण्डक्टर रजिस्टर (Registers), कैश (Catche), रॉम (ROM) तथा रैम (RAM) प्राथमिक मेमोरी के उदाहरण हैं।
इनमें रजिस्टर या कैश मेमोरी सीपीयू या माइक्रोप्रोसेसर के भीतर बने होते हैं, जबकि ROM तथा RAM मदरबोर्ड पर लगे होते हैं।
सीपीयू का सीधा संपर्क कैश मेमोरी से ही होता है।
द्वितीयक या सहायक मेमोरी (Secondary orAuxiliary Memory) :
डाटा, साफ्टवेयर तथा अंतिम परिणामों को स्थायी रूप से सहायक मेमोरी में संग्रहित किया जाता है।
कम्प्यूटर प्रोसेसर द्वारा डाटा प्रोसेस से पहले सहायक मेमोरी से मुख्य मेमोरी में लाया जाता है।
सहायक मेमोरी में कम खर्च में विशाल डाटा स्टोर करने की क्षमता होती है।
यह एक स्थायी (Non Volatile) मेमोरी है जिसमें कम्प्यूटर को बंद कर देने या विद्युत उपलब्ध न होने पर भी डाटा नष्ट नहीं होता है।
चुंबकीय डिस्क (Magnetic Disk), ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk), हार्ड डिस्क (Hard Disk) आदि सहायक मेमोरी के उदाहरण हैं।
रजिस्टर (Registers) :
यह सीपीयू (Central Processing Unit) या माइक्रो प्रोसेसर के साथ निर्मित अत्यंत तीव्र गति वाली प्राथमिक मेमोरी हैं।
इसे सीपीयू की कार्यकारी मेमोरी (Working memory) भी कहा जाता है।
सीपीयू रजिस्टर में स्थित डाटा को ही प्रोसेस कर पाता है।
अतः डाटा. तथा अनुदेशों को प्रोसेसिंग से पहले रजिस्टर में स्थानान्तरित किया जाता है।
रजिस्टर मेमोरी का एक्सेस टाइम 1-2 नैनो सेकेण्ड हो सकता है।
कैश मेमोरी (Cache Memory) :
कैश मेमोरी सीपीयू से सीधे जुड़ा होता है।
अतः कैश मेमोरी से सीपीयू तक डाटा ले जाने के लिए कम्प्यूटर मदरबोर्ड के सिस्टम बस का प्रयोग नहीं करना पड़ता।
अतः डाटा स्थानान्तरण की गति तीव्र होती है।
यह मुख्य मेमोरी और सीपीयू के बीच अस्थाई रूप से हाई स्पीड स्टोरेज एरिया का कार्य करता है जिससे प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि होती है।
सीपीयू वांछित सूचना के लिए सबसे पहले कैश मेमोरी की तलाश करता है। अगर वांछित सूचना कैश मेमोरी में नहीं मिलती तो इसे ROM/RAM में खोजा जाता है।
कैश मेमोरी सीपीयू तथा मुख्य मेमोरी के बीच गति-भेद (speed mismatch) को दूर करने के लिए बफर (Buffer) का काम करता है।
कैश मेमोरी अत्यंत तीव्र होती है, पर यह अधिक महंगा भी होता है।
कैश मेमोरी का एक्सेस टाइम 2-10 नैनो सेकेण्ड तक हो सकता है।
रैम (RAM-RandomAccess Memory) :
रैम एक सेमीकण्डक्टर मेमोरी चिप है जिसे मदरबोर्ड पर बने मेमोरी स्लॉट में लगाया जाता है।
यह एक अस्थायी (Volatile) प्राथमिक मेमोरी है। इसमें डाटा का एक्सेस टाइम डाटा की भौतिक स्थिति पर निर्भर नहीं करता। अतः इसकी गति तीव्र होती है।
प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और अनुदेशों को सहायक मेमोरी से लाकर रैम में स्टोर किया जाता है। सीपीयू इन्हें रैम से प्राप्त करता है तथा डाटा प्रोसेसिंग करता है। किसी अंतरिम या अंतिम परिणाम (Intermediate or final result) को अस्थायी तौर पर रैम में स्टोर किया जाता है।
रॉम (ROM-Read only memory) :
रॉम एक सेमीकण्डक्टर मेमोरी चिप है जिसे कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर कम्प्यूटर निर्माता कंपनी द्वारा स्थापित किया जाता है।
रॉम एक स्थायी (Non Volatile) प्राथमिक मेमोरी है जिसमें संग्रहित डाटा न तो नष्ट होती है और न ही इसे बदला जा सकता है।
रॉम में कम्प्यूटर को स्टार्ट करने के लिए आवश्यक साफ्टवेयर स्टोर किया जाता है।
सीमॉस चिप (C-MOS Chip-Complementory Metal Oxide Semiconductor Chip)
कम्प्यूटर में कुछ सूचनाएं तथा सेटिंग्स लगातार परिवर्तित होती रहती हैं, पर कम्प्यूटर को उन्हें अद्यतन (update) करते रहना होता है। यदि किसी पर्सनल कम्प्यूटर को कुछ समय या दिन के बाद ऑन किया जाए, तो भी वह वर्तमान का सही समय और दिन बताता है।
ऐसी सूचनाएं C-MOS चिप मेमोरी में स्टोर की जाती हैं।
C-MOS चिप मेमोरी कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर स्थापित एक सेमीकण्डक्टर मेमोरी है।
इसके साथ बटन के आकार का एक बैटरी लगा रहता है जिसके कारण कम्प्यूटर ऑफ होने पर भी C-MOS मेमोरी काम करते रहता है।
सिस्टम यूनिट (System Unit/Cabinet)
किसी पर्सनल कम्प्यूटर का सिस्टम यूनिट उसका मुख्य हार्डवेयर है।
सिस्टम यूनिट टिन या प्लास्टिक का बना एक बाक्स (Container) होता है जिसमें इलेक्ट्रानिक कम्पोनेन्ट होते हैं।
इनपुट और आउटपुट डिवाइस के अतिरिक्त कम्प्यूटर के सभी हार्डवेयर सिस्टम यूनिट में ही स्थित होते हैं।
सिस्टम यूनिट में मुख्यतः होते हैं।
पॉवर सप्लाई यूनिट (Power SupplyUnit),
मदरबोर्ड (Mother Board),
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) या माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor),
मुख्य मेमोरी (Main Memory)
कई पोर्ट
मदर बोर्ड (Mother Board) :
मदर बोर्ड किसी कम्प्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड है।
मदर बोर्ड पर सीपीयू (Central Processing Unit), रॉम (ROM) चिप, रैम (RAM) चिप, मेमोरी आदि उपकरण लगे होते हैं।
कम्प्यूटर के अन्य उपकरण, जैसे—इनपुट यूनिट, आउटपुट यूनिट, हार्ड डिस्क ड्राइव, सीडी ड्राइव, साउण्ड कार्ड, वीडियो कार्ड आदि मदर बोर्ड से ही जुड़े होते हैं।
भविष्य में हार्डवेयर उपकरणों को जोड़ने के लिए मदरबोर्ड पर Expansion Slots भी बने होते हैं।
MOTHER BOARD
कम्प्यूटर बस (Computer Bus) :
मदरबोर्ड पर बने सुचालक तारों का समूह जो कम्प्यूटर डाटा तथा संकेतों को कम्प्यूटर सिस्टम के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है, कम्प्यूटर बस कहलाता है।
कम्प्यूटर बस (Bus) कम्प्यूटर के अंदर बना मुख्य सड़क (Highway) है जिस पर डाटा तथा सूचनाएं तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती हैं।
सीपीयू तथा कम्प्यूटर सिस्टम के अन्य हार्डवेयर और पेरीफेरल डिवाइस के बीच निर्देशों तथा सूचनाओं का आदानप्रदान बस के मार्ग से ही होता है।
इंटरनल/सिस्टम बस (Internal/System Bus) :
मदरबोर्ड पर लगे उपकरणों के बीच डाटा तथा संकेतों का आदान-प्रदान इंटरनल या सिस्टम बस द्वारा किया जाता है।
इसमें डाटा स्थानान्तरण की गति तीव्र होती है।
सिस्टम बस को तीन भागों में बांटा जाता है।
डाटा बस (Data Bus),
ऐड्रेस बस (Address Bus)
कंट्रोल बस (Control Bus)
एक्सटरनल/एक्सपैनसन बस (External/Expansion Bus) :
एक्सटरनल या एक्सपैनसन बस कम्प्यूटर पेरीफेरल डिवाइस जैसे- की-बोर्ड, माउस, मानीटर, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, सीडी ड्राइव आदि को मदरबोर्ड के साथ जोड़ता है।
इसमें डाटा स्थानान्तरण की गति अपेक्षाकृत धीमी होती है।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या माइक्रो प्रोसेसर
(Central Processing Unit (CPU) or Microprocessor) :
Central Processing Unit जिसे संक्षेप में CPU भी कहते हैं, कम्प्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर डिवाइस है।
सीपीयू (CPU) को कम्प्यूटर का हृदय या मस्तिष्क (Heart or Brain of Computer) भी कहा जाता है।
यह कम्प्यूटर के सभी कार्यों को नियंत्रित, निर्देशित तथा समन्वित (Control, Supervise and Co-ordinate) करता है।
सीपीयू डाटा को निर्देशानुसार प्रोसेस कर अर्थपूर्ण सूचना में बदलता है तथा इनपुट का आउटपुट में रूपांतरण करता है।
सीपीयू वास्तव में एक सघन इंटेग्रेटेड सर्किट चिप (IC Chip) है जिसे माइक्रो प्रोसेसर भी कहा जाता है।
किसी एक माइक्रो प्रोसेसर में करोड़ो इलेक्ट्रानिक उपकरण बने होते हैं।
यह प्रोसेसर कम्प्यूटर के मदरबोर्ड पर लगाया जाता है।
सीपीयू स्टोर्ड प्रोग्राम इंसट्रक्शन्स (Stored Program Instrutions) के आधार पर काम करता है। प्रोसेसिंग से पहले डाटा व निर्देशों को सीपीयू में बने रजिस्टर में अस्थायी तौर पर स्टोर किया जाता है।
सीपीयू रजिस्टर में स्थित निर्देशों के अनुसार ही डाटा प्रोसेसिंग के लिए अंकगणितीय तथा तार्किक कार्रवाईयां (Mathematical and Logical Operations) करता है। डाटा प्रोसेसिंग के सभी कार्य सीपीयू द्वारा ही संपन्न किये जाते हैं।
इंटेल (Intel) तथा एएमडी (AMD-Advanced Micro Divices) दो प्रमुख माइक्रोप्रोसेसर निर्माता कंपनियां हैं।
इनके द्वारा निर्मित प्रमुख माइक्रो प्रोसेसर या सीपीयू चिप हैं
Intel Core i7 (600, 700, 800, 900 series)
Intel Core i5 (400, 500 series)
Intel Core i3 (300 series)
Intel Pentium (P6000 series)
Intel Celeron (P4000 series)
Intel Xeon
Intel Core 2 Duo
Intel Atom
AMD Athlon
AMD Duron
सीपीयू को हार्डवेयर की दृष्टि से तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है
(i) कंट्रोल यूनिट (Control Unit)
(ii) अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट (Arithmatic Logic Unit )
(iii) मेमोरी रजिस्टर (Memory Registers)
कंट्रोल यूनिट (Control Unit) :
सीपीयू का कंट्रोल यूनिट कम्प्यूटर के सभी कार्यों पर नियंत्रण रखता है तथा साफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच समन्वय स्थापित करता है।
कंट्रोल यूनिट में सीपीयू द्वारा संपन्न की जा सकने वाले कार्यों की सूची होती है, जिसे Instruction Set कहते हैं।
कंट्रोल यूनिट को कम्प्यूटर का नाड़ी तंत्र (Nerve System) कहा जाता है।
कंट्रोल यूनिट के मुख्य कार्य हैं
(i) इनपुट और आउटपुट डिवाइस तथा अन्य हार्डवेयर को नियंत्रित करना।
(ii) अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट के कार्यों को नियंत्रित करना।
(iii) मुख्य मेमोरी से डाटा लाना तथा उन्हें तत्कालिक रूप से स्टोर करना।
(iv) निर्देशों को पढ़ना और उन्हें कार्यान्वित करने के आदेश देना।
(v) हार्डवेयर और साफ्टवेयर के बीच समन्वय स्थापित करना।
कम्प्यूटर को अक्सर सिस्टम (System) कहा जाता है ।
अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU-Arithmatic Logic Unit) :
अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट सीपीयू का एक भाग है।
डाटा प्रोसेसिंग का वास्तविक काम ALU द्वारा ही किया जाता है।
यह डाटा पर कंट्रोल यूनिट से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सभी प्रकार की गणितीय (Mathematical) तथा तार्किक (Logical) कार्रवाईयां करता है।
ALU को पुनः दो भागों में बांटा जाता है।
AU (Arithmatic Unit)
AU डाटा पर मूलभूत अंकगणितीय गणनाएं जैसे-जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि संपन्न करता है।
LU (Logical Unit)
LU डाटा पर तार्किक कार्य (Logical Operations) जैसे—बड़ा है, छोटा है, बराबर है (Greater than, Less than, Equal to) आदि संपन्न करता है।
मेमोरी रजिस्टर (Memory Register) :
यह उच्च गति वाला इलेक्ट्रानिक चिप मेमोरी है जो सीपीयू का ही एक भाग होता है।
इसे सीपीयू का Working memory भी कहा जाता है।
सीपीयू वर्तमान में उपयोग कर रहे डाटा, प्रोग्राम इंस्ट्रक्शन्स तथा अंतरिम परिणामों को रजिस्टर में ही स्टोर करता है।
बायोस (BIOS-Basic Input Output System)
BIOS एक साफ्टवेयर प्रोग्राम है।
इसे मदरबोर्ड निर्माता कंपनी द्वारा स्थायी ROM मेमोरी चिप में स्टोर कर कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर स्थापित कर दिया जाता है।
जब कम्प्यूटर ऑन किया जाता है तो सबसे पहले BIOS साफ्टवेयर चलता है। BIOS कम्प्यूटर से जुड़े हार्डवेयर की जांच करता है जिसे Power on Self Test (POST) कहा जाता है। BIOS में स्थित बूट स्ट्रैप लोडर (Boot Strap Loader) प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम साफ्टवेयर की जांच कर इसे मुख्य मेमोरी में डालने का आदेश देता है।
कम्प्यूटर ऑन होते समय डिलीट बटन (DEL Key) दबाने पर BIOS सेटअप खुलता है जहां हम दिये गये विकल्पों के अनुसार BIOS में परिवर्तन कर सकते हैं।
आउटपुट डिवाइस (Output Device)
यह कम्प्यूटर को उपयोगकर्ता के साथ जोड़ता है तथा प्रोसेसर द्वारा प्राप्त परिणामों को उपयोगकर्ता के समझने योग्य स्वरूप में प्रदर्शित करता है।
चूंकि प्रोसेसर से प्राप्त परिणाम बाइनरी संकेतों (0 या 1) में होते हैं, अतः इन्हें आउटपुट इंटरफेस (Output Interface) द्वारा सामान्य संकेतों में परिवर्तित किया जाता है।
आउटपुट डिवाइस के कार्य हैं
(i) सीपीयू से परिणाम प्राप्त करना
(ii) प्राप्त परिणामों को मानव द्वारा समझे जा सकने वाले संकेतों में बदलना
(iii) परिणाम के परिवर्तित संकेतों को उपयोगकर्ता तक पहुंचाना।
आउटपुट डिवाइस के कुछ उदाहरण हैं
मॉनीटर, प्रिंटर, प्लॉटर, स्पीकर, स्क्रीन इमेज प्रोजेक्टर, कार्ड रीडर आदि।
सीपीयू की गति को प्रभावित करने वाले कारक
(Factors affecting speed of CPU)
सीपीयू या माइक्रोप्रोसेसर की कार्यक्षमता को एक सेकेण्ड में संपादित किए जा सकने वाले अनुदेशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है।
सीपीयू एक सेकेण्ड में लाखों अनुदेश संपादित करता है, अतः इसकी गति को MIPS (Million Instructions Per Second) या BIPS (Billion Instructions per Second) में मापा जाता है।
सीपीयू की गति को प्रभावित करने वाले कारक हैं
(i) कम्प्यूटर घड़ी (System Clock) :
सीपीयू के डाटा प्रोसेस करने की गति कम्प्यूटर के अंदर बने इलेक्ट्रानिक घड़ी पर निर्भर करती है जिसे सिस्टम क्लॉक (System Clock) कहा जाता है।
सिस्टम क्लॉक एक टाइमिंग डिवाइस है जो कम्प्यूटर प्रोसेसिंग को सिंक्रोनाइज करने के लिए इलेक्ट्रिकल पल्स पैदा करता है जिसे क्लॉक पल्स कहते हैं।
डाटा प्रोसेसिंग के कार्य को अनेक छोटे-छोटे व मूलभूत चरणों (Steps) में बांटा जाता है। एक चरण का कार्य समाप्त हो जाने के बाद दूसरा चरण आरंभ करने के लिए रजिस्टर, क्लॉक पल्स (Clock Pulse) का इंतजार करते हैं।
क्लॉक पल्स System Clock द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। System Clock जितनी जल्दी-जल्दी क्लॉक पल्स उत्पन्न करेगा, सीपीयू के डाटा प्रोसेस की गति उतनी ही तीव्र होगी।
200MHz का क्लॉक 100 MHz के क्लॉक की अपेक्षा दुगुनी गति से काम करेगा।
सिस्टम क्लॉक की गति को एक सेकेण्ड में उत्पन्न क्लॉक पल्स की संख्या के आधार पर मापा जाता है।
एक सेकेण्ड में उत्पन्न पल्स की संख्या को हर्टज (Hertz-Hz) कहते हैं।
सिस्टम क्लॉक की गति को सामान्यतः मेगा हर्टज (MHz-106 pulse per Second) या गीगा हर्टज (GHz-109 pulse per Second) में निरूपित किया जाता है।
एक मेगा हर्टज एक मिलियन साइकल प्रति सेकेण्ड के बराबर है जबकि एक गीगा ह में एक बिलियन साइकल प्रति सेकेण्ड होता है।
आजकल उपलब्ध कम्प्यूटरों में सिस्टम क्लॉक की गति 500 MHz से 4GHz तक हो सकती है।
(ii) रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) :
सीपीयू रजिस्टर में स्थित डाटा को ही प्रोसेस कर सकता है।
सीपीयू में रजिस्टर की संख्या तथा आकार जितना अधिक होगा, सीपीयू के प्रोसेसिंग की गति भी उतनी ही तीव्र होगी।
(ii) शब्द परास (Word Length) :
शब्द परास बाइनरी अंकों (बिट-bit) की वह संख्या है जो कम्प्यूटर एक बार में प्रोसेसिंग के लिए लेता है।
शब्द परास अधिक होने से कम्प्यूटर गति बढ़ जाती है।
शब्द परास की लम्बाई 8, 16, 32 या 64 बिट तक हो सकती है।
64 बिट शब्द परास का अर्थ है कि सीपीयू एक साथ 64 बिट डाटा प्रोसेस कर सकता है।
(iv) कैश मेमोरी (Cache Memory) :
कैश मेमोरी सीपीयू से सीधे जुड़ा होता है, अतः इसके डाटा स्थानान्तरण की गति तीव्र होती है।
स्पष्टतः, कैश मेमोरी का आकार बड़ा होने पर सीपीयू की गति भी तीव्र होगी।
(v) सिस्टम बस (System Bus) :
कम्प्यूटर में बने सिस्टम बस की चौड़ाई (Width) सीपीयू के गति को प्रभावित करती है।
यदि सिस्टम बस की चौड़ाई 32 बिट है, तो इसका अर्थ है कि कम्प्यूटर बस में 32 तार हैं। तात्पर्य यह कि प्रोसेसर एक साथ 32 बिट डाटा का आदान-प्रदान कर सकता है।
(vi) समानान्तर गणना (Parallel Operation) :
एक साथ कई निर्देशों के क्रियान्वयन से सीपीयू की क्षमता का बेहतर उपयोग होता है जिससे कम्प्यूटर की गति बढ़ती है।
ड्यूएल कोर (Duel Core) या मल्टी कोर (Multi Core) प्रोसेसर में एक साथ दो या अधिक प्रोसेसर एक ही चिप पर बनाये जाते हैं।
इसमें पैरालेल प्रोसेसिंग का प्रयोग होता है जिसके कारण सीपीयू की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
(vii) सीपीयू और अन्य उपकरणों के बीच समन्वय (Integration between CPU and Peripherals) :
सामान्यतः सीपीयू तीव्र गणना करता है। अतः अन्य उपकरणों के धीमा होने से कम्प्यूटर की गति प्रभावित होती है।
कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यक्षमता की माप
(Measuring the performance of a Computer System)
Throughput :
प्रति इकाई समय में कम्प्यूटर द्वारा संपादित किए गए उपयोगी प्रोसेसिंग की संख्या Throughput कहलाती है।
अधिक Throughput बेहतर कार्यक्षमता को इंगित करता है पर यह प्रोसेस किए गए कार्य के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
रेस्पांस टाइम (Response Time) :
मल्टी टास्किंग आपरेटिंग सिस्टम में कम्प्यूटर अपना थोड़ा-थोड़ा समय सभी कार्यों के प्रोसेसिंग के लिए देता है।
कम्प्यूटर को प्रोसेसिंग के लिए कार्य दिए जाने तथा सीपीयू द्वारा उस कार्य को संपादित करने के लिए की गई पहली प्रतिक्रिया के बीच का समय रेस्पांस टाइम कहलाता है।
बेहतर कार्यक्षमता के लिए रेस्पांस टाइम कम होना चाहिए।
टर्न अराउण्ड टाइम (Turn Around Time) :
कम्प्यूटर को प्रोसेसिंग के लिए कार्य दिए जाने तथा कम्प्यूटर द्वारा उसे पूरा कर अंतिम परिणाम देने के बीच का समय टर्न अराउण्ड टाइम कहलाता है।
बेहतर कार्यक्षमता के लिए टर्न अराउण्ड टाइम कम होना चाहिए।