भारत के गवर्नर जनरल तथा वायसराय (Governor General and Viceroy of India)
बंगाल के गवर्नर
- रॉबर्ट क्लाइव (1757-60)
- वेन्सिटार्ट (1760-64)
- रॉबर्ट क्लाइव (1765-67)
- वारेन हेस्टिंग्स
- कर्टियर (1769-72)
बंगाल के गवर्नर जनरल
- वारेन हेस्टिंग्स (1774-85)
- लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786-1793 और 1805)
- सर जॉन शोर (1793-98)
- लॉर्ड वेलेजली (1798-05)
- SIR GEORGE BARLO(1805-07)
- लॉर्ड मिंटो प्रथम (1807-13)
- लॉर्ड हेस्टिंग्स(1813-23)
- लॉर्ड एमहर्ट (1823-28)
- लॉर्ड विलियम बेंटिक (1833-35)
भारत के वायसराय
- लॉर्ड केनिंग (1858-62)
- लॉर्ड एल्गिन प्रथम (1862-63)
- लॉर्ड जॉन लारेंस – (1864-69)
- लॉर्ड मेयो (1869-72)
- लॉर्ड नार्थब्रुक (1872-76)
- लॉर्ड लिटन (1876-80)
- लॉर्ड रिपन (1880-84)
- लॉर्ड डफरिन (1884-88)
- लॉर्ड लैंसडाउन (1888-94)
- लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-98)
- लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय(1905-1910)
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ” (1910-16)
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-21)
- लॉर्ड रीडिंग (1921-26)
- लॉर्ड इरविन (1926-31)
- लॉर्ड वेलिंग्टन (1931-36)
- लॉर्ड लिनलिथगो (1936-44)
- लॉर्ड वेवेल (1944-47)
- लॉर्ड माउंटबेटन (फरवरी 1947 से जून 1948 तक)
- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (21 जून ,1948 से 26 जनवरी,1950 तक)
बंगाल के गवर्नर
रॉबर्ट क्लाइव (1757-60/1765-67)
- 1757 का प्लासी का युद्ध
- बगाल के समस्त क्षेत्र के लिये उप-दीवान नियुक्त
- बंगाल के लिये उप-दीवान – मुहम्मद रजा खाँ
- बिहार के लिये उप-दीवान – राजा शिताबराय
- उड़ीसा के लिये उप-दीवान – रायदुर्लभ
- बंगाल में द्वैध शासन का जनक
- श्वेत विद्रोह
- 1765 में इलाहाबाद की संधियाँ
- अवध के नवाब शुजाउद्दौला के साथ
- मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के साथ
- सलावत जंग तथा आलमगीर-II द्वारा ‘उमरा’ की उपाधि दी गई।
- क्लाइव ने सेना के तीन केंद्रों की स्थापना की
- इलाहाबाद
- मुंगेर
- बांकीपुर (पश्चिम बंगाल)
वेन्सिटार्ट (1760-64)
- बक्सर का युद्ध (1764)
कर्टियर (1769-72)
- बंगाल में अकाल (1770)
वारेन हेस्टिंग्स
- बंगाल का अंतिम गवर्नर (1772-74)
- बंगाल में द्वैध शासन को समाप्त किया।
- 1772 में प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना।
बंगाल के गवर्नर जनरल
वारेन हेस्टिंग्स (1774-85)
- रेग्युलेटिंग एक्ट (1773) के तहत वारेन हेस्टिंग्स को बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया।
- 1781 का अधिनियम- इसके तहत गवर्नर जनरल तथा उसकी काउंसिल एवं कलकत्ता उच्च न्यायालय के मध्य शक्तियों का कार्यक्षेत्र स्पष्ट रूप से विभाजित कर दिया गया।
- नंद कुमार पर अभियोग लगाकर फाँसी; इस मुकदमें को ‘न्यायिक हत्या’ की संज्ञा दी जाती है।
- 1781 में मुस्लिम शिक्षा सुधार के लिये कलकत्ता में प्रथम मदरसा स्थापित।
- 1775-82 का प्रथम मराठा युद्ध तथा 1782 में सालबाई की संधि।
- 1780-84 का द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध व मंगलौर की संधि।
- 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट, जिसमें परिषद् के सदस्यों की संख्या 4 से घटाकर 3 कर दी गई।
- 1784 में विलियम जोंस द्वारा ‘एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल’ की स्थापना।
- चार्ल्स विलकिंस द्वारा ‘गीता व हितोपदेश’ का अंग्रेजी में अनुवाद।
- राजकीय कोषागार मुर्शिदाबाद से कलकत्ता स्थानांतरित।
- इज़ारेदारी प्रथा का प्रारंभ।
- हिंदू और मुस्लिम कानूनों को संहिताबद्ध किया।
- अभिज्ञान शाकुंतलम का अंग्रेजी अनुवाद कराया गया।
- देशी रियासतों के साथ घेरे की नीति अपनाई।
- 1775 में आसफुद्दौला के साथ फैज़ाबाद की संधि।
Note-पिट्स इंडिया एक्ट (1784) के विरोध में इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग्स 1785 में इंग्लैंड पहुँचा तो एडमंड बर्क द्वारा उसके ऊपर महाभियोग – मुकदमा दायर किया गया परंतु 1795 में इसे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786-1793 और 1805)
- जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथ में सौंप दिये गए।
- तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-92) तथा श्रीरंगपट्टनम की संधि (1792)
- कॉर्नवालिस संहिता (Cormwallis Code) का निर्माण (1793), जिसमें अनेक न्यायिक सुधारों का उल्लेख था: न्यायिक विभाग का राजस्व विभाग से पृथक्करण। ‘शक्ति का पृथक्करण’ का सिद्धांत लागू किया।
- 1790-92 में भारतीय न्यायधीशों से युक्त ज़िला फौजदारी न्यायालयों को समाप्त कर 4 सर्किट कोर्ट (कलकत्ता, ढाका, मुर्शिदाबाद, पटना) की स्थापना की गई।
- बंगाल प्रांत में स्थायी बंदोबस्त पद्धति (1793) लागू।
- भारत में नागरिक सेवा का जनक (प्रशासन का यूरोपीयकरण तथा सिविल सेवाएँ प्रारंभ की)
- पुलिस व्यवस्था के जनक भी कॉर्नवालिस ही माने जाते हैं।
- एकमात्र गवर्नर जनरल जिसकी समाधि भारत में गाजीपुर में स्थित है।
सर जॉन शोर (1793-98)
- 1793 का चार्टर अधिनियमअहस्तक्षेप की नीति अपनाई/देशी राज्यों के प्रति तटस्थता की नीति अपनाई लेकिन अपवाद स्वरूप अवध के उत्तराधिकार विषय पर हस्तक्षेप किया।
- निज़ाम एवं मराठों के बीच खुर्दा की लड़ाई (1795)
लॉर्ड वेलेजली (1798-05)
- सहायक संधि की नीति (1798) प्रारंभ। सबसे पहले 1798 में यह संधि हैदराबाद के निज़ाम से हुई।
- चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799)- टीपू सुल्तान मारा गया
- (यह स्वयं को बंगाल का शेर कहता था)
- मैसूर (1799), तंजौर (1799) तथा अवध (1801) का प्रशासन अपने हाथों में ले लिया
- बसीन की संधि (1802)
- द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1803-05)
- 1799 में प्रेस पर सेंसर लगाया गया, जो कि भारतीय प्रेस पर प्रतिबंध लगाने की पहली घटना मानी जाती है। इसके अंतर्गत अब संपादक मुद्रक व स्वामी का नाम स्पष्ट रूप से छापना होता था और सभी प्रकार के तत्त्वों/प्रकाशक सामग्री को सरकार के पास प्रीसेंसरशिप हेतु भेजना होता था।
- लॉर्ड लेक के नेतृत्व में 1803 में अंग्रेजों ने लाल किले पर कब्जा कर लिया और ऑक्टरलोनी लाल किले का पहला ब्रिटिश रेजिडेंट बना।
- 1802 में एमिन्स की संधि के तहत पॉण्डिचेरी पुनः फ्रांसीसियों को दे दी गई।
- कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना (1800) सिविल सेवकों के प्रशिक्षण हेतु की थी, किंतु 1802 में इसको बंद कर हेलबरी में ही प्रशिक्षण दिया गया।
SIR GEORGE BARLO(1805-07)
- रियासतों में अहस्तक्षेप की नीति का समर्थक (1805-07)
- वेल्लोर का सिपाही विद्रोह (1806),
लॉर्ड मिंटो प्रथम (1807-13)
- रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (अप्रैल 1809)
- सिंध के साथ शाश्वत मित्रता की संधि की।
लॉर्ड हेस्टिंग्स(1813-23)
- आंग्ल-नेपाल युद्ध (1814-16) तथा सुगौली की संधि (1816)
- तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध 1816-19 तथा मराठा परिसंघ का कंपनी के साम्राज्य में विलय।
- सुगौली की संधि के बाद हेस्टिंग्स को ‘मारक्वेस ऑफ हेस्टिंग्स की उपाधि दी गई।
- 1818 में ब्रिटिश रेजिडेंट चार्ल्स मेटकॉफ ने राजपूत रियासतों के साथ संधि की।
- 1817 में कलकत्ता में डेविड हेयर ने हिंदू कॉलेज की स्थापना की।
- पिंडारियों का दमन व पेशवा पद की समाप्ति की घोषणा की।
- रैय्यतवाड़ी बंदोबस्त (1820) लागू-मद्रास के गवर्नर टॉमस मुनरो द्वारा, 1822 में हाल्ट मैकेंजी द्वारा पजाब – महालवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत।
- 1822 का टैनेंसी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू (बंगाल में)
लॉर्ड एमहर्ट (1823-28)
- प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-1826) तथा यान्दबू की संधि (1826)
- 1824 में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह
लॉर्ड विलियम बेंटिक
- सती प्रथा पर रोक (1829) .(1828-33)
- ठगी प्रथा का अंत (1830)- कर्नल स्लीमन ने ठगों के विरुद्ध अभियान चलाया।
- सरकारी सेवाओं में भेदभाव का अंत। 1833 के चार्टर एक्ट की धारा-87 के तहत योग्यता को ही सेवा का आधार स्वीकार कर लिया गया।
- कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की नींव रखी।
- कॉर्नवालिस द्वारा स्थापित सर्किट कोर्ट को बंद किया व न्यायालयों में फारसी भाषा के स्थान पर देशी भाषाओं को अपनाया गया।
भारत के गवर्नर जनरल
लार्ड विलियम बैंटिक (1833-35)
- 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया (भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक)
- अफीम के व्यापार को नियमित किया और अब यह केवल बंबई से ही निर्यात की जा सकती थी।
- आगरा प्रेसिडेंसी का 1834 में निर्माण किया।
- विधि आयोग का गठन किया गया।
- 1835 का शिक्षा संबंधी प्रस्ताव-शिक्षा सुधार तथा अंग्रेजी भाषा को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाए जाने की घोषणा।
- कुप्रशासन के आधार पर मैसूर, कुर्ग एवं कछार की रियासतों का विलय।
लॉर्ड मैटकॉफ (1835-36)
- भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-42)
- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध (1839–42)
- भारत में शिक्षा एवं पाश्चात्य चिकित्सा पद्धति का विकास।
- शेरशाह सूरी मार्ग का नाम बदलकर जी.टी. रोड रखा गया।
- 1838 में ऑकलैंड, रणजीत सिंह और अफगान शासक शाहशुजा के साथ त्रिपक्षीय संधि।
लॉर्ड एलनबरो (1842-44)
- ‘ओल्ड मैन इन हरी’ -उपनाम सिंध का विलय (1843)
- भारत में दास प्रथा का अंत (1843 के ‘अधिनियम 5’ द्वारा)
- 1843-44 में ही देशी भाषा में ग्रामीण शिक्षा के विकास के लिये थॉमसन योजना प्रस्तुत की गई।
लॉर्ड हार्डिंग प्रथम (1844-1848)
- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (1845-1846) एवं लाहौर की संधि (1846)
- खोंड जनजाति के बीच प्रचलित नरबलि प्रथा पर रोक
लॉर्ड डलहौजी (1848-56)
- द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49),
- पंजाब का कंपनी साम्राज्य में विलय (1849)
- द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध (1851-52) तथा लोअर बर्मा तथा पेगू का अधिग्रहण (1852)
- चार्ल्स वुड की शिक्षा नीति (1854)
- व्यपगत सिद्धांत लागू। इसके अंतर्गत सतारा (1848), जैतपुर व संबलपुर (1849), बघाट (1850), उदयपुर (1852), झाँसी (1853), नागपुर (1854) तथा अवध (1856) का कंपनी साम्राज्य में विलय।
- 1855 में करौली का भी विलय किया गया, किंतु इसे बोर्ड ऑफ कंट्रोल ने मान्यता नहीं दी, अर्थात् इसे वापस लौटाना पड़ा।
- अवध का विलय आउटम रिपोर्ट के आधार पर कुप्रशासन का आरोप लगाकर कर लिया गया।
- 1853 में बंबई एवं थाणे/थाना के बीच प्रथम रेल चली।
- 1854 में डाकघर अधिनियम पारित।
- भारत के बंदरगाहों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये खोल दिया गया। विधवा पुनर्विवाह अधिनियम (1856) का मसौदा तैयार किया गया।
- सिक्किम को भारत में मिला लिया गया।
- लार्ड डलहौजी द्वारा पी.डब्ल्यू.डी. (सार्वजनिक निर्माण विभाग) की भी स्थापना की गई और इसी के तहत गंगा-नहर का निर्माण हुआ तथा पंजाब में बारी दोआब में दो नहरों का निर्माण हुआ।
- बंगाल के लिये इसने उप-गवर्नर का पद सृजित किया तथा जो प्रदेश नए-नए अधिगृहीत किये गए थे, उन्हें प्रत्यक्ष शासन में ले लिया। इसे ‘नॉन-रेग्यूलेशन सिस्टम’ कहा गया।
- 1854 में शिक्षा सुधार के लिये वुड डिस्पैच आया इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है। इसने मैकाले की ‘टपकन पद्धति’ को त्याग दिया और प्रारंभिक शिक्षा देशी भाषा में देने की अनुशंसा के साथ ही स्त्री शिक्षा तथा निजी क्षेत्रों को भी शिक्षा में निवेश की अनुशंसा की।
- डलहौजी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को बनाया और वहाँ एक सैन्य मुख्यालय भी गठित किया। डलहौजी को यह श्रेय दिया जाता है कि उसने सैन्य विभाग को सार्वजनिक विभाग से अलग कर एक नया विभाग बना दिया।
लॉर्ड केनिंग (1856-57)
- 1857 में कलकत्ता, मद्रास एवं बंबई में तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना
- भारत का अंतिम गवर्नर जनरल।
- 1857 का विद्रोह
भारत के वायसराय
लॉर्ड केनिंग (1858-62)
- भारत का प्रथम वायसराय
- 1858 का भारत शासन अधिनियम-कंपनी के शासन की समाप्ति तथा शासन का प्रत्यक्ष नियंत्रण ब्रिटिश ताज के हाथों में।
- विधवा पुनर्विवाह अधिनियम (1856) लागू किया गया (ईश्वरचंद्र विद्यासागर की महत्त्वपूर्ण भूमिका)।
- सितंबर 1859 में नील विद्रोह
- यूरोपीय सेना द्वारा श्वेत विद्रोह (1859)
- नागरिक विधि संहिता (1859), भारतीय दंड संहिता (1860) तथा फौजदारी विधि संहिता (1861) का निर्माण।
- भारतीय परिषद् अधिनियम (1861) पारित हुआ।
- 1861 में हाई कोर्ट एक्ट पारित हुआ तथा संपूर्ण देश में एक ही दंड संहिता लागू की गई।
- भारत में पहली बार आयकर लगाया गया, जिसे ब्रिटिश अर्थशास्त्री विल्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया।
लॉर्ड एल्गिन प्रथम (1862-63)
- वहाबी आंदोलन का दमन
लॉर्ड जॉन लारेंस – (1864-69)
- भूटान युद्ध (1865)
- इसी के समय उड़ीसा में सन् 1866 में तथा बुंदेलखंड एवं राजपूताना में 1868-69 में भीषण अकाल पड़ा, कैंपबेल के नेतृत्व में एक अकाल आयोग की स्थापना की।
- अफगानिस्तान में अहस्तक्षेप की नीति का पालन किया।
- 1865 में बंबई, कलकत्ता व मद्रास में हाइकोर्ट की स्थापना हुई।
लॉर्ड मेयो (1869-72)
- भारतीय युवराजों के अध्ययन के लिये अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना।
- आर्थिक विकेंद्रीकरण की नीति आरंभ की।
- कृषि विभाग की स्थापना।
- 1872 में भारत की पहली जनगणना।
- सांख्यिकी सर्वेक्षण विभाग का गठन किया गया।
- पोर्ट ब्लेयर में इसकी हत्या कर दी गई।
लॉर्ड नार्थब्रुक (1872-76)
- प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा (1875-76)
- अलीगढ़ में सैय्यद अहमद खाँ द्वारा मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को प्रोत्साहित किया।
- 1872 में पंजाब में कूका विद्रोह का दमन।
लॉर्ड लिटन (1876-80)
- लिटन विख्यात कवि उपन्यासकार और निबंध लेखक था तथा साहित्य जगत में ‘ओवन मेरिडिथ’ नाम से जाना जाता था।
- 1876-78 में भयंकर दुर्भिक्ष (अकाल) जिससे मद्रास, बंबई, मैसूर, हैदराबाद, मध्य भारत के कई हिस्से तथा पंजाब बुरी तरह प्रभावित हुए। रिचर्ड स्ट्रेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की नियुक्ति।
- राजकीय उपाधि अधिनियम (1876) पारित
- प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन (1 जनवरी, 1877) ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को ‘कैसर-ए-हिंद’ की उपाधि से विभूषित किया गया।
- वाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878) पारित कर देशी भाषा के भारतीय समाचार पत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 1878 में ही भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित करके शस्त्र रखने एवं इसके व्यापार के लिये लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया।
- द्वितीय आंग्ल-अफगान युद्ध (1878-80)
- इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु-सीमा 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी।
लॉर्ड रिपन (1880-84)
- (भारत में स्वशासन का जनक)
- पं. मदन मोहन मालवीय ने 1909 के कॉन्ग्रेस अधिवेशन में कहा कि रिपन भारतीय वायसरायों में सबसे अधिक लोकप्रिय था।
- अफगानिस्तान से संधि (1881)
- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट रद्द (1882)
- श्रमिक सुधार के लिये प्रथम कारखाना अधिनियम (1881) पारित किया गया।
- मैसूर के शासक को गद्दी की वापसी (1881)
- वित्तीय विकेंद्रीकरण की नीति का नियमीकरण।
- स्थानीय स्वशासन संबंधी सरकारी प्रस्ताव (1882) सर विलियम हंटर की अध्यक्षता में हंटर आयोग की नियुक्ति (1882) जिसे 1854 के बाद देश में शिक्षा की दिशा में प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर किये गए, सुधार व प्रयासों की समीक्षा करनी थी।
- इल्बर्ट बिल विवाद (1883-84)
- नियमित जनगणना की शुरुआत (1881)
- फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने रिपन को ‘भारत के उद्धारक’ की संज्ञा दी।
लॉर्ड डफरिन (1884-88)
- तृतीय आंग्ल-बर्मा युद्ध तथा बर्मा का अंतिम रूप से भारत में विलय।
- भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 में हुई।
- बंगाल टेनेन्सी एक्ट (1885) तथा पंजाब टेनेन्सी एक्ट (1887) पारित हुआ।
- नागरिक सेवा के विकास के लिये एचिसन आयोग भारत आया। 1886
लॉर्ड लैंसडाउन (1888-94)
- दूसरा कारखाना अधिनियम (1891) पारित हुआ।
- भारतीय परिषद् अधिनियम (1892) अस्तित्व में आया।
- डूरंड आयोग की स्थापना (भारत-अफगानिस्तान सीमा निर्धारण)
- 1891 में सम्मत आयु विवाहं अधिनियम पारित हुआ।
- 1893 में अफीम आयोग का गठन।
लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-98)
- इसने घोषणा की कि “हमने भारत को तलवार के बल पर जीता है और तलवार के बल पर ही इसे अधीन रखेंगे।”
- पूना में प्लेग का प्रकोप, चापेकर बंधुओं द्वारा दो ब्रिटिश अधिकारियों की हत्या।
- अकाल की जाँच के लिये ‘लायल आयोग’ का गठन।
- 1895 में भारतीय व्यय की जाँच के लिये ‘वेल्बी आयोग’ का गठन।
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लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
- भारत का सबसे अलोकप्रिय वायसराय। रोनाल्डसे ने कर्ज़न की जीवनी लिखी।
- कर्जन के कार्यों को आधार बताते हुए गोखले ने इनको ‘आधुनिक भारत का औरंगजेब’ कहा।
- केंद्रीय गुप्तचर व्यवस्था की शुरुआत हुई।
- 1899 में भारतीय टंकण व पत्र मुद्रा अधिनियम के द्वारा पाउंड को भारत में मान्य घोषित किया। (1 पाउंड = 15 रुपये)।
- 1900 में ‘पंजाब भूमि अन्याक्रमण एक्ट’ पारित किया जिससे किसानों की भूमि गैर कृषकों के पास न जाए।
- 1901 में भारत में पहली बार जातिगत आधार पर जनगणना की गई।
- 1903 में पूसा में एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई।
- कर्ज़न 1903 में फारस गया और फारस-अफगान झगड़े को सुलझाने के लिये मैकमोहन को नियुक्त किया।
- 1904 में ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ को पारित कर सरकारी नियंत्रण को और बढ़ा दिया। पुलिस प्रशासन के सुधार हेतु एंड्रयू फ्रेज़र की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन (1902) किया।
- सर टॉमस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना (1902) तथा विश्वविद्यालय सुधार अधिनियम (1904) पारित।
- मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग नियुक्त किया गया।
- उद्योग व वाणिज्य विभाग की स्थापना।
- प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना।
- सर एंटनी मैकडोनाल्ड की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन
- तिब्बत में ‘यंग हस्बैंड मिशन’ (1903-04)
- 1905 का बंगाल विभाजन।
- मुख्य सेनापति किचनर से विवाद के कारण कर्ज़न ने अगस्त 1905 में त्यागपत्र दे दिया। कर्ज़न ऐसा वायसराय था जो अत्यधिक केंद्रीकरण व निरंकुश शासन का हिमायती था।
- भारत की शिक्षा व्यवस्था पर चोट करते हुए उसने कहा कि “पूर्व एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहाँ विद्यार्थी को कभी डिग्री नहीं मिलती।” ‘
- कलकत्ता नगरपालिका की स्थिति पर व्यंग्य करते हुए इसने कहा कि “मैं वायसराय के बाद कलकत्ता का महापौर बनना चाहूँगा।
- ” कॉन्ग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि “कॉन्ग्रेस अब मरणशील है और मेरी इच्छा है कि मैं इसकी शांतिपूर्ण मृत्यु में सहयोग कर सकूँ।”
लॉर्ड मिंटो द्वितीय(1905-1910)
- बंग-भंग विरोधी तथा स्वदेशी आंदोलन दबाने का प्रयास।
- ‘मुस्लिम लीग’ की स्थापना (1906)
- खुदीराम बोस को फाँसी, बाल गंगाधर तिलक को राजद्रोह के आरोप में 6 वर्ष का कारावास (1908)
- ‘भारतीय परिषद् अधिनियम-1909’ अथवा मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम (1909) पारित, जिसमें सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत हुई।
- सूरत में कॉन्ग्रेस का विभाजन (1907)
- 1908 का समाचार-पत्र अधिनियम पारित।
- वायसराय की कार्यकारिणी में पहला भारतीय सदस्य एस.पी. सिन्हा की नियुक्ति हुई।
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ” (1910-16)
- 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ।
- बंगाल विभाजन रद्द, भारत की राजधानी का कलकत्ता से दिल्ली हस्तानांतरण, तृतीय दिल्ली दरबार (1911) का आयोजन।
- 1912 में एस्लिंगटन आयोग का गठन हुआ। इस आयोग ने नागरिक सेवाओं में 25 प्रतिशत भारतीयों की नियुक्ति की बात कही।
- 1913 में शिक्षा संकल्प प्रस्ताव लाया गया, जिसके तहत सरकार ने भारत में अशिक्षा को समाप्त करन दायित्व लिया।
- मदन मोहन मालवीय द्वारा ‘अखिल भारतीय हिंदू महासभा’ की स्थापना (1915)।
- मदन मोहन मालवीय द्वारा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना (1916)।
लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-21)
- होमरूल लीग की स्थापना (1916), कॉन्ग्रेस का लखनऊ अधिवेशन (1916)
- कॉन्ग्रेस व मुस्लिम लीग के मध्य लखनऊ समझौता (1916)
- साबरमती आश्रम की स्थापना (1917), चंपारण आंदोलन (1917), अहमदाबाद में सत्याग्रह (1918), खेड़ा सत्याग्रह (1918) |
- मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड की घोषणाएँ (1917), भारत शासन अधिनियम (1919), रौलेट एक्ट (1919), जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919)
- प्रांतों में द्वैध शासन प्रारंभ
- असहयोग एवं ख़िलाफत आंदोलन प्रारंभ (1920)
- पूना में डी.के. कर्वे द्वारा महिला विश्वविद्यालय की स्थापना (1916), सैडलर कमीशन की नियुक्ति (1917) जिसमें | दो भारतीय सर आशुतोष मुखर्जी व जियाउद्दीन अहमद थे।
- एंग्लो मोहम्मडन ओरिएण्टल कॉलेज का नाम 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कर दिया गया।
- बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु (1 अगस्त, 1920)
लॉर्ड रीडिंग (1921-26)
- चौरी-चौरा प्रकरण (5 फरवरी, 1922) के बाद असहयोग आंदोलन को वापस लिया गया। एकमात्र यहूदी वायसराय
- केरल का मोपला विद्रोह (1921)
- 1910 के प्रेस एक्ट एवं 1919 के रौलेट एक्ट की वापसी
- 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन
- काकोरी ट्रेन डकैती (1925)
- स्वामी श्रद्धानंद की हत्या (1926)
- सी. आर. दास तथा मोतीलाल नेहरू द्वारा स्वराज पार्टी की स्थापना (1923)
- ICS की परीक्षा दिल्ली व लंदन में एक साथ कराने का निर्णय (1923)
- अकाली आंदोलन एवं गुरुद्वारा एक्ट
- एकवर्थ समिति का गठन किया गया और इसकी अनुशंसा पर रेल बजट को आम बजट से अलग कर दिया। पहला पृथक् रेल बजट 1924-25 में प्रस्तुत किया गया।
- सैन्य सुधारों के लिये सैण्डहर्स्ट की अध्यक्षता में समिति गठित हुई। इसमें मोतीलाल नेहरू भारतीय सदस्य बने।
- 1924 में ली आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की कि भारत शासन अधिनियम, 1919 के अंतर्गत विचार किये गए सांविधिक लोक सेवा आयोग की स्थापना बिना किसी देरी के की जाए।
लॉर्ड इरविन (1926-31)
- साइमन कमीशन का भारत आगमन (1928) जिसका भारतीयों द्वारा तीव्र विरोध किया गया। |
- कॉन्ग्रेस के सर्वदलीय सम्मेलन में नेहरू रिपोर्ट की प्रस्तुति (1928)
- देशी रियासतों के संबंध में हार्टोग बटलर समिति की नियुक्ति (1927)
- लाहौर के सहायक पुलिस अधीक्षक सांडर्स की हत्या, दिल्ली विधानसभा के कक्ष में बम विस्फोट (1929), लाहौर षड्यंत्र केस तथा लंबे उपवास के कारण जतिन दास की मृत्यु (1929)
- लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित (1929)
- कृषि से संबंधित रॉयल कमीशन का गठन तथा इसकी अनुशंसा पर ‘इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च’ (1929) की स्थापना।
- 1926 में प्रथम ट्रेड अधिनियम पारित जिसमें हड़ताल को वैध माना गया।
- 1930 में शारदा अधिनियम लागू हुआ। (विवाह की उम्र- लड़कों के लिये 18 वर्ष, लड़कियों के लिये- 14 वर्ष)
- सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ व दांडी यात्रा प्रांरभ (1930)
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन का कॉन्ग्रेस द्वारा बहिष्कार (1930)
- गांधी-इरविन समझौता (1931) तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित और कॉन्ग्रेस द्वारा द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय।
लॉर्ड वेलिंग्टन (1931-36)
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931, जिसमें कॉन्ग्रेस ने गांधी को एकमात्र प्रतिनिधि बनाकर भाग लिया।
- 1932 में भारतीय सेना अकादमी की स्थापना (देहरादून)
- 1932 में तत्कालिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्से मैकडोनाल्ड के ‘सांप्रदायिक पंचाट’ की घोषणा
- पूना पैक्ट 1932
- तृतीय गोलमेज सम्मेलन, 1932
- भारत शासन अधिनियम, 1935
- 1935 के अधिनियम में बर्मा को भारत से अलग करने का प्रावधान किया गया।
- 1936 में अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना।
- 1934 में आचार्य नरेंद्र देव व जय प्रकाश नारायण द्वारा कॉन्ग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना।
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-44)
- प्रांतीय चुनाव (1936-37), कॉन्ग्रेस ने ग्यारह में से आठ प्रांतों में (6 में पूर्ण बहुमत से तथा 2 में समर्थन से) अपनी सरकार बनाई।
- द्वितीय विश्व युद्ध प्रारंभ (1939)
- कॉन्ग्रेस की प्रांतीय सरकारों द्वारा त्यागपत्र (1939)
- कॉन्ग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन 1938 में सुभाष चंद्र बोस अध्यक्ष बने।
- कॉन्ग्रेस का त्रिपुरी संकट, सुभाष चंद्र बोस का कॉन्ग्रेस से त्यागपत्र तथा फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना (1939)
- मुस्लिम लीग का लाहौर अधिवेशन, पृथक् पाकिस्तान की मांग (1940)
- सुभाष चंद्र बोस का भारत से पलायन (1941)
- आज़ाद हिंद फौज की स्थापना (1943)
- 8 अगस्त, 1940 को वायसराय द्वारा ‘अगस्त प्रस्ताव’ घोषित किया गया था।
- गांधीजी का पवनार आश्रम से व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ (1940)
- क्रिप्स मिशन का भारत आगमन, भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ (1942)
- मुस्लिम लीग का कराची अधिवेशन (1943) ‘बाँटो और छोड़ो’, का नारा दिया।
लॉर्ड वेवेल (1944-47)
- श्री राजगोपालाचारी द्वारा सी.आर. फॉर्मूला प्रस्तुत किया गया (1944) गांधी-जिन्ना की वार्ता असफल (1944)
- वेवेल योजना व शिमला सम्मेलन (1945)
- द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त (1945)
- कैबिनेट मिशन का भारत आगमन (1946), मिशन के सदस्य- स्टैफोर्ड क्रिप्स, पेथिक लॉरेंस व ए.वी. अलेक्जेंडर
- मुस्लिम लीग द्वारा प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस (16 अगस्त, 1946)
- कॉन्ग्रेस द्वारा अंतरिम सरकार की स्थापना (सितंबर 1946) इस सरकार के अध्यक्ष वेवेल व उपाध्यक्ष नेहरू बने।
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा की। (20 फरवरी, 1947)
लॉर्ड माउंटबेटन (फरवरी 1947 से जून 1948 तक)
- स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल एवं अंतिम ब्रिटिश वायसराय
- भारत विभाजन के संदर्भ में पहले बाल्कन प्लान को विचार दिया, किंतु इसे नहीं स्वीकार गया।
- ब्रिटेन के हाऊस ऑफ कॉमंस में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम प्रस्तुत एवं पारित।
- भारत को पूर्ण स्वतंत्रता एवं भारत का विभाजन (15 अगस्त, 1947)
- 14 अगस्त को पाकिस्तान तथा 15 अगस्त को भारत स्वतंत्र हुआ।
- महात्मा गांधी की हत्या।
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (21 जून ,1948 से 26 जनवरी,1950 तक)
- स्वतंत्र भारत के प्रथम और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल