- विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश – चीन (प्रथम स्थान)
- भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है ।
- जनसंख्या का निर्धारण – जनगणना के माध्यम से किया जाता है।
- सर्वप्रथम जनगणना1749 में ‘स्वीडन’ में हुई थी।
- सर्वप्रथम दशकीय जनगणना1790 में ‘अमेरिका’ में हुआ था।
- भारत में सर्वप्रथम जनगणना1872 में ‘लॉर्ड मेयो’ के कार्यकाल में हुई थी।
- 1881 में‘लॉर्ड रिपन’ के कार्यकाल से इसे प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर कराया जाने लगा ।
- जनसंख्या का ‘महाविभाजक वर्ष’ (Great Divide Year) – 1921
- भारत में 1911-1921 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर न्यूनतम रही थी
- भारत में वर्ष 1872 के बाद जनगणना क्रम
- वर्ष 2011 की जनगणना – 15वीं जनगणना
- स्वतंत्र भारतकी जनगणना – 7 वीं जनगणना
- देश की जनगणना का दायित्व – महापंजीयन कार्यालय और जनगणना आयुक्त का
- संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार गृह मंत्रालय,भारत सरकार के अधीन महापंजीयन कार्यालय और जनगणना आयुक्त का होता है।
- भारत की कुल जनसंख्या – 121.09 करोड़
- पुरुषों की संख्या – 51.47 प्रतिशत
- महिलाओं की संख्या – 48.53 प्रतिशत
- भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य – सिक्किम
- भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला केंद्रशासित प्रदेश – लक्षद्वीप
- सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य
- उत्तर प्रदेश
- महाराष्ट्र
- बिहार
- पांच सर्वाधिक जनसंख्या वाला केंद्रशासित प्रदेश
- दिल्ली
- पुदुच्चेरी
- चंडीगढ़
- सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले राज्य
- मेघालय (27.9 प्रतिशत)
- अरुणाचल प्रदेश (26.0 प्रतिशत)
- बिहार (25.4 प्रतिशत)
- सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले केंद्रशासित प्रदेश
- दादरा एवं नागर हवेली (55.9 प्रतिशत)
- दमन एवं दीव (53.8 प्रतिशत)
- पुदुच्चेरी (28.1 प्रतिशत)
- जनसंख्या घनत्व (Population Density)
- ‘जनसंख्या घनत्व’ – प्रतिवर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या
- भारत का जनसंख्या घनत्व – 382 व्यक्ति/वर्ग किमी (2011 की जनगणना)
- 2001 के जनघनत्व – 325
- जनगणना 2011 के अनुसार,
- न्यूनतम जनसंख्या घनत्व – अरुणाचल प्रदेश में (17 व्यक्ति/वर्ग किमी.)
- अधिकतमजनसंख्या घनत्व – बिहार (1,106 )
-
- अधिकतम जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारतीय राज्यों का क्रम (घटते क्रम में)
- बिहार (1,106)
- पश्चिम बंगाल (1,028 )
- केरल (860)
- अधिकतम जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से केंद्रशासित प्रदेशों का क्रम (घटते क्रम में)
- दिल्ली (11,320)
- चंडीगढ़ (9,258)
- पुदुच्चेरी (2,547)
- जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से न्यूनतम जनघनत्व वाले राज्य (बढ़ते क्रम में)
- अरुणाचल प्रदेश (17)
- मिज़ोरम (52)
- सिक्किम (86)
- जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से न्यूनतम जनघनत्व वाले केंद्रशासित प्रदेश (बढ़ते क्रम में)
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (46)
- दादरा एवं नागर हवेली (700)
- लक्षद्वीप (2,149)
- अधिकतम जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारतीय राज्यों का क्रम (घटते क्रम में)
- लिंगानुपात (Sex Ratio)
- प्रति 1,000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या
- भारत का लिंगानुपात – 943 (वर्ष 2011 के अनुसार) [2001 – 933]
- सर्वाधिक लिंगानुपात वाले राज्य (घटते क्रम में )
- केरल-1,084
- तमिलनाडु-996
- आंध्र प्रदेश – 993
- सर्वाधिक लिंगानुपात वाले केंद्रशासित प्रदेश (घटते क्रम में)
- पुदुच्चेरी-1,037
- लक्षद्वीप-946
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह – 876
- लिंगानुपात का न्यूनतम स्तर वर्ष 1991 में 927 था।
- साक्षरता (Literacy)
- 7 वर्ष तथा उससे ऊपर की आयु के ऐसे सभी व्यक्ति जो किसी भी भाषा में पढ़ने-लिखने दोनों में सक्षम हों, वे ‘साक्षर’ कहलाते हैं।
- भारत में जैन समुदाय सबसे साक्षर है
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार
- भारत की साक्षरता दर – 74.04 प्रतिशत (वर्ष 2011 के अनुसार )
- पुरुष साक्षरता – 82.14 प्रतिशत
- महिला साक्षरता – 65.46 प्रतिशत
- सर्वाधिक साक्षरता वाले राज्य (घटते क्रम में)
- केरल – 94.0 प्रतिशत
- मिज़ोरम – 91.33 प्रतिशत
- गोवा – 88.70 प्रतिशत
- सर्वाधिक साक्षरता वाले केंद्रशासित प्रदेश (घटते क्रम में)
- लक्षद्वीप – 91.85 प्रतिशत
- दमन और दीव – 87.10 प्रतिशत
- अंडमान-निकोबार- 86.63 प्रतिशत
- न्यूनतम साक्षरता वाले राज्य (बढ़ते क्रम में)
- बिहार – 61.80 प्रतिशत
- अरुणाचल प्रदेश – 65.40 प्रतिशत
- राजस्थान- 66.10 प्रतिशत
- न्यूनतम साक्षरता वाले केंद्रशासित प्रदेश (बढ़ते क्रम में)
- दादरा एवं नागर हवेली – 76.20 प्रतिशत
- पुदुच्चेरी – 85.80 प्रतिशत
- चंडीगढ़ – 86.05 प्रतिशत
- डिजिटल जेंडर एटलस (Digital Gender Atlas)
- 9 मार्च, 2015 को किशोरियों की शिक्षा की प्रगति के लिये स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत) द्वारा डिजिटल जेंडर एटलस जारी किया गया।
- डिजिटल जेंडर एटलस को यूनिसेफ (UNICEF) की सहायता से विकसित किया गया है।
- नगरीय क्षेत्र (Urban Area)
- जनगणना 2011 के अनुसार नगरीय क्षेत्र को दो श्रेणियों में परिभाषित किया गया है
- 1. वैधानिक नगर
- 2. जनगणना नगर
- ‘वैधानिक नगर’
- ऐसे क्षेत्र जहाँ नगरपालिका, नगरपालिका समिति, नगर निगम, कैंटोनमेंट (छावनी) बोर्ड आदि स्थानीय निकाय हों।
- ‘जनगणना नगर’
- ऐसे क्षेत्र जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं
- जिसकी न्यूनतम जनसंख्या 5 हज़ार हो;
- पुरुषों की कार्यशील जनसंख्या का कम-से-कम 75 प्रतिशत गैर-कृषि कार्यों में संलग्न हो।
- उस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व कम-से-कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो।
- ऐसे क्षेत्र जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं
- ‘शहर’ (City)
- नगर जहाँ की जनसंख्या – 1 लाख या उससे अधिक है
- भारत में सर्वाधिक नगरी/शहरी जनसंख्या प्रतिशत वाले राज्य (अवरोही क्रम में)
- गोवा
- मिज़ोरम
- तमिलनाडु
- केरल
- न्यूनतम शहरी जनसंख्या प्रतिशत वाले राज्य
- हिमाचल प्रदेश
- बिहार
- असम
- नगरीकरण (Urbanisation)
- किसी क्षेत्र/नगर की जनसंख्या, आकार, संरचना और कार्मिक क्षेत्र में गत्यात्मक परिवर्तन को ही ‘नगरीकरण’ कहते हैं।
- महानगर (Metropolitan City)
- ‘नगर/शहर’ की जनसंख्या – 10 लाख या उससे अधिक
- भारत के प्रमुख महानगर (घटते क्रम में) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार
- मुंबई
- दिल्ली
- कोलकाता
- चेन्नई
- भारत के 10 लाख या अधिक (1 मिलियन प्लस) जनसंख्या वाले नगर
- उत्तर प्रदेश -7 (कानपुर, लखनऊ, आगरा, गाज़ियाबाद, वाराणसी, मेरठ, इलाहाबाद)
- केरल -7
- महाराष्ट्र – 6
- मध्य प्रदेश -4 (इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर)
- गुजरात-4
- तमिलनाडु-4
- आंध्र प्रदेश-3
- झारखंड -3 (जमशेदपुर, धनबाद, राँची)
- राजस्थान-3 (जयपुर, जोधपुर, कोटा)
- पंजाब-2
- बिहार-1 (पटना)
- 10 से 40 लाख जनसंख्या वाले नगरों की संख्या – 44 (2011)
- 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या – 9 (2011)
- मेगा सिटी (Mega City)
- नगर/शहर जिनकी कुल नगरीय जनसंख्या 1 करोड़ से अधिक हो।
- भारत में प्रमुख मेगा सिटी हैं- मुंबई, दिल्ली, कोलकाता।
- एक सर्वे के अनुसार, वर्ष 2030 तक हैदराबाद, चेन्नई, बंगलूरू एवं अहमदाबाद शहर भी मेगा सिटी के अंतर्गत शामिल हो सकते हैं।
- आयु वर्ग (Age Groups)
- जनसंख्या को तीन आयु वर्गों में विभाजित किया गया है
- बाल आयु वर्ष – (0-14 वर्ष) [अनुत्पादक वर्ग]
- प्रौढ़ आयु वर्ग – (15–64 वर्ष) [उत्पादक वर्ग ]
- वृद्ध आयु वर्ग – (64 वर्ष से अधिक) [अनुत्पादक वर्ग]
- जनसंख्या को तीन आयु वर्गों में विभाजित किया गया है
- जनांकिकी लाभांश (Demographic Dividend)
- इसके अंतर्गत किसी देश के कार्यशील वर्ग(15–64) जो स्वस्थ, शिक्षित तथा सशक्त हो, को शामिल किया जाता है।
- भारत‘जनांकिकी लाभांश’ वाला देश है अर्थात् यहाँ 15-64 आयुवर्ग की जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है।
- प्रौढ़ आयु वर्ग(adult age group) (15–64) के दो उपवर्ग हैं
- 15-39 वर्ष – ‘युवा वर्ग’
- 40-64 वर्ष
- जनांकिकी लाभांश की स्थिति में जनसंख्या पिरामिड उल्टा बनेगा।
- भारत विश्व का सबसे युवा जनसंख्या वाला देश होगा।
- निर्भरता अनुपात (Dependency Ratio)
- उत्पादक या कार्यशील जनसंख्या(15–64 आयु वर्ग) की तुलना में अनुत्पादक जनसंख्या(15 से कम एवं 65 से अधिक के आयु वर्ग) का अनुपात ‘निर्भरता अनुपात’ कहलाता है।
- यह सूचकांक गरीब तथा विकासशील देशों में उच्च पाया जाता है।
- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत (Demographic Transition Theory)
- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत के प्रतिपादक – ‘थॉम्पसन तथा नोटेस्टिन’
- बाद में ‘कोलिन क्लार्क’ ने इसमें संशोधन किया था।
- इस सिद्धांत के अनुसार,
- जब समाजग्रामीण, खेतिहर और अशिक्षित होता है तब जन्म दर एवं मृत्यु दर दोनों उच्च होती हैं।
- जब समाज नगरीय, औद्योगिक एवं शिक्षित हो जाता है तो जन्म दर एवं मृत्यु दर दोनों कम हो जाती है।
- यह परिवर्तन विभिन्न चरणों में होता है जिन्हें सामूहिक रूप से ‘जनांकिकीय चक्र’ कहा जाता है।
- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत के प्रतिपादक – ‘थॉम्पसन तथा नोटेस्टिन’
- जनगणना-2011 (अंतिम आँकड़े) के मुख्य बिंदु
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सर्वाधिक संख्या
- उत्तर प्रदेश (3 करोड़, 7 लाख)
- बिहार (1 करोड़, 91 लाख)
- महाराष्ट्र (1 करोड़, 33 लाख)
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जनसंख्या – 16,44,78,150 [कुल जनसंख्या का 13.59 %]
- 2001 में यह आंकड़ा 15.9 प्रतिशत था।
- लिंगानुपात – 943 (2001- 933 )
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का लिंगानुपात – 919
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सर्वाधिक लिंगानुपात
- अरुणाचल प्रदेश (972), मिज़ोरम (970) तथा मेघालय (970) का है।
- छह वर्ष से कम आयु वर्ग में सबसे कम लिंगानुपात – हरियाणा (834)
- पंजाब (846) नीचे से दूसरे स्थान पर है।
- साक्षरता दर – 72.99 % (2011) [2001 – 64.84 प्रतिशत]
- भारत वर्ष 2050 तक विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।
- देश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या(SC) – 20.137 करोड़ (16.6 %)
- क्षेत्र जंहा किसी भी अनुसूचित जाति(SC) का निवास नहीं है।
- अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह एवं लक्षद्वीप में
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सर्वाधिक संख्या
- जनगणना 2011 के विशिष्ट तथ्य
- जनगणना आयुक्त – ‘डॉ. सी. चंद्रमौली’ थे।
- शुभंकर – ‘प्रगणक शिक्षिका’
- आदर्श वाक्य – “हमारी जनगणना, हमारा भविष्य” (Our Census, Our Future)
- जनगणना 2011 में कुल सवाल शामिल – ’29 सवाल’
- विश्व की कुल जनसंख्या का प्रतिशत भारत में – 17.5%
- सर्वाधिक जनसंख्या वाले दो जिले
- महाराष्ट्र के ‘थाणे’
- पश्चिम बंगाल का ‘उत्तरी चौबीस परगना’
- अरुणाचल प्रदेश की ‘दिबांग घाटी’ न्यूनतम आबादी वाला क्षेत्र है।
- यहाँ का जनघनत्व केवल 1 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. है।
- देश का सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाला जिला – ‘कुरुंग कुमे’ (113.5%), अरुणाचल प्रदेश
- नागालैंड के ‘लोंगलेंग’ जिले’ में नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि दर ( – 58.39%) दर्ज की गई है।
- देश का सर्वाधिक जनघनत्व वाला क्षेत्र – उत्तर-पूर्वी दिल्ली (37,346)
- सर्वाधिक लिंगानुपात वाला ज़िला – ‘माहे’ ज़िला(1,176),पुदुच्चेरी
- न्यूनतम लिंगानुपात ‘वाला जिला – ‘दमन’ जिला ( 533) ,दमन एवं दीव
- सर्वाधिक साक्षरता दर वाला ज़िला -‘सेरछिप’ (98.76 प्रतिशत),मिज़ोरम
- न्यूनतम साक्षरता दर वाला ज़िला – ‘अलीराजपुर'(37.22%),मध्य प्रदेश
- नोटः पुदुच्चेरी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ में कोई अनुसूचित जनजाति निवास नहीं करती है।
- धर्म आधारित जनगणना-2011 (जनगणना-2011 के अंतर्गत)
- इससे संबंधित मुख्य बिंदु निम्न हैं
- कुल धार्मिक समुदाय – 6
- हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन के अलावा ‘अन्य धर्मों और धारणाओं‘ एवं ‘धर्म नहीं बताया‘ में बाँटा गया।
- वर्ष 2011 की कुल जनसंख्या में 2001-2011 के दशक के दौरान
- हिंदू जनसंख्या के अनुपात में 0.7 प्रतिशत अंक की गिरावट
- सिखों की जनसंख्या में 0.2 प्रतिशत अंक की गिरावट
- बौद्धों की जनसंख्या में 0.1 प्रतिशत अंक की गिरावट
- मुस्लिमों की जनसंख्या में में 0.8 प्रतिशत अंक की वृद्धि
- देश में शीर्ष चार हिंदू बहुल जनसंख्या वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश
- हिमाचल प्रदेश (95.17 प्रतिशत)
- दादरा एवं नागर हवेली (93.93 प्रतिशत)
- ओडिशा (93.63 प्रतिशत)
- छत्तीसगढ़ (93.25 प्रतिशत)
- देश में शीर्ष चार मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाले राज्य//केंद्रशासित प्रदेश
- लक्षद्वीप (96.58 प्रतिशत)
- जम्मू-कश्मीर (68.31 प्रतिशत)
- असम (34.22 प्रतिशत)
- पश्चिम बंगाल (27.01 प्रतिशत)
सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना-2011 (SECC-Socio Economic and Caste Census)
- पहली बार जाति आधारित जनगणना वर्ष 1931 में की गई थी।
- स्वतंत्रता के बाद पहली सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 है।
- SECC- 2011 की शुरुआत29 जून, 2011 को त्रिपुरा के ‘संखोला ग्राम’ से गई।
- SECC जनगणनाग्रामीण विकास मंत्रालय एवं योजना आयोग (वर्तमान नीति आयोग) द्वारा संपन्न होती है।
- सामान्य जनगणना जहाँ गृह मंत्रालय के अंतर्गत जनगणना आयुक्त के तत्त्वावधान में होती है.
- ‘हाशिम समिति– शहरी हिस्से के सर्वेक्षण हेतु गठित
- ‘सक्सेना समिति’ – ग्रामीण हिस्से के सर्वेक्षण हेतु गठित
- आदिम आदिवासी समूह (Primitive Tribal Group- PTG)
- अनुसूचित जनजातियों (STs) में भी बेहद गरीब लोगों को इस वर्ग में शामिल किया गया है। इनकी पहचान निम्न आधारों पर की जाती है:
- खेती के लिये पूर्व-कृषि स्तर की तकनीकी का उपयोग
- साक्षरता का बेहद निम्न स्तर
- समूह की जनसंख्या में गिरावट या स्थिरता
- अनुसूचित जनजातियों (STs) में भी बेहद गरीब लोगों को इस वर्ग में शामिल किया गया है। इनकी पहचान निम्न आधारों पर की जाती है:
- जन्म, मृत्यु एवं प्रवास
- जन्म, मृत्यु एवं प्रवास जनसंख्या में परिवर्तन (वृद्धि या कमी) के तीन घटक हैं।
- अशोधित जन्म दर (Crude Birth Rate – CBR)
- प्रति हज़ार पर जन्मे जीवित बच्चों की संख्या।
- अशोधित मृत्यु दर (Crude Death Rate – CDR)
- प्रति हज़ार जनसंख्या पर मृतकों की संख्या।
- जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर (Natural Growth Rate of Population)
- किसी स्थान की कुल जनसंख्या में एक निश्चित समय के बाद कुल जन्म और कुल मृत्यु के कारण आने वाले अंतर को जनसंख्या की ‘प्राकृतिक वृद्धि दर’ कहा जाता है।
- प्राकृतिक वृद्धि दर = [(जन्म की कुल संख्या – मृत्यु की कुल संख्या)/आरंभिक वर्ष की कुल जनसंख्या ]x 100
- शिशु मृत्यु दर (IMR-Infant Mortality Rate)
- प्रति हज़ार जीवित जन्मे शिशुओं में से एक वर्ष या उससे भी कम आयु के शिशुओं की मृत्यु की संख्या है।
- भारत में सर्वाधिक शिशु मृत्यु दर वाला राज्यमध्य प्रदेश (54 प्रति हज़ार जीवित जन्म) है (वर्ष 2013 के अनुसार)
- न्यूनतम शिशु मृत्यु दर वाले राज्यगोवा व मणिपुर (क्रमशः 9 व 10 प्रति हज़ार जीवित जन्म) हैं
- बाल मृत्यु दर (CMR- Child Mortality Rate)
- प्रति हज़ार जीवित जन्मे बच्चों में से पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों की मृत्यु की संख्या है।
- मातृ मृत्यु दर (MMR-Maternal Mortality Rate )
- प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर माताओं की मृत्यु की संख्या है।
- नीति आयोग के अनुसार 2011-13 के दौरान यह 167 थी।
- कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate: TFR)
- प्रति महिला द्वारा जन्म दिये गए बच्चों की संख्या का औसत होता है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 (2015-16) के अनुसार
- शिशु मृत्यु दर (IMR) – 41 प्रति हजार
- बाल मृत्यु दर (CMR) – 50 प्रति हज़ार
- कुल प्रजनन दर (TFR) – 2.2 बच्चे प्रति माता
- माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत (Population Theory of Malthus)
- ब्रिटिश अर्थशास्त्री थॉमस माल्थस ने 1798 में ‘जनसंख्या के सिद्धांत पर निबंध’पुस्तक में ‘जनसंख्या सिद्धांत’ दिया।
- जीविकोपार्जन के साधन में वृद्धिसमानांतर श्रेणी श्रेणी के अनुसार तथा जनसंख्या में वृद्धिगुणोत्तर श्रेणी(geometric series) के अनुसार होती है।
- अर्थात् लोगों की संख्या खाद्य आपूर्ति की तुलना में बेहद तेज़ी से बढ़ेगी।
- इस जनसंख्या विस्फोट के परिणामस्वरूप बीमारियाँ, अकाल, युद्ध आदि होंगे, जिसके कारण जनसंख्या में अचानक कमी होगी।
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (National Population policy)
- 1952 में भारत विश्व का पहला देश था, जिसने परिवार नियोजन संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की।
- 1976 में देश में पहली बार जनसंख्या नीति की घोषणा की गई।
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000
- कुल प्रजनन दर (TFR) को 2010 तक कम कर प्रतिस्थापन स्तर अर्थात् औसतन 2.1 बच्चे प्रति माता तक लाना।
- शिशु मृत्यु दर को 30 शिशु प्रति हज़ार से भी कम करना
- मातृ मृत्यु दर को 100 प्रति एक लाख से कम करना