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Khortha
‘हरियरे-हरियर’ कहनी कोन भाव से लिखल गेल हे ?
- सामाजिक समरसता
- ग्रामीण विकास
- साम्प्रदायिक सद्भाव
- एकर में कोई नाञ
ई अइसने मदइत लगाइ जकर से गोटे गांवेक हित होत । ‘परभात, तोर कोन मदइत के दरकार भेलउ ।’ प्रभात केकर से मइदत मांगे हे ?
- बाप से
- गंवइया से
- माय से
- कोइ नाञ
एगो चिट्ठी डा. ए.के. झा कर लिखल कइसन सहित विधा लागल ?
- पत्र साहित
- लोकसाहित्य
- भाषा निबंध
- कोय नाय
‘खोरठा एगो स्वतंत्र समृद्ध भासा’ केकर लिखल रचना हकइ ?
- बंशी लाल बंशी
- दिनेश कुमार ‘दिनमणि’
- शिवनाथ प्रमाणिक
- बी. एन. ओहदार
चितरा रानी (लोककथा) मे केकर सोनाक हाइर चील उठाइ के उड़े लागल ?
- सुजनि के
- दुलारी
- सुगनी के
- सुमति के
ऊटी तोर बहु लागउ । ई बाइक में ‘ऊटी’ की हेकइ ?
- अनठेकान बाचक सरबनाम
- सवाल बाचक सरबनाम
- निज बाचक सरबनाम
- ठेकान बाचक सरबनाम
पुटी आर पालु शब्दचित्र में पालु कर अरथ की दियल गेल हइ :
- पोसवइया
- पालक साग
- विष्णु भगवान
- ई सभे
आइझ कर लोकतंतर में चुनावे खड़ा हेवेक लागिन अजोइग उमीदबार हइः
- i.सतबादी परोपकार करवाइया के
- ii.सोंढ-मोंठ, सीधा-साधा मानुस के
- ii.चोर-डकइत के
- (i) आर (ii) दुइयो
रंइंगला कर स्त्रीलिंग सबद बतवा –
लेखक केकर संग बोरवा अड्डा गेल रहथ ?
- i.शिवनाथ प्रमाणिक
- ii.बंशीलाल ‘बंशी’
- (i), (ii) दुइयो संगे
- केकरो संगे नांञ्
बिनोद बाबू आपन समाज के कोन नारा देलइ ?
- पढ़ा आर बढ़ा
- पढ़ा लड़ा आर बढ़ा
- पढ़ा आर लड़ा
- संगठन बना
हेठे दियल बाइके अकरमक आर सकरमक किरियाक अड़गाही बाइच छांटा ‘लाफाइ लिया’:
- लाफाइ दिया
- लाफाइ गेला
- लाफाइ जावा
- लाफाइ दियेक
‘रइसका’ कर माने की हेवहे?
- रसिक
- जे नाचे-गावे जान हे
- जे बजवे जानहे
- ई सोभे
पुरूस बाचक सरबनाम के बहुबचन रूपें करम कारकेक कोन विभक्ति लगवल जा हइ?
केकर मदइते डोरंडा केर जिमिंदार-माधो सिंह आपन सिपाही के बिदरोह खातिर उकसवला?
- शेख भिखारी
- घासी सिंह
- उमराव सिंह
- कुंवर सिंह
दामुदर-पारसनाथ जातराञ केकर गोड़े फोंका भेल रहइ?
- शांती भारत
- बंशी लाल बंशी
- रथेन्द्र आर उमाकांत
- सुकुमार
जातरा में गेल जातरी सबेक की परेसानी हलइ?
- खाना खाएक
- छउवा बेड़ाइक गेल
- बेंकवही खातिर पइसा वाहरावले में
- ई सभे
बिनोद बाबूक तुलना कोन दलित समाज के उधारक से करल गेल हइ?
- अम्बेडकर
- दयानंद सरस्वती
- जिमींदार जइसन कुट चाइलेक से बाचेक चाही
- गांवेक लोक के एकजुट होइ के शोसण कर बिरोध करे चाही
झारखंडेक परब-तिहारेक में हियांक लोकेक की गुन रहइत?
- समताबादी
- मानववादी
- परकीरतिवादी संसरिकतिक पहचान
- ई तीनो
पहाड़ी टेशन आर दारजिलिंग जिलाक सब डिबिजन कहां हइ?
- घुम
- गालुडीह
- चाकुलिया
- करसियांग
‘थेथर’ सबदेक सही माने छांटा :
- जिद्दी
- एक प्रकार का पौधा-बोका भेंडरा
- हठी
- इ सभी
सेंठ रेवती प्रसाद के हकइ?
- इंजिनियरिंग र्वर्कस के मालिक
- इंजिनियरिंग र्वर्कस के मेकेनिक
- इंजिनियरिंग र्वर्कस के सुपरबाइजार
- विवेक के बाप
ए.के. झा जी ‘झारखंडी भासा संसकिरतिक बिसेसता केर’ परिचइ आर आलेख कोन सेमिनारे देल हलइ ?
- इंडीयन सांइस कांग्रेस
- जनजातीय भाषा शोध संस्थान
- इंडियन ट्राइबल एसोसिएशन
- एकर में कुछो नाञ
किरियाक मूल रूप के कहल जा हे।
निबंध अनुसारे दु सइभता की लागइ?
- i.नदी घाटी सइभता
- ii.बोन-जंगल सइभता
- iii.मरूभूमी सइभता
- i आर ii दुयो
मुण्डा समूह जाइत के सइभ की ले कहल गेल हइ?
- मुण्डा समुह मानबबादी बिचार के मनवइया हथ
- मुण्डा समूहेक पासे सह अस्तित्व कर भावना हइ
- मुण्डा समाजे समताबादी बेबसथा पावल जा हइ
- ई सभे
अपादान कारकेक परतइ छांटा :
बिबेक के भाइ के की नाम हकइ?
‘पुटी आर पालु’ केकर लिखल शब्दचित्र लागइ ?
- ए.के. झा
- बंशी लाल बंशी
- बी.एन. ओहदार
- पारसनाथ महतो
टंइंगला से, कलम से ………. कोन रूपें हइ ?
- करन रूपें
- संबोधन रूपें
- कर्ता रूपें
- करम रूपें
उडीस के कोन नाम टा सही हेकड ?
मुंहें हाथ लइकें सोहराय गाछ तरें मनझान बइसल हे, ऊ ठांव कोन आवे हइ ?
- बुधना
- सोहना
- बुचा सिंह
- कोइ नाञ
धरा-बांधा बीहा मन सइदा सांधा । एकर सही माने छांटाः
- मन के मोताबिक भेल काम बेसे हवइ
- बिआह सादी रजा मंदी बेस बात
- मन के अनुसार भेल छोटी काम बड़े कहाय
- ई सभे
भासा संसकिरतीक बाहक लागें आर संसकिरतीक छाप भासाञ देखाइ परो हइ । ई बात कोन निबंधे कहल गेल हइ ?
- बखेड़ाव में बखेड़ा-लिंग बखेड़ा
- सर्वधर्म सम भाव
- हामनिक संसकिरतीक आर तकरर उपरे संकट
- सोब टाइ चल हे
‘मांझो’ केकर नाम हेकइ ?
- नायक के बहिन के
- सहनायिका के
- कहनिक नायिका के
- कोइ नाञ
‘काड़ा’ कर इसतिरलिंग रूप की हइ ?
पइछला बइर नियर हाम आपन्ही खड़ा नखों, बिचकुन खड़ा करल गेल हों । ई बाकय मे ‘बिचकुन’ के माने की होवे हइ ?
मंगरू गोरू किनेले कहां जाय खोजो हइ ?
- कुमकापुर के हाट
- सियार खोधाक डाबर
- मांगर हाट
- बोरटाइड के हाट
‘सव कोस दूर रहेक’ पटतइर माने हेवत :
- बुराइ से दूर रहेक
- गाँव से फरक रहेक
- साबे से फरक रहेक
- ईमान से दूर रहेक
‘ऊ खाइत हेवत’ ई बाइके कोन किरिया के परजोग करल गेल हइ ?
- सामाइन बरतमान
- सकाहा बरतमान काल
- टटका-टटकी
- ताताताही बरतमान
‘मुड़फूचका’ कोन किताबे मे छपल हइ ?
- दू डाइर पुटुस फूल
- खोरठा गइद पइद संगरह
- दू डाइर जिरहुल फूल
- खोरठा निबंध
सोंटा के बहुबचन रूप छांटा :
- सोंटवइन
- सोंटा सब
- सोंटा गुला
- ई सभे
‘छड़ी से पीटा’ हिन्दी बाइकेक सही खोरठा अनुवाद छांटा :
- सोंटाय सोंटलइ
- सोंटे सोंटलइ
- छड़िए पीटलइ
- सभे
‘बखेड़ाव में बखेड़ा लिंग बखेड़ा’ केकर लिखल हेकइ ?
- डॉ. बी.एन. ओहदार
- डॉ. चतुर्भुज साहु
- डॉ. विनोद कुमार
- डॉ. ए. के. झा
हाथ पीअर हवेक सही माने छांटा :
- बीहा- शादी हवेक
- खूब बेस-बेस खाइक
- हाथ पीअर रंग से रांगेक
- एकर में सभे
‘लुगा-फाटा’ के मतलब होवे हइ ?
- फटा हुआ कपड़ा
- साया ब्लाउज
- कपड़ा-लत्ता
- पगड़ी
‘भातें धुरा दियेक टा बेस नायं’ भातें में कारक हइ ?
भीमा पाठ में मकड़जाल कर माने की बतवल गेल हे-
- मकडाक जाल
- नेटवर्क
- षडयंत्र
- कोइ नाञ
बरद कर इस्तीलिंग रूप हे-
‘मुंडाइन’ में कोन परतय हे-
सिखरिया राइज कोन गेल रहे ?
- बोड़ भाय
- मांझिल भाय
- छोटे भाय
- तीनों भाय
“मउसम बेगियानिक” नामे खोरठाक कोन साहितकार परसिद्ध हथ ।
- डॉ. ए. के. झा
- डॉ. बिनोद कुमार
- डॉ. बी. एन. ओहदार
- सुकुमार
‘गुजा-गथा करा’ केर पटतइर छांटा :
- घरेक माथा
- नामंजुर करा
- मनेक सक मेटवा
- हिंसाब बइसवा
दुनियायेक सोबले ऊंच जगहेक टेसन (हिल स्टेशन) केकरा बतउला ?
- कुरसियांग
- घुम
- सिलीगुड़ी
- दारजिलिंग
ई जीवनक सेसे लिखवइया की लिखेक बिनोद बाबू के सम्मान देल हइ ?
- जोहार झारखंड
- बिनादे बाबू अमर रहे
- जय बिनोद, जय झारखंड
- ई सोभे
‘पारसनाथ’ के की कहबइ ?
- बेकतिबाचक सइंगा
- कारक
- किरिया
- एकर में कोइ नाञ
दामुदर पारसनाथ-बॉउडी डहर जतरा में जातरी सब के बजे पहुचलथीन ?
- छः बजे मुंहआंधरा पहर
- छः बजे भोरे
- छः बजे दोपहरीया
- कलवा बेरा
बोन धारिक खेतवा सोहराय से के मांगो हलइ ?
- सुगना
- सुगिया
- बुचा सिंह
- अघनु सिंह
दामुदरेक डहरे जातरा के जातरी के पहिल पड़ाव कहां हेलइ ?
- निमिया घाटे
- कोनार डेमे
- रामडीह मोडे
- चन्दनकियारीयेसी
बिरसा मुण्डा के गुरूक नाम की लागइ ?
- आनन्द पाण्डे
- अंकित पाण्डे
- अनिल पाण्डे
- कोनू नाञ
‘बिनी’ केर बहुबचन रूप छांटा :
- बिनाएं
- बिनीएं
- बिनीअइन
- बिन
‘उलगुलान’ माने आन्दोलन हवे तो क्रांति के खोरठें की कहल जाहइ ?
- हुरुतुतून
- हुलुसथुल
- डांवरा
- सलसंत
राम नारायण सिंह कहांक रहवइया हलय ?
- रांची क
- देवघर के
- बोकारो के
- हजारीबाग के
रइसका केर रचनाकार के लागइ ?
- श्री निवास पानूरी
- बंशी लाल बंशी
- गिरधारी गोस्वामी
- मनपुरण गोस्वामी
चासा कहनिए ‘चासा’ माने की छांटा ?
- चास नामेक सहर
- चसकल
- कचास क रहनिहार
- कोइ नाञ
‘कानेक सोना हवेक’ एकर सही माने बतावा :
- खूब दुलरूआ हवेक
- बहुत महात हवेक
- बहुत पिआर अवेक
- ई सभे
मांझो केकर संगे रजरपा मेला घुरेले गेल हलइ ?
- i.आपन माय संगे
- ii.बिनोद के दीदी
- (i) आर (ii) दुइयो
- बिनोद संगे
श्री निवास पानूरी कर जनम बछर छांटा :
‘ई दुधमुंहा छउआ हकइ’ ई बाइकें ‘दुधमुंहा’ की हेकइ ?
- सरबनाम
- सइंगा
- बिसेसन
- कोइ नाञ
रइसका रोजगारेक टावाने रांची गेल बादे केकरा इयाइद आवे हइ ?
- आपन गांवेक
- झुनिया के
- आपन बेटा के
- ई सभे
‘कुचकुच करिया कइर देलइ’ के करता बाइच से अड़गाही बाइचे बदला :
- i.कुचकुच करिया कइर देल गेलइ
- ii.कुचकुच करिया भइ गेलइ
- (i) आर (ii) दुयो
- ई सभे
संबंध कारक खातिर खोरठा विभक्ति हकइ :
पता नाञ, तोहर से हमर एते परेम काहे ! तोहे अइले हमर मन हलुक भइ जाइ । तोहर जखन मन करतों, हमर ठिन चइल अइहा । ‘सभेक खभरो पाइब आर बातो हवत’ ई बात श्रीनिवास पानुरी केकर से कहले रहइ ?
- शांति भारत
- बंशीलाल बंशी
- शिवनाथ प्रमाणिक
- पंचम महतो
‘हरदिक रंग आर परदेसिक संग’ काभाइत अरथ हड़ :
- अस्थायी दोस्ती
- खायां समझ के बादेकाम करेक
- असुरक्षित जघह
- पीयर रंग रांगेक
‘झारखंड’ कोन रकमेक सइंग लागड ?
- जाइत बाचक
- भाब वाचक
- बेगइत बाचक
- गाठ बाचक
गंगटोक कहां पह हड़ ?
- प. बंगाल में
- मेघालय में
- असम में
- सिक्किम में
खोरठाक आधुनिक काल के साहितकार के सही मिलान करा ।
- दलेल सिंह, पदम दास
- हाड़ी राम, चामु कमार क्षेत्रीय भाष
- श्री निवास पानुरी, डॉ. ए. के. झा
- कोई नाञ
बिसेसन ले भाबबाचक सइंगा बनले ‘चेंका’ के की कहबइ ?
- चेकार
- चेकवाट
- चेकाइंट
- चेंकाइ
सइंगा से भाबबाचक सइंगा बनले छउवा के की कहबइ ?
- छउआली
- छउबी
- छउबाइल
- एकर में सोभे
छोटका सिखर राइजे केकर घर पोंहचल रहे ?
- राजाक गढ़
- चउकीदारेक पर
- मालिन बुढ़ीक कुंबा
- चितराक कोठरी
‘लोकोक्ति’ के खोरठा में कहल जाहे ?
- पटतइर
- लोकवाइन
- काभइत
- ई सोभे
झुनिया कर कोन कोन संगी (सहेली) रहथी –
बेमेल छांटा :
- बिबेक-सेखर कर भाइ
- बिबेक रचना के मरद
- बिबेक-सुपरवाइजर
- बिबेक नशाखोर
चलल कर चालीस………..ई काभइत के पूरा करा-
शिक्षक कोन सइंगा हकइ ?
- जाइत बाचक
- बेगइत बाचक
- भाब बाचक
- कोइ नाञ
सरबनाम कर कतना भेद हे-
भीमा कहनी में छुटुवा कोन रहे ?
- जाइतेक नोआ
- भीमाक बाप
- एगो दुखी लोक
- ई सोभे
‘कोरांयं गिदर हुइ । ई वाइकेक ‘कोरांय’ सबदे कोन-कोन कारकेक विभक्ति लागल हइ ?
- संबंध कारकेक
- अधिकरन कारकेक
- कर्ता कारकेक
- करण कारकेक
‘महतो’ के इस्तरीलिंग की हतइ-
- महतराइन
- महतवाइन
- मोहतरमा
- महताइन
एकर में द्रव्यवाचक संज्ञा हके ?
‘काइल तोंय हामर घर अइहों’ एकर में ‘तोंय’ कोन सरबनाम हके ?
- प्रसनवाचक
- पुरूसवाचक
- संबंधवाचक
- निजवाचक
‘तोर घार कुछु ढकल हऊ’ एकर में अनठेकानी सरबनाम हकइ ?
एकर में कोन-कोन लिंग के विधान खोरठें भेंटा हे-
- पुलिंग, इस्त्रीलिंग, नपुसंकलिंग
- वचन लिंग, नावालिंग, टटकालिंग
- पुलिंग, नावालिंग, टटकालिंग
- पुलिंग, इस्त्रीलिंग, टटकालिंग
‘अंडेरी बोने बिलाइ…….’ ‘ई काभित के पूरा करा-
‘भलाइ’ कोन रकमेक संग्या लागे ?
- i.जातिवाचक
- ii.भाववाचक
- iii.व्यक्तिवाचक
- i & ii दुइयो
हेंठे देल में से करम कारकेक रूप छांटा ?
‘थूइक के चाटेक’ मुहाबराक माने हेवत-
- छोडल चीज के लेवेक
- आपन बात से मुकइर जाइक
- दल चीज के लेवेक
- ई तीनों