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राजस्थान
- राजधानी: जयपुर
- स्थापना दिवस: 1 नवम्बर 1956
- राजस्थान (Rajasthan) मुख्यमंत्री – श्री भजन लाल शर्मा
- राज्यपाल -श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े
- राजस्थान HC,मुख्य न्यायाधीश – मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव
- 50 जिले –
जयपुर
- राजस्थान की राजधानी, इसे ‘गुलाबी नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध हवा महल, जंतर मंतर और आमेर किला स्थित है।
- राज्य का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला।
- यह राजस्थान के ‘गोल्डन ट्रायंगल’ पर्यटन सर्किट का हिस्सा है।
जोधपुर
- इसे ‘ब्लू सिटी’ और ‘सन सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- यहाँ विश्व प्रसिद्ध मेहरानगढ़ किला स्थित है।
- भारत की परमाणु शक्ति संयंत्रों में से एक ‘रावतभाटा’ यहाँ स्थित है।
- यह मारवाड़ क्षेत्र का प्रमुख शहर है।
उदयपुर
- इसे ‘झीलों का शहर’ और ‘वेनिस ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध सिटी पैलेस और पिछोला झील स्थित है।
- हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध इसी जिले के निकट लड़ा गया था।
- यह मेवाड़ क्षेत्र का ऐतिहासिक केंद्र है।
अजमेर
- यह प्रसिद्ध सूफी दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का स्थल है।
- यहाँ तारागढ़ किला और अकबर का महल स्थित है।
- प्रसिद्ध मेयो कॉलेज यहीं स्थित है।
- यह अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा हुआ है।
बीकानेर
- इसे ‘उंटों का शहर’ कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध जूनागढ़ किला और लालगढ़ पैलेस स्थित है।
- बीकानेर की भुजिया और मिठाइयाँ प्रसिद्ध हैं।
- भारत का प्रसिद्ध ‘कैमल रिसर्च सेंटर’ यहीं स्थित है।
जैसलमेर
- इसे ‘गोल्डन सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध जैसलमेर किला (सोनार किला) स्थित है।
- थार रेगिस्तान का एक बड़ा हिस्सा इसी जिले में पड़ता है।
- यह इंडो-पाक सीमा के निकट स्थित है।
कोटा
- यह चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
- कोटा का बांध और इंजीनियरिंग उद्योग प्रसिद्ध हैं।
- यह हड़प्पा कालीन सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र था।
- कोटा के कोटा स्टोन के लिए प्रसिद्ध है।
अलवर
- यह ‘मेवात’ क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ प्रसिद्ध सरिस्का टाइगर रिजर्व और बाला किला स्थित है।
- अलवर का दूधिया खोया प्रसिद्ध है।
- यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा है।
भरतपुर
- यहाँ प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (बर्ड सैंक्चुअरी) स्थित है।
- इसे ‘पूर्वी राजस्थान का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है।
- यह लोहागढ़ किले के लिए प्रसिद्ध है।
- यह ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है।
सीकर
- यह शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ कई प्रसिद्ध हवेलियाँ और ऐतिहासिक इमारतें स्थित हैं।
- यह खनिज संपदा से समृद्ध जिला है।
- यहाँ का माधो निवास पैलेस प्रसिद्ध है।
झुंझुनू
- यह शेखावाटी क्षेत्र का प्रमुख जिला है।
- यह ‘मुकंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान’ का हिस्सा है।
- यहाँ की चित्रित हवेलियाँ प्रसिद्ध हैं।
- यह खनिज संसाधनों, विशेष रूप से तांबे के लिए जाना जाता है।
पाली
- यह राजस्थान का प्रमुख औद्योगिक जिला है।
- यह टेक्सटाइल और डाइंग उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर स्थित है।
- यह अरावली पर्वतमाला में स्थित है।
नागौर
- यहाँ प्रसिद्ध नागौर किला और बसंत ऋतु का मेला लगता है।
- यह मारवाड़ क्षेत्र का हिस्सा है।
- नागौर का मिर्च बाजार एशिया में सबसे बड़ा माना जाता है।
- यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है।
बाड़मेर
- यह थार रेगिस्तान का हिस्सा है और इंडो-पाक सीमा के निकट स्थित है।
- यह तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ प्रसिद्ध बाड़मेर हिल्स और किराडू के मंदिर स्थित हैं।
- यह पेट्रोलियम उत्पादन में राज्य का अग्रणी जिला है।
चुरू
- यह थार रेगिस्तान के किनारे स्थित है।
- यह शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ ताल छापर अभयारण्य स्थित है, जो काले हिरण के लिए प्रसिद्ध है।
- यह सूती वस्त्र उद्योग के लिए जाना जाता है।
धौलपुर
- इसे ‘लाल पत्थरों का शहर’ कहा जाता है।
- यह चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
- यहाँ प्रसिद्ध मचकुंड शिव मंदिर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।
श्रीगंगानगर
- यह राजस्थान का सबसे उत्तरी जिला है।
- इसे ‘राजस्थान की अन्न की राजधानी’ कहा जाता है।
- यह इंदिरा गांधी नहर परियोजना से लाभान्वित क्षेत्र है।
- यह पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ है।
सवाई माधोपुर
- यहाँ प्रसिद्ध रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
- यह चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
- रणथंभौर किला यहीं स्थित है।
- यह बाघ अभयारण्य के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
झालावाड़
- इसे ‘झालों की नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- यह हडोती क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ प्रसिद्ध झालरापाटन शहर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।
बूंदी
- इसे ‘झीलों और बावड़ियों का शहर’ कहा जाता है।
- यहाँ प्रसिद्ध तारागढ़ किला और बूंदी पैलेस स्थित है।
- यह हडोती क्षेत्र का हिस्सा है।
- यह अपनी विशिष्ट चित्रकारी शैली के लिए प्रसिद्ध है।
टोंक
- इसे ‘पठारों का शहर’ कहा जाता है।
- यह प्रसिद्ध सुनहरी कोठी (गोल्डन हाउस) के लिए जाना जाता है।
- यह अरावली पहाड़ियों में स्थित है।
- यह ऐतिहासिक रूप से एक रियासत रहा है।
सिरोही
- यह राजस्थान का ‘सिरोही’ आम के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ प्रसिद्ध माउंट आबू हिल स्टेशन स्थित है।
- यह गुरु शिखर, राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी का स्थल है।
- यह दिलवाड़ा जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
प्रतापगढ़
- यह राजस्थान का सबसे नया जिला है (2008 में गठित)।
- यह चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा जिलों के कुछ हिस्सों से मिलकर बना है।
- यह माही नदी के किनारे बसा हुआ है।
- यह खनिज संसाधनों, विशेष रूप से संगमरमर के लिए जाना जाता है।
डूंगरपुर
- इसे ‘छप्पन की पहाड़ियों का शहर’ कहा जाता है।
- यह माही नदी के किनारे बसा हुआ है।
- यहाँ प्रसिद्ध गैब सागर झील स्थित है।
- यह दक्षिणी राजस्थान का एक प्रमुख जिला है।
बांसवाड़ा
- इसे ‘चेरोपुन्जी ऑफ राजस्थान’ कहा जाता है।
- यह माही नदी के किनारे बसा हुआ है।
- यह आदिवासी बहुल जिला है।
- यहाँ प्रसिद्ध माही बजाज सागर बांध स्थित है।
चित्तौड़गढ़
- यह प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ किले के लिए जाना जाता है।
- यहाँ राणा कुम्भा द्वारा निर्मित विजय स्तंभ स्थित है।
- यह महाराणा प्रताप और मीरा बाई की जन्मस्थली है।
- यह मेवाड़ क्षेत्र का ऐतिहासिक केंद्र है।
राजसमंद
- यहाँ प्रसिद्ध राजसमंद झील और कुंभलगढ़ किला स्थित है।
- यह मेवाड़ क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ नौ चौकी शिलालेख स्थित है।
- यह संगमरमर उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
हनुमानगढ़
- यह घग्गर नदी के किनारे बसा हुआ है।
- यहाँ प्रसिद्ध भटनेर किला स्थित है।
- यह कालीबंगा सभ्यता का प्रमुख स्थल है।
- यह पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ है।
करौली
- यह ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है।
- यहाँ प्रसिद्ध कैला देवी मंदिर स्थित है।
- यह लाल पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
- यह मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।
दौसा
- यह अरावली पहाड़ियों में स्थित है।
- यहाँ प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर स्थित है।
- यह ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ और अम्बर रियासतों के बीच सीमा क्षेत्र रहा है।
- यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा है।
बाराँ
- यह हडोती क्षेत्र का हिस्सा है।
- यह काकुनी और परवन नदियों के संगम पर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।
- यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है।
सीकर
- शेखावाटी क्षेत्र का प्रमुख जिला, हवेलियों और भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ माधो निवास पैलेस, जीणमाता मंदिर और सीकर किला स्थित है।
- खनिज संपदा में समृद्ध – तांबा, चूना पत्थर और संगमरमर।
- शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी – बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस यहाँ स्थित।
झुंझुनू
- शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा, ‘ओपन आर्ट गैलरी’ के रूप में प्रसिद्ध।
- यहाँ मुकुंदगढ़ किला, खेतड़ी महल और चिरावा झरना स्थित है।
- खनिज संसाधनों में समृद्ध – तांबा, सीसा और जस्ता।
- प्रसिद्ध व्यापारिक समुदायों की जन्मस्थली।
पाली
- राजस्थान का प्रमुख औद्योगिक जिला, टेक्सटाइल हब के रूप में जाना जाता है।
- यहाँ रणकपुर जैन मंदिर और सोमनाथ मंदिर स्थित है।
- अरावली पर्वतमाला में स्थित, खनिज संपदा से समृद्ध।
- डाईंग और प्रिंटिंग उद्योग के लिए विख्यात।
नागौर
- मारवाड़ क्षेत्र का हिस्सा, ऐतिहासिक नागौर किले के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ बसंत ऋतु का विशाल मेला और बलदेव किला स्थित है।
- मिर्च मंडी के लिए प्रसिद्ध – एशिया की सबसे बड़ी मिर्च मंडी।
- सूफी संत हमीदुद्दीन नागौरी की धरती।
बाड़मेर
- थार रेगिस्तान का हिस्सा, इंडो-पाक सीमा के निकट स्थित।
- यहाँ बाड़मेर हिल्स, किराडू के मंदिर और सिवाना किला स्थित है。
- तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार में समृद्ध।
- पेट्रोलियम उत्पादन में राज्य का अग्रणी जिला।
चुरू
- थार रेगिस्तान के किनारे स्थित, शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा।
- यहाँ ताल छापर अभयारण्य और सुजानगढ़ किला स्थित है।
- काले हिरण के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध।
- सूती वस्त्र उद्योग और कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है।
धौलपुर
- ‘लाल पत्थरों का शहर’ के नाम से प्रसिद्ध।
- चंबल नदी के किनारे बसा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा।
- यहाँ मचकुंड शिव मंदिर और रामसागर झील स्थित है।
- लाल पत्थर की खानों के लिए विख्यात।
श्रीगंगानगर
- राजस्थान का सबसे उत्तरी जिला, ‘राजस्थान की अन्न की राजधानी’।
- इंदिरा गांधी नहर परियोजना से लाभान्वित क्षेत्र।
- यहाँ सूरतगढ़ कृषि फार्म और गुरुद्वारा श्री गंगासर साहिब स्थित है।
- पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ।
सवाई माधोपुर
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के लिए विश्व प्रसिद्ध।
- चंबल नदी के किनारे बसा, बाघ संरक्षण का प्रमुख केंद्र।
- यहाँ रणथंभौर किला और कैलादेवी मंदिर स्थित है।
- वन्यजीव पर्यटन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध।
झालावाड़
- ‘झालों की नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध।
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा, मध्य प्रदेश की सीमा से लगा।
- यहाँ झालरापाटन शहर और गागरोन किला स्थित है।
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध।
बूंदी
- ‘झीलों और बावड़ियों का शहर’ के नाम से विख्यात।
- यहाँ तारागढ़ किला और बूंदी पैलेस स्थित है।
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा, विशिष्ट चित्रकारी शैली के लिए प्रसिद्ध।
- राजस्थानी कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र।
टोंक
- ‘पठारों का शहर’ और ‘पठारी इलाके’ के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ सुनहरी कोठी और टोंक संग्रहालय स्थित है।
- अरावली पहाड़ियों में स्थित, ऐतिहासिक रूप से रियासत रहा।
- सूफी संस्कृति और उर्दू साहित्य का केंद्र।
सिरोही
- राजस्थान का ‘आम का बाग’ के नाम से प्रसिद्ध।
- यहाँ माउंट आबू हिल स्टेशन और गुरु शिखर स्थित है।
- राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर का स्थल।
- दिलवाड़ा जैन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध।
प्रतापगढ़
- राजस्थान का सबसे नया जिला (2008 में गठित)।
- माही नदी के किनारे बसा, खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- संगमरमर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध।
- चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा जिलों के कुछ हिस्सों से मिलकर बना।
डूंगरपुर
- ‘छप्पन की पहाड़ियों का शहर’ के नाम से प्रसिद्ध।
- माही नदी के किनारे बसा, गैब सागर झील के लिए विख्यात।
- यहाँ उदय विलास पैलेस और जूना महल स्थित है।
- दक्षिणी राजस्थान का प्रमुख आदिवासी बहुल जिला।
बांसवाड़ा
- ‘चेरोपुन्जी ऑफ राजस्थान’ के नाम से प्रसिद्ध।
- माही नदी के किनारे बसा, माही बजाज सागर बांध का स्थल।
- आदिवासी बहुल जिला, वन संपदा से समृद्ध।
- यहाँ आंधेश्वर महादेव मंदिर और भैंसरोगढ़ किला स्थित है।
चित्तौड़गढ़
- विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ किले के लिए विख्यात।
- यहाँ विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ और मीरा बाई का मंदिर स्थित है।
- महाराणा प्रताप और मीरा बाई की जन्मस्थली।
- मेवाड़ क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र।
राजसमंद
- राजसमंद झील और कुंभलगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध।
- मेवाड़ क्षेत्र का हिस्सा, संगमरमर उद्योग का केंद्र।
- यहाँ नौ चौकी शिलालेख और हल्दीघाटी स्थित है।
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर में समृद्ध।
हनुमानगढ़
- घग्गर नदी के किनारे बसा, कालीबंगा सभ्यता का स्थल।
- यहाँ भटनेर किला और श्री कोलायत जी मंदिर स्थित है।
- सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध।
- पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ।
करौली
- ब्रज क्षेत्र का हिस्सा, कैला देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
- लाल पत्थर की नक्काशी और मूर्तिकला के लिए विख्यात।
- यहाँ मदन मोहन जी मंदिर और करौली किला स्थित है।
- मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ जिला।
दौसा
- अरावली पहाड़ियों में स्थित, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
- यहाँ भैरो जी मंदिर और दौसा किला स्थित है।
- ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ और अम्बर रियासतों के बीच सीमा क्षेत्र।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा।
बाराँ
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा, काकुनी और परवन नदियों के संगम पर स्थित।
- यहाँ शेरगढ़ किला और कपिल धारा मंदिर स्थित है।
- मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ जिला।
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध।
अजमेर
- प्रसिद्ध सूफी दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का स्थल
- अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा हुआ
- तारागढ़ किला और अकबर का महल स्थित
- प्रसिद्ध मेयो कॉलेज यहीं स्थित
- पुष्कर मेले के लिए विश्व प्रसिद्ध
भीलवाड़ा
- राजस्थान का ‘टेक्सटाइल सिटी’ के नाम से प्रसिद्ध
- माण्डलगढ़ किला और पुर उम्मेद महल स्थित
- कपास उत्पादन और वस्त्र उद्योग का प्रमुख केंद्र
- बनास और बेड़च नदियों का संगम स्थल
- औद्योगिक विकास में राज्य का अग्रणी जिला
सवाई माधोपुर
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के लिए विश्व प्रसिद्ध
- चंबल नदी के किनारे बसा हुआ
- रणथंभौर किला और कैलादेवी मंदिर स्थित
- बाघ संरक्षण का प्रमुख केंद्र
- वन्यजीव पर्यटन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध
श्रीगंगानगर
- राजस्थान का सबसे उत्तरी जिला
- ‘राजस्थान की अन्न की राजधानी’ के नाम से प्रसिद्ध
- इंदिरा गांधी नहर परियोजना से लाभान्वित
- सूरतगढ़ कृषि फार्म और गुरुद्वारा श्री गंगासर साहिब स्थित
- पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ
झालावाड़
- ‘झालों की नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा
- झालरापाटन शहर और गागरोन किला स्थित
- मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध
बूंदी
- ‘झीलों और बावड़ियों का शहर’ के नाम से विख्यात
- तारागढ़ किला और बूंदी पैलेस स्थित
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा
- विशिष्ट चित्रकारी शैली के लिए प्रसिद्ध
- राजस्थानी कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र
टोंक
- ‘पठारों का शहर’ के नाम से प्रसिद्ध
- सुनहरी कोठी और टोंक संग्रहालय स्थित
- अरावली पहाड़ियों में स्थित
- ऐतिहासिक रूप से रियासत रहा
- सूफी संस्कृति और उर्दू साहित्य का केंद्र
सिरोही
- राजस्थान का ‘आम का बाग’ के नाम से प्रसिद्ध
- माउंट आबू हिल स्टेशन और गुरु शिखर स्थित
- राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर का स्थल
- दिलवाड़ा जैन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध
- वन्यजीव अभयारण्य और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध
प्रतापगढ़
- राजस्थान का सबसे नया जिला (2008 में गठित)
- माही नदी के किनारे बसा हुआ
- संगमरमर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
- खनिज संसाधनों से समृद्ध
- चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा जिलों के कुछ हिस्सों से मिलकर बना
डूंगरपुर
- ‘छप्पन की पहाड़ियों का शहर’ के नाम से प्रसिद्ध
- माही नदी के किनारे बसा हुआ
- गैब सागर झील और उदय विलास पैलेस स्थित
- दक्षिणी राजस्थान का प्रमुख आदिवासी बहुल जिला
- वन संपदा और खनिज संसाधनों से समृद्ध
बांसवाड़ा
- ‘चेरोपुन्जी ऑफ राजस्थान’ के नाम से प्रसिद्ध
- माही नदी के किनारे बसा हुआ
- माही बजाज सागर बांध का स्थल
- आदिवासी बहुल जिला, वन संपदा से समृद्ध
- आंधेश्वर महादेव मंदिर और भैंसरोगढ़ किला स्थित
चित्तौड़गढ़
- विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ किले के लिए विख्यात
- विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ और मीरा बाई का मंदिर स्थित
- महाराणा प्रताप और मीरा बाई की जन्मस्थली
- मेवाड़ क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र
- राजपूत शौर्य और बलिदान की भूमि
राजसमंद
- राजसमंद झील और कुंभलगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध
- मेवाड़ क्षेत्र का हिस्सा
- संगमरमर उद्योग का प्रमुख केंद्र
- नौ चौकी शिलालेख और हल्दीघाटी स्थित
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर में समृद्ध
हनुमानगढ़
- घग्गर नदी के किनारे बसा हुआ
- कालीबंगा सभ्यता का प्रमुख स्थल
- भटनेर किला और श्री कोलायत जी मंदिर स्थित
- सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध
- पंजाब और हरियाणा की सीमा से लगा हुआ
करौली
- ब्रज क्षेत्र का हिस्सा
- कैला देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध
- लाल पत्थर की नक्काशी और मूर्तिकला के लिए विख्यात
- मदन मोहन जी मंदिर और करौली किला स्थित
- मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ
दौसा
- अरावली पहाड़ियों में स्थित
- मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के लिए प्रसिद्ध
- भैरो जी मंदिर और दौसा किला स्थित
- ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ और अम्बर रियासतों के बीच सीमा क्षेत्र
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा
बाराँ
- हडोती क्षेत्र का हिस्सा
- काकुनी और परवन नदियों के संगम पर स्थित
- शेरगढ़ किला और कपिल धारा मंदिर स्थित
- मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध