भौतिक राशियाँ और मापन
Physical Quantities and Measurements
प्राकृतिक विज्ञान (Natural Science)
प्राकृतिक विज्ञान की मुख्यतः तीन शाखाएँ हैं
1. भौतिकी (Physics)
2. रसायन विज्ञान (Chemistry)
3. जीव विज्ञान (Biology)
भौतिकी (Physics)
‘Physics’शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘प्रकृति’ या प्राकृतिक चीज़े।
प्रकृति के मूलभूत नियमों का अध्ययन एवं विभिन्न प्राकृतिक परिघटनाओं में उनकी अभिव्यक्ति के अध्ययन को भौतिकी कहा जाता है।
उदाहरण के लिये, पृथ्वी द्वारा प्रत्येक वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल लगाया जाता है तथा सेब के टूटकर पृथ्वी पर गिरने की परिघटना में गुरुत्वाकर्षण बल की अभिव्यक्ति है।
अध्ययन की सुविधा के लिये भौतिकी को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है
यांत्रिकी (Mechanics)
ऊष्मा (Heat & Thermodynamics)
तरंग गति(Waves)
ध्वनि (Sounds)
प्रकाशिकी(Optics)
विद्युत धारा एवं विद्युत चुंबकत्व (Electric current & Electromagnetism)
आधुनिक भौतिकी(Modern Physics)
भौतिकी में जिन परिघटनाओं, वस्तुओं या पदार्थों का अध्ययन किया जाता है, उनके भौतिक गुणों को ‘भौतिक राशियों’ के रूप में अभिव्यक्त करते हैं।
भौतिक राशियाँ (Physical Quantities)
किसी द्रव्य (Matter) की सही स्थिति या उचित मात्रात्मक स्थिति या किसी परिघटना की सटीक व्याख्या के लिये जिन पदों का उपयोग किया जाता है, उन्हें भौतिक राशियाँ कहते हैं।
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं-
1. अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
2. सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जिन्हें व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण (Magnitude) की आवश्यकता होती है, अदिश राशियाँ कहलाती हैं।
इन राशियों के साथ कोई दिशा नहीं होती।
अदिश राशियों को सामान्य बीजगणितीय विधि से जोड़ा जा सकता है।
ये जोड़ के त्रिभुज नियम का पालन नहीं करती हैं।
उदाहरणः द्रव्यमान, दूरी, चाल, आयतन, कार्य, शक्ति आदि।
सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
वे भौतिक राशियाँ, जिन्हें व्यक्त करने के लिये परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है, सदिश राशियाँ कहलाती हैं।
गणितीय क्रियाओं में सदिश राशियों के परिमाण और दिशा दोनों को ध्यान रखना
आवश्यक होता है।
सदिश राशियाँ जोड़ के त्रिभुज नियम का पालन करती हैं।
उदाहरणः वेग, विस्थापन, बल, संवेग आदि।
यहाँ उपर्युक्त राशियों को व्यक्त करने के लिये परिमाण के साथ दिशा की भी आवश्यकता होगी, जैसे
वेग – 5 किमी/सेकंड पूर्व की ओर
विस्थापन – 10 किमी. पश्चिम की ओर
बल – 5 न्यूटन नीचे की ओर
संवेग – 5 कि.ग्रा. मी./सेकंड दाईं तरफ
भौतिक राशियों का एक अन्य वर्गीकरण मूल राशियों एवं व्युत्पन्न राशियों के रूप में किया जा सकता है।
मूल राशियाँ (Fundamental Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जो अन्य भौतिक राशियों से स्वतंत्र हैं, मूल राशियाँ कहलाती हैं। उदाहरण- दूरी (लंबाई), समय, द्रव्यमान इत्यादि।
व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जो एक या एक से अधिक मूल राशियों पर निर्भर हैं, व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं। उदाहरण- चाल (दूरी और समय पर निर्भर)।
मापन (Measurement)
सभी भौतिक राशियों को मापने के लिये दो तथ्यों का ज्ञान आवश्यक है- आंकिक मान (Numerical Value) और मात्रक या इकाई (Unit)।
उदाहरण- यदि किसी पात्र में रखे पानी की मात्रा को मापना है और हम इसका भार जानना चाहते हैं, तो भार का आंकिक मान मात्रक के साथ प्रयोग करेंगे, जैसे- 5 किलोग्राम। वहीं, यदि पानी का आयतन जानना है तो आयतन का आंकिक मान मात्रक के साथ प्रयुक्त होगा, जैसे- 5 लीटर
मात्रक (Units)
किसी भौतिक राशि को मापने के अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मानक को इकाई या मात्रक कहा जाता है।
भौतिक राशियों के एक निश्चित परिमाण को मानक मानकर तथा उन्हें विभिन्न नाम देकर संबंधित राशियों के मात्रकों का निर्माण किया गया है।
मात्रक के दो प्रकार होते हैं-
1. मूल मात्रक (Fundamental Units)
2. व्युत्पन्न मात्रक (derived units)
मूल मात्रक (Fundamental Units)
मूल राशियों को व्यक्त करने के लिये प्रयुक्त मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं। ये अन्य मानकों से स्वतंत्र होते हैं।
उदाहरण
लंबाई का मात्रक – मीटर
समय का मात्रक – सेकंड
भौतिक राशियों की विमाएँ (dimensions of physical quantities)
किसी भौतिक राशि की विमाएँ उन घातों (या घातांकों) को कहते हैं जिन्हें उस राशि को व्यक्त करने के लिये मूल राशियों पर चढ़ाना पड़ता है।
किसी भौतिक राशि की प्रकृति की व्याख्या उसकी विमाओं द्वारा की जाती है। मूल राशियों के विमीय सूत्र स्वतंत्र रूप से निर्धारित किये गए हैं तथा व्युत्पन्न राशियों के विमीय सूत्र मूल राशियों के घातांकों के रूप में व्यक्त किये जाते हैं।
मूल राशियाँ एवं उनके विमीय सूत्र (Fundamental Units and their dimensional formulas)
लंबाई [L]
द्रव्यमान [M]
समय [T]
ताप [K]
विद्युत धारा [A]
ज्योति तीव्रता [cd]
पदार्थ की मात्रा [mol]
व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
वे मात्रक जो मूल मात्रकों से प्राप्त होते हैं या इनसे निगमित किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
जैसे- मीटर, लंबाई और सेकंड, समय का मूल मात्रक है। इनसे व्युत्पन्न मात्रक मीटर/सेकंड चाल का मात्रक है।
दस की घात (Power of Ten)
जब कोई भौतिक मान बहुत छोटा या बहुत बड़ा होता है तो गणना की सुविधा की दृष्टि से उसे दस की घात में व्यक्त किया जाता है।
मात्रक पद्धतियाँ (Systems of Units)
भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त ‘मात्रकों’ के लिये चार पद्धतियाँ हैं
1. MKS पद्धति
2. CGS पद्धति, (French/Metric system)
3. FPS पद्धति, (BRISTISH System)
4. SI पद्धति(system international)
SI पद्धति (The International System of Units)
SI पद्धति MKS पद्धति का ही संशोधित एवं परिवर्द्धित रूप है।
सन् 1960 में अंतर्राष्ट्रीय माप-तौल अधिवेशन में SI पद्धति को सर्वमान्य घोषित किया गया। अब इसी पद्धति को मानक रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
SI पद्धति के अंतर्गत 7 मूल मात्रकों(Fundamental Units)तथा दो संपूरक मात्रकों (Supplementary Units) को स्वीकार किया गया है। 7 मूल मात्रकों में पदार्थ की मात्रा के लिये मात्रक ‘मोल’ को 1971 में मान्यता दी गई थी। तब से अभी तक मूल मात्रकों की संख्या 7 ही है।
रेडियन (Radian)
वह कोण, जो वृत्त की त्रिज्या के बराबर चाप के द्वारा वृत्त के केंद्र पर बनाता है, एक रेडियन कहलाता है।
स्टेरेडियन (Steradian)
घन कोण का वह मान जो गोले के पृष्ठ के उस भाग द्वारा जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर होता है, गोले के केंद्र पर बनाया जाता है, एक स्टेरेडियन (sr) कहलाता है।
महत्त्वपूर्ण मात्रक/इकाई
फुट- FPS पद्धति में लंबाई या दूरी का मात्रक फुट है।
1 फुट में 12 इंच या 30.48 से.मी. या 0.304 मीटर होते हैं।
इंच- लंबाई या दूरी का मात्रक है। 1 इंच में 2.54 से.मी. और 1 मीटर में 39.37 इंच होते हैं।
01 सेंटीमीटर = 0.01 मीटर या 0.39 इंच
माइक्रॉन– माइक्रोमीटर को माइक्रॉन भी कहा जाता है। इसे ““ (म्यू) से दर्शाते हैं।
एंग्स्ट्रॉम– अत्यंत छोटी दूरी मापने का मात्रक है। तरंगदैर्ध्य को सामान्यतः एंग्स्ट्रॉम में व्यक्त करते हैं। इसको A से दर्शाते हैं। ।
अत्यंत लंबी खगोलीय दूरियों को मापने के लिये खगोलीय इकाई. प्रकाश वर्ष और पारसेक का प्रयोग किया जाता है।
खगोलीय इकाई(Astronomical Unit): खगोलीय इकाई पृथ्वी के केंद्र से सूर्य के केंद्र की औसत दूरी के बराबर होती है।
प्रकाश वर्ष(Light Year) : यह प्रकाश द्वारा एक वर्ष में 1 लाख 86 हज़ार मील/सेकंड के वेग से तय की गई दूरी है। यह खगोलीय दूरी मापने की इकाई है।
पारसेक (Parsec-Parrallax Second)): इसका प्रयोग खगोलीय दूरियों को व्यक्त करने के लिये करते हैं।
पारसेक वह दूरी है जिस पर खगोलीय इकाई एक सेकंड का कोण बनाती है।
बैरल (Barrel) : बैरल एक खाली बेलनाकार कंटेनर होता है, 1 Barrel=159 लीटर
कच्चा तेल (Crude Oil) मापने में सामान्यतः बैरल का उपयोग किया जाता है।
मोल (Mole) : किसी पदार्थ की वह मात्रा, जिसमें उस पदार्थ के अवयवों (अणु या परमाणु या आयन) की संख्या, कार्बन (C-12) के 0.012 कि.ग्रा. में उपस्थित परमाणुओं की संख्या के बराबर होती है, एक मोल कहलाती है।
इस संख्या को ही एवोगैड्रो नियतांक(Avogadro constant) या एवोगैड्रो संख्या कहते हैं
डॉब्सन (Dobson)– वायुमंडल के उर्ध्वाधर स्तंभ में उपस्थित किसी गैस की मात्रा मापने की इकाई है। वायुमंडलीय ओजोन(o3 )की मात्रा को डॉब्सन में व्यक्त करते हैं।
क्यूसेक (Cusec)- यह प्रवाह मापने की इकाई है, यह क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (Cubic Feet per Second) का संक्षिप्त रूप है। सामान्यतः नदियों के जल प्रवाह को क्यूसेक में व्यक्त करते हैं।
बार(Bar)– दबाव मापने का मात्रक है। 1 बार = 100,000पास्कल अथवा 100 किलो पास्कल (यह वर्तमान में समुद्रतल पर वायुमंडलीय दाब के लगभग बराबर है।)
जूल(Joule)- यह कार्य व ऊर्जा दोनों का मात्रक है।
1 Calorie = 4.184 joule
थर्म (Therm)- यह ऊष्मा(heat) का मात्रक है जो ‘thm’ प्रतीक चिह्न से दर्शाया जाता है। यह 100,000 ब्रिटिश थर्मल यूनिट के समतुल्य है।
कूलॉम(coulomb,C)- विद्युत आवेश(electric charge) का मात्रक है।
वोल्ट(volt)- विभवांतर(volatge) का मात्रक है।
ओम ()– विद्युत प्रतिरोध(resistance) को ‘ओम’ में व्यक्त करते हैं।
वॉट(w)– शक्ति(power) का SI मात्रक है जो जूल/सेकंड के बराबर होता है।
मेगावॉट (Megawatt-MW)- यह विद्युत केंद्रों में उत्पादित बिजली को मात्रा मापने की इकाई है। एक मेगावॉट 106 वॉट के बराबर होता है।
हॉर्स पावर (अश्व शक्ति)– यह शक्ति मापने का मात्रक है। बड़े यंत्रों एवं मोटरों की शक्ति हॉर्स पावर में व्यक्त की जाती है।
1 हॉर्स पावर(Horse Power,HP) = 746 वॉट
किलोवॉट घंटा(Kwh)– ऊर्जा की एक इकाई है।
1 किलोवॉट घंटा का मान 3.6 मेगाजूल के बराबर होता है।
मैक (Mach)
अति तीव्र चाल मापने की इकाई है।
किसी माध्यम में ध्वनि की चाल को 1 मैक कहा जाता है। 1 मैक से अधिक चाल को सुपरसोनिक (Supersonic) तथा 5 मैक से अधिक चाल को हाइपरसोनिक (Hypersonic) चाल कहा जाता है।
तीव्रगामी वायुयान और लड़ाकू विमानों की गति को ‘मैक’ से व्यक्त करते हैं।
(SONAR: Sound Navigation and Ranging)
यह पराश्रव्य(Ultrasonic) तरंगों के उपयोग से समुद्र के भीतर किसी वस्तु की स्थिति ज्ञात करने में सहायक उपकरण है।
पनडुब्बियों के नौवहन में उपयोग किया जाता है।
नॉट (Knot)– समुद्री जहाज़ की गति मापने की इकाई है। एक समुद्रीमील प्रति घंटा चाल को नॉट कहा जाता है।
रडार (RADAR: Radio Detection and Ranging)
यह सूक्ष्म तरंगों के उपयोग से किसी वस्तु की स्थिति पता लगाने का कार्य करता है।
वायुयानों के परिचालन हेतु हवाई अड्डों पर प्रयोग किया जाता है।
रिक्टर स्केल(Richter scale)– भूकंपीय तरंगों की तीव्रता मापने की इकाई है।
Developed BY- charles RICHTER in 1935
द्रव्यमान के अन्य मात्रक
1 औंस (Ounce-oz) = 28.35 ग्राम
1 पाउंड (Pound-lb) = 16 औंस या 453.52 ग्राम या 0.453 कि ग्रा.
1 कि.ग्रा = 1000 ग्राम (2.205 पाउंड)
1 क्विंटल (quintol)= 100 किग्रा.
1 मिट्रिक टन(Ton) = 1000 किग्रा.
दूरी के अन्य मात्रक
समय के अन्य मात्रक
1 चंद्रमास = 4 सप्ताह या 28 दिन (लगभग)
1 सौरमास = 30 दिन या 31 दिन फरवरी में 28 या 29 दिन
1 लीप वर्ष = फरवरी में 29 दिन, वर्ष में 366 दिन
मापक यंत्र (Measuring Instrument)
विभिन्न राशियों को मापने के लिये कई मापक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। कुछ महत्त्वपूर्ण मापक यंत्र एवं उनके अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं
बैरोमीटर (Barrometer)- वायुमंडलीय दाब को मापने का यंत्र है। इसमें अलग-अलग द्रव, जैसे: जल, पारा या हवा का प्रयोग किया जाता है। साधारणतः पारे का प्रयोग अधिक प्रचलित है।