भारत की प्रजातियाँ (Races and Tribes of India)
- भारत में आने वाली सबसे पहली प्रजाति – नीग्रो (नीग्रिटो) है, इसके बाद क्रमशः प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड एवं भूमध्यसागरीय प्रजातियों का आगमन हुआ तथा सबसे अंत में नार्डिक प्रजाति का आगमन हुआ।
- प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड एवं भूमध्यसागरीय प्रजातियों ने मिलकर हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत की।
हड़प्पा काल में 4 प्रकार की प्रजातियों का अस्तित्व था।
- प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड
- भूमध्यसागरीय
- अल्पाइन
- मंगोलॉयड
डॉ. बी.एस. गुहा ने भारतीय उपमहाद्वीप की मानव जनसंख्या को 6 मुख्य प्रजातियों में विभक्त किया है
- नीग्रिटो/नीग्रो (Negrito/Negro)
- आद्य-ऑस्ट्रेलॉयड (Proto-Australoid)
- मंगोलॉयड (Mongoloid)
- भूमध्यसागरीय (Mediterranean)
- चौड़े सिर वाले पाश्चात्य/लघुशीर्ष (Western Brachycephals)
- नार्डिक (Nardic)
भारत की जनजातियाँ (Tribes of India)
- विश्व में सर्वाधिक जनजातीय आबादी भारत में है
- भारत के संविधान में इन्हें ‘अनुसूचित जनजाति’ कहा गया है (अनुच्छेद 342) किंतु भारतीय संविधान अनुसूचित जनजाति को परिभाषित नहीं करता।
- सर्वप्रथम जनजातियों के लिये ‘आदिवासी’ शब्द का प्रयोग ठक्कर बापा द्वारा किया गया।
- अंडमान-निकोबार एवं लक्षद्वीप की जनजातियाँ
- शोम्पेन, जारवा, सेंटलीज इत्यादि।
भारत के कुछ प्रमुख जनजातीय समुदाय
- सर्वाधिक जनसँख्या वाली जनजाति (2011 जनगणनना )
- भील जनजाति
- गोंड जनजाति
- संथाल जनजाति
भील जनजाति
- भारत की सर्वाधिक जनसँख्या वाली जनजाति है। (2011 जनगणनना )
- मुख्य संकेंद्रण – राजस्थान
- लोग ‘भीली भाषा’ बोलते हैं।
गोंड जनजाति
- भारत की दूसरी सर्वाधिक जनसँख्या वाली जनजाति है।
- मुख्य संकेंद्रण – छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में
- यह द्रविड़ परिवार की जनजाति है
- भाषा – ‘गोंडी’
संथाल जनजाति
- भारत की तीसरी सर्वाधिक जनसँख्या वाली जनजाति है।
- निवास – झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश एवं असम
- इनका संबंध प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड प्रजाति से है।
मुंडा जनजाति
- प्रमुख क्षेत्र- झारखंड है।
- भाषा – मुंडारी ( ऑस्ट्रिक परिवार की भाषा )
- ‘सरहुल’ इनका प्रमुख त्योहार है।
बोडो जनजाति
- निवास- असम राज्य में
- बोडो जनजाति समूह में शामिल जनजाति – कछारी, गारो, मेच, डिमासा, लालुंग आदि
- भाषा – बोडो भाषा (तिब्बत-बर्मा भाषा परिवार की ही एक शाखा है)
थारू जनजाति
- निवास – उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती नेपाल क्षेत्र एवं उत्तराखंड
- थारू जनजाति दीपावली को ‘शोक पर्व’ के रूप में मनाते थे।
भोटिया/भूटिया जनजाति
- संकेंद्रण – पर्वतीय स्थानों पर (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा सिक्किम राज्यों में) पाया जाता है।
- भोटिया जनजाति ‘ऋतु-प्रवास‘ हेतु प्रसिद्ध है।
नागा जनजाति
- संकेंद्रण – नागालैंड राज्य
- इनका प्रमुख त्योहार ‘मिथन’ है।
- भाषा- ‘नागमिस’ (नागा और असमिया भाषा का मिश्रण)
मीणा जनजाति
- निवास – राजस्थान में
- मीणा जाति अपनी उत्पत्ति विष्णु के दसवें अवतार से मानती है।
टोडा जनजाति
- निवास – नीलगिरी पहाड़ियों पर
- भाषा – ‘टोडा’ (कन्नड़ भाषा से संबंधित एक द्रविड़ भाषा है)
- टोडा जनजाति में बहुपति(Polyandry) विवाह प्रथा पाया जाता है
युवागृह
- जनजातियों की प्रशिक्षण केंद्र (शिक्षा हेतु गुरुकुल की भाँति)
- इसके सदस्य केवल अविवाहित होते हैं।
- युवा गृह के अलग-अलग नाम
- मुड़िया जनजाति –‘घोटुल’,
- उराँव जनजाति -‘धुमकुरिया’
- बिरहोर जनजाति –‘गितुओना’
- पुस्तक ‘The Muria and Their Ghotul’ में युवागृह के बारे में जानकारी
- लेखक – वेरियर एल्विन (1947 में प्रकाशित)
भारत की जनजातीय जनगणना-2011
- जनजातियों की कुल जनसंख्या – 10,42,81,034
- कुल जनसंख्या का 8.6 %
- कुल समूह संख्या (व्यक्तिगत जाति समूह) – 705
- जनजातियों में लिंगानुपात – 990
- जनजातियों में सर्वाधिक लिंगानुपात – गोवा (1,046)
- जनजातियों में सबसे कम लिंगानुपात – जम्मू-कश्मीर (924)
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति(ST) जनसंख्या – मध्य प्रदेश में
- मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21.1 प्रतिशत है।
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति(ST) जनसंख्याकेंद्रशासित प्रदेश
- दादरा एवं नागर हवेली
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में( % के आधार पर)
- लक्षद्वीप में सर्वोच्च (94.8%)
- दूसरे स्थान पर मिज़ोरम (94.4%)
- अपनी कुल जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जनजातियों का सबसे कम प्रतिशतउत्तर प्रदेश में है।
- कोई भी अनुसूचित जनजाति नहीं पाई जाती है।
- दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ एवं पुदुच्चेरी में
- अनुसूचित जनजातियों की साक्षरता दर – 59 प्रतिशत
- (पुरुष-68.5 प्रतिशत, महिला- 49.4 प्रतिशत)
- 2001 में – 47.1 प्रतिशत थी।
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य
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- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- ओडिशा
- राजस्थान
- गुजरात
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य (प्रतिशत की दृष्टि से)
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- लक्षद्वीप
- मिज़ोरम
- नागालैंड
- मेघालय
- अरुणाचल प्रदेश
- उत्तर प्रदेश की जौनसारी जनजाति में बहु विवाह व्यवस्था(polygamy) पाया जाता है