भौतिक विभाग (Physical Division)
- छोटानागपुर पठार
- भारत के प्रायद्वीपीय पठार का उत्तर-पूर्वी भाग है।
- विस्तार – उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार तथा छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं तक
- औसत ऊँचाई – 700 मीटर
- निर्माण – लावा के जमाव से
इस पठार के चार भाग हैं, जो इस प्रकार हैं
- पाट का पठार
- राँची का पठार
- निचला छोटानागपुर पठार
- राजमहल उच्चभूमि और अपरदित मैदानी भू-भाग
झारखण्ड में भूमिगत जल की मात्रा अत्यंत कम होने का कारण
- आर्कियनकालीन चट्टानों की अधिकता,
- मृदा की छिद्रता में कमी
- पठारी ढाल के कारण जल के अंतः स्पंदन की दर कम
छोटानागपुर का पठार
- राँची का पठार, हजारीबाग का पठार, कोडरमा का पठार, बोनाई का पठार और क्योंझर का पठार इत्यादि प्रसिद्ध पठार हैं।
1. पाट क्षेत्र (पश्चिमी पठार)
- पाट का अर्थ – समतल जमीन
- झारखंड का सबसे पश्चिमी एवं सबसे ऊँचाई वाला भाग पाट प्रदेश के नाम से जाना जाता है।
- पाट के पठार में नेतरहाट और बागड़ आदि क्षेत्र हैं
- विस्तार – राँची के उत्तर पश्चिमी हिस्से से लेकर पलामू जिले के दक्षिणी हिस्से तक
- पलामू, गढ़वा, लोहरदगा तथा उत्तरी गुमला
- आकृति – त्रिभुजाकार
- औसत ऊँचाई – 900 मीटर (2500-3000 फीट)
- पाट ऊपरी भाग – टांड़
- पाट निचला भाग – दोन
- नेतरहाट सबसे ऊँचा क्षेत्र है, जिसकी ऊँचाई 3514 फीट (1071 मीटर) है।
झारखण्ड के तीन सबसे ऊँचे पाट हैं।
- नेतरहाट पाट (1,180 मी./3,871 फीट)
- गणेशपुर पाट (1,171 मी)
- जनीरा पाट (1,142 मी )
पाट क्षेत्र की प्रमुख पहाड़ियाँ/मैदान
- सानु एव सारऊ पहाड़ी
- बारवे का मैदान
राँची तथा हजारीबाग का पठार
- पाट प्रदेश के पूर्व में (औसत ऊँचाई 2000 फीट) दो पठार पाए जाते हैं
(क) राँची का पठार
(ख) हजारीबाग का पठार
- दोनों पठार दामोदर घाटी द्वारा एक-दूसरे से अलग हैं।
राँची का पठार
- राँची का पठार झारखण्ड का सबसे बड़ा पठारी भाग है।
- ऊँचाई – 600 मीटर (1970 फीट)
हजारीबाग का पठार
(a) ऊपरी हजारीबाग का पठार
- विस्तार – हजारीबाग
- ऊँचाई – 600 मीटर (1970 फीट)
(b) निचला हजारीबाग का पठार/बाहरी छोटानागपुर का पठार
- यह अत्यंत कठोर पाइरोक्सी ग्रेनाइट से निर्मित है।
- विस्तार – हजारीबाग
- ऊँचाई – 450 मीटर (1476 फीट)
- इसे बाह्य पठार भी कहा जाता है।
- झारखण्ड में सबसे कम ऊँचाई वाला पठारी क्षेत्र है।
- इस क्षेत्र में पारसनाथ की पहाड़ी स्थित है।
राजमहल की पहाड़ियाँ
- विस्तार – संथाल परगना में (दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज)
- ऊँचाई – 500-1000 फीट/ 150-300 मीटर
- लावा से निर्मित क्षेत्र है।
- टोंगरी – नुकीली पहाड़ियों का स्थानीय नाम
- डोंगरी – गुम्बदनुमा पहाड़ियों का स्थानीय नाम
- इसके दक्षिण में अजय नदी घाटी मौजूद है।
चाईबासा का मैदान
- यह उत्तर में दालमा, पूरब में ढालभूम, पश्चिम में सारंडा पश्चिमोत्तर में पोरहाट की पहाड़ी और दक्षिण में कोल्हान श्रेणी से घिरा है।
- ऊँचाई – लगभग 500 फीट